जिज्ञासा
हमारा सारा ज्ञान एवं सारी योग्यताएं जिज्ञासा के बिना व्यर्थ हैं--रबींद्रनाथ टैगोर
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Wednesday, September 19, 2012
'बर्फी' शारीरिक-मानसिक विकलांगता के शिकार लोगों के प्रति गहरी संवेदना जगाती है..
'बर्फी' शारीरिक-मानसिक विकलांगता के शिकार लोगों के प्रति गहरी संवेदना जगाती है। 'बर्फी' में एक मूक बधिर नौजवान और ऑटिज्म की शिकार एक लड़की केंद्रीय चरित्र बनाया गया है। इस तरह की फिल्में समाज की मानसिकता को बदलने में काफी कारगर हो सकती हैं।
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