तिलक ने भारतीय दर्शन और संस्कृति पर अनेक रचनाएँ की। मांडले जेल में रचित अपनी पुस्तक ‘गीता रहस्य’ में उन्होंने श्रीमदभगवद्गीता के कर्मयोग की वृहद व्याख्या की। इसके अतिरिक्त उन्होंने ‘आर्कटिक होम इन द वेदास’, ‘द हिंदू फिलॉसफी ऑफ लाइफ, ‘इथिक्स एंड रिलिजन’, ‘वैदिक क्रोनोलॉजी एंड वेदांग ज्योतिष’ आदि पुस्तकों की रचना की.
1 अगस्त, 1920 को तिलक ने मुंबई में अपनी अंतिम साँस ली।तिलक की मृत्यु पर महात्मा गाँधी ने कहा - ‘हमने आधुनिक भारत का निर्माता खो दिया है.'
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