Wednesday, October 31, 2012

सैंडी

2005 में आए कैटरीना चक्रवात ने न्यू ऑर्लियंस शहर को तहस-नहस कर दिया था और पूरे 100 अरब डॉलर की चपत अमेरिका को लगाई थी। सैंडी को फ्रीक स्टॉर्म और फ्रैंकेंस्टॉर्म भी पुकारा जा रहा है. पिछले साल जुलाई में आइरीन के बाद लगातार दूसरे साल एक हरिकेन ने अमेरिका के उत्तरी इलाकों में प्राकृतिक आपदा की स्थिति पैदा की है।दक्षिण के गर्म कैरिबियाई क्षेत्र से उठे इस तूफान को उत्तर में ध्रुवीय क्षेत्र से आ रहे एक ठंडे तूफान का साथ मिल गया और दोनों सिस्टमों ने एक-दूसरे को कमजोर बनाने के बजाय एक-दूसरे को ताकतवर बनाया।

महाबोधि मंदिर

महाबोधि मंदिर बुद्ध भुगवान की ज्ञान प्राप्ति के स्‍थान पर स्थित है.प्रथम मंदिर तीसरी शताब्‍दी बी. सी. में सम्राट अशोक द्वारा निर्मित कराया गया था और वर्तमान मंदिर पांचवीं या छठवीं शताब्‍दी में बनाए गए। यह ईंटों से पूरी तरह निर्मित सबसे प्रारंभिक बौद्ध मंदिरों में से एक है जो भारत में गुप्‍त अवधि से अब तक खड़े हुए हैं।

नीलम

दक्षिणी भारत के पूर्वी तट पर चक्रवाती तूफान 'नीलम' ने दस्तक दे दी. महाबलिपुरम के तट के करीब रहने वाले लगभग चार हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया गया.तूफान को देखते हुए कलपक्कम परमाणु प्लांट में अलर्ट जारी कर दिया गया है। प्लांट के दोनों रिऐक्टर फिलहाल सुरक्षित हैं.

Tuesday, October 30, 2012

फतेहपुर सीकरी का निर्माण मुगल शासक अकबर द्वारा कराया गया था...

फतेहपुर सीकरी का निर्माण मुगल शासक अकबर द्वारा कराया गया था। संत शेख सलीम चिश्‍ती के सम्‍मान में सम्राट अकबर ने सीकरी ब्रिज पर इस विशाल शहर की नींव रखी थी। वर्ष 1571 में उन्‍होंने स्‍वयं अपने उपयोग के लिए भवन निर्माण का आदेश दिया. जामा मस्जिद संभवतया पहला भवन था, जो निर्मित किया गया. अन्‍य महत्‍वपूर्ण भवनों में शेख सलीम चिश्‍ती की दरगाह, नौबत-उर-नक्‍कारखाना, टकसाल, कारखाना, हकीम का घर, दीवान-ए-आम (जनता के लोगों के लिए बनाया गया कक्ष), मरियम का निवास, जिसे सुनहरा मकान (गोल्‍डन हाउस) भी कहते हैं, जोधा बाई का महल, बीरबल का निवास आदि शामिल हैं।

एलिफेंटा की गुफाएं

एलिफेंटा कोंकणी मौर्य की द्वीप राजधानी थी. यह तीन शीर्ष वाली महेश मूर्ति की भव्‍य छवि के लिए जाना जाता है.गुफा में बना यह मंदिर भगवान शिव का समर्पित है, जिसे राष्‍ट्र कूट राजाओं द्वारा लगभग 8वीं शताब्‍दी के आस पास खोज कर निकाला गया था.एलिफेंटा की गुफाएं 7 गुफाओं का सम्मिश्रण हैं, जिनमें से सबसे महत्‍वपूर्ण है महेश मूर्ति गुफा।इस गुफा में शिल्‍प कला के कक्षो में अर्धनारीश्‍वर, कल्‍याण सुंदर शिव, रावण द्वारा कैलाश पर्वत को ले जाने, अंधकारी मूर्ति और नटराज शिव की उल्‍लेखनीय छवियां दिखाई गई हैं।इस गुफा को यूनेस्‍को द्वारा विश्‍व विरासत का दर्जा दिया गया है।

Monday, October 29, 2012

महाराजा राजा राज चोल ने दसवीं शताब्‍दी में बृहदेश्‍वर मंदिर का निर्माण कराया था..

महाराजा राजा राज चोल ने दसवीं शताब्‍दी में बृहदेश्‍वर मंदिर का निर्माण कराया था और इसकी संकल्‍पना प्रसिद्ध वास्‍तुकार सामवर्मा ने की थी। बृहदेश्‍वर मंदिर तंजौर में स्थित हैं.बृहदेश्‍वर मंदिर के शिखर पर 65 मीटर विमान पिरामिड के आकार में बनाया गया है, यह एक गर्भ गृह स्‍तंभ है।द्वितीय बृहदेश्‍वर मंदिर संकुल का निर्माण राजेन्‍द्र - 1 द्वारा 1035 में पूरा किया गया था।

सांची बौद्ध स्‍तूप

सांची, काकानाया, काकानावा, काकानाडाबोटा तथा बोटा श्री पर्वत के नाम से प्राचीन समय में जाना जाता था.सांची के स्‍तूप अपने प्रवेश द्वार के लिए उल्‍लेखनीय है, इनमें बुद्ध के जीवन से ली गई घटनाओं और उनके पिछले जन्‍म की बातों का सजावटी चित्रण है।सांची को जनरल टेलर, एक ब्रिटिश अधिकारी ने दोबारा खोजा, जो आधी दबी हुई और अच्‍छी तरह संरक्षित अवस्‍था में था। 1912 में सर जॉन मार्शल, पुरातत्‍व विभाग के महानिदेशक इस स्‍थल पर खुदाई के कार्य का आदेश दिया.शूंग के समय में सांची में और इसकी पहाडियों के आस पास अनेक मुख द्वार तैयार किए गए थे।

दिलवाड़ा जैन मंदिर

माउंटआबू के दिलवाड़ा जैन मंदिर विभिन्‍न जैन तीर्थंकरों के मठ हैं। इस समूह के 5 मठों में से 4 का वास्‍तुकलात्‍मक महत्‍व है। इन्‍हें सफेद संगमरमर के पत्‍थर से बनाया गया है. गुजरात के सोलंकी शासकों के मंत्रियों ने 11वीं से 13वीं शताब्‍दी तक इन मंदिरों का निर्माण कराया.विमल साही यहां का सबसे पुराना मंदिर है, जिसे प्रथम जैन तीर्थंकर आदिनाथ को समर्पित किया गया है। विमल शाह, गुजरात के सोलंकी शासकों के मंत्री थे, जिन्‍होंने वर्ष 1031 ए. डी. में इसका निर्माण कराया था। मंदिर की केन्‍द्रीय छत में भव्‍य पच्‍चीकारी की गई है. एक अन्‍य दिलवाड़ा मंदिर लूना वासाही, वास्‍तुपाला और तेजपाला हैं, जिन्‍हें गुजरात के वाघेला तत्‍कालीन शासकों के मंत्रियों के नाम पर नाम दिया गया है.

सिटी पैलेस

सिटी पैलेस पिछोला झील पर स्थित है। महाराणा उदय सिंह ने इस महल का निर्माण आरंभ किया किन्‍तु आगे आने वाले महाराणाओं ने इस संकुल में कई महल और संरचनाएं जोड़े.महल का प्रवेश हाथी पोल की ओर से है। बड़ी पोल या बड़ा गेट त्रिपोलिया अर्थात तीन प्रवेश द्वारों में से एक है।सूरज गोखड़ा एक ऐसा स्‍थान है जहां से महाराणा जनता की बातें सुनते थे.

उदयपुर को पूर्व का वेनिस कहा जाता है..

उदयपुर को पूर्व का वेनिस कहा जाता है। महाराणा उदय सिंह - II ने 1568 में मुगल बादशाह अकबर द्वारा उनके चित्तौड़गढ़ पर कब्‍ज़ा कर लेने के बाद उदयपुर की नींव रखी। उदय सिंह को एक पवित्र पुरुष ने पिछोला झील के पास पहाड़ी पर ध्‍यान करते हुए अपनी राजधानी इसी स्‍थान पर स्‍थापित करने का मार्गदर्शन दिया.

चार मीनार

चार मीनार 1591 में मोहम्‍मद कुली कुतुब शाह द्वारा बनवाई गई बृहत वास्‍तुकला का एक नमूना है। हैदराबाद शहर की पहचान मानी जाने वाली चार मीनार चार मीनारों से मिलकर बनी एक चौकोर प्रभावशाली इमारत है।यह स्‍मारक ग्रेनाइट के मनमोहक चौकोर खम्‍भों से बना है, जो उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम दिशाओं में स्थित चार विशाल आर्च पर निर्मित किया गया है। चौकोर संरचना के प्रत्‍येक कोने पर एक छोटी मीनार है जो 24 मी. ऊंचाई की है, इस प्रकार यह भवन लगभग 54 मीटर ऊंचा बन जाता है।

Sunday, October 28, 2012

बाड़ा इमामबाड़ा

इमामबाड़े का निर्माण नवाब आसफ - उद - दौला ने 1784 में कराया था और इसके संकल्‍पना कार थे किफायत - उल्‍ला, जो ताजमहल के वास्‍तुकार के संबंधी कह जाते हैं। बाड़ा इमामबाड़ा एक रोचक भवन है। यह न तो मस्जिद है और न ही मकबरा, किन्‍तु इस विशाल भवन में कई मनोरंजक तत्‍व अंदर निर्मित हैं. लखनऊ बाड़ा इमामबाड़ा नामक एक ऐतिहासिक द्वार का घर है. इमामबाड़े का केन्‍द्रीय कक्ष लगभग 50 मीटर लंबा और 16 मीटर चौड़ा है।

लोटस टेम्‍पल

लोटस टेम्‍पल प्राचीन संकल्‍पना, आधुनिक अभियांत्रिकी कौशल तथा वास्‍तुकलात्‍मक प्रेरणा का एक अनोखा मिश्रण है। बहाई समुदाय ने अपने पूजा स्‍थलों को जितना अधिक संभव हो सुंदर और विशिष्‍ट बनाने का प्रयास किया है। वे बहाउल्‍ला और उनके बेटे अब्‍दुल बहा की लेखनी से प्रेरित हुए हैं। वर्ष 2000 में इस मंदिर को 'ग्‍लोब आर्ट अकादमी 2000' का पुरस्‍कार दिया गया है.

आमेर का किला

यह कच्‍छवाह शासकों की पुरानी राजधानी था। मूल रूप से यह महल राजा मानसिंह ने बनावाया था और आगे चलकर सवाई जयसिंह ने इस पर कुछ और चीज़ें जोड़ी।रानियों के निजी कक्षों में जालीदार परदों के साथ खिड़कियां हैं ताकि राज परिवार की महिलाएं शाही दरबार में होने वाली कार्रवाइयों को गोपनीयता पूर्वक देख सकें।

अजंता के अंदर जो मानव और जंतु रूप चित्रित किए गए हैं, उन्‍हें कलात्‍मक रचनात्‍मकता का एक उच्‍च स्‍तर माना जा सकता है..

यूनेस्‍को द्वारा 1983 से विश्‍व विरासत स्‍थल घोषित किए जाने के बाद अजंता और एलोरा की तस्‍वीरें और शिल्‍पकला बौद्ध धार्मिक कला के उत्‍कृष्‍ट नमूने माने गए हैं. अजंता के अंदर जो मानव और जंतु रूप चित्रित किए गए हैं, उन्‍हें कलात्‍मक रचनात्‍मकता का एक उच्‍च स्‍तर माना जा सकता है। एलोरा में एक कलात्‍मक परम्‍परा संरक्षित की गई है जो आने वाली पीढियों के जीवन को प्रेरित और समृ‍द्ध करना जारी रखेंगी।

अजंता और ऐल्‍लोरा

अजंता तथा एलोरा की गुफाओं में बौद्ध धर्म द्वारा प्रेरित और उनकी करुणामय भावनाओं से भरी हुई शिल्‍पकला और चित्रकला पाई जाती है.अजंता में 29 गुफालाओं का एक सेट बौद्ध वास्‍तुकला, गुफा चित्रकला और शिल्‍प चित्रकला के उत्‍कृष्‍तम उदाहरणों में से एक है। इन गुफाओं में चैत्‍य कक्ष या मठ है, जो भगवान बुद्ध और विहार को समर्पित हैं, जिनका उपयोग बौद्ध भिक्षुओं द्वारा ध्‍यान लगाने और भगवान बुद्ध की शिक्षाओं का अध्‍ययन करने के लिए किया जाता था।

एलोरा

एलोरा में गुफाओं के मंदिर और मठ पहाड़ के ऊर्ध्‍वाधर भाग को काट कर बनाई गई है, जो औरंगाबाद के उत्तर में 26 किलो मीटर की दूरी पर है। बौद्ध धर्म, जैन धर्म और हिन्‍दुत्‍व से प्रभावित ये शिल्‍प कलाएं पहाड़ में विस्‍त़त पच्‍चीकारी दर्शाती हैं।34 गुफाओं में बौद्ध चैत्‍य या पूजा के कक्ष, विहार या मठ और हिन्‍दु तथा जैन मंदिर हैं। सबसे अधिक प्रभावशाली पच्‍चीकारी अद्भुत कैलाश मंदिर की है.

शीश महल

शीश महल या कांच का बना हुआ महल हमाम के अंदर सजावटी पानी की अभियांत्रिकी का उत्‍कृ‍ष्‍टतम उदाहरण है। ऐसा माना जाता है कि हरेम या कपड़े पहनने का कक्ष और इसकी दीवारों में छोटे छोटे शीशे लगाए गए थे जो भारत में कांच मोजेक की सजावट का सबसे अच्‍छा नमूना है। शाह महल के दांईं ओर दीवान ए खास है, जो निजी श्रोताओं के लिए है। यहां बने संगमरमर के खम्‍भों में सजावटी फूलों के पैटर्न पर अर्ध कीमती पत्‍थर लगाए गए हैं। इसके पास मम्‍मम ए शाही या शाह बुर्ज को गरमी के मौसम में उपयोग किया जाता था।

आगरे के किले में मूलत: चार प्रवेश द्वार थे..

आगरे के किले में मूलत: चार प्रवेश द्वार थे, जिनमें से दो को आगे चलकर बंद कर दिया गया। आज दर्शकों को अमर सिंह गेट से प्रवेश करने की अनुमति है। शाहजहां द्वार निर्मित पूरी तरह से संगमरमर का बना हुआ खास महल विशिष्‍ट इस्‍लामिक - पर्शियन विशेषताओं का प्रदर्शन करता है। इनके साथ हिन्‍दु विशेषताओं की एक अद्भुत श्रृंखला भी मिश्रित की गई है जैसे कि छतरियां। इसे बादशाह का सोने का कमरा या आरामगाह माना जाता है। खास महल में सफेद संगमरमर की सतह पर चित्र कला का सबसे सफल उदाहरण दिया गया है। खास महल की बांईं ओर मुसम्‍मन बुर्ज है जिसका निर्माण शाहजहां ने कराया था। यह सुंदर अष्‍टभुजी स्‍तंभ एक खुले मंडप के साथ है। इसका खुलापन, ऊंचाइयां और शाम की ठण्‍डी हवाएं इसकी कहानी कहती है। यही वह स्‍थान है जहां शाहजहां ने ताज को निहारते हुए अंतिम सांसें ली थी।

आगरे का लाल किला

यह किला लाल सैंड स्‍टोन से बना है और 2.5 किलोमीटर लम्‍बी दीवार से घिरा हुआ है. इसमें अनेक विशिष्‍ट भवन हैं जैसे मोती मस्जिद, दीवान ए आम, दीवान ए खास, मुसम्‍मन बुर्ज - जहां मुगल शासक शाह जहां की मौत 1666 ए. डी. में हुई, जहांगीर का महल और खास महल तथा शीश महल। आगरे के किले का निर्माण 1656 के आस पास शुरु हुआ, जब आरंभिक संरचना मुगल बादशाह अकबर ने निर्मित कराई, इसके बाद का कार्य उनके पोते शाह जहां ने कराया, जिन्‍होंने किले में सबसे अधिक संगमरमर लगवाया।

बृहदेश्‍वर मंदिर - तंजौर

ब़ृहदेश्‍वर मंदिर चोल वास्‍तुकला का शानदार उदाहरण है, जिनका निर्माण महाराजा राजा राज-1 द्वारा कराया गया था.बृहदेश्‍वर मंदिर भगवान शिव को समर्पित एक भवन है.एक विशाल गुम्‍बद के आकार का शिखर अष्‍टभुजा वाला है और यह ग्रेनाइट के एक शिला खण्‍ड पर रखा हुआ है.

साहित्य अकादेमी पुरस्कार

सन् 1954 में अपनी स्थापना के समय से ही साहित्य अकादेमी प्रतिवर्ष अपने द्वारा मान्यता प्रदत्त भारत की प्रमुख भाषाओं में से प्रत्येक में प्रकाशित सर्वोत्कृष्ट साहित्यिक कृति को पुरस्कार प्रदान करती है। पहली बार ये पुरस्कार सन् 1955 में दिए गए।

डॉ. चंद्रशेखर वेंकटरमन

भौतिक शास्त्र के लिए नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले पहले भारतीय डॉ. चंद्रशेखर वेंकटरमन थे। उन्हें 1930 में यह पुरस्कार प्राप्त हुआ। रमन का जन्म तमिलनाडु में तिरुचिरापल्ली के पास तिरुवाइक्कावल में हुआ था।उन्हें ‘सर’ की उपाधि से भी सम्मानित किया गया. उन्होंने अपने अनुसंधान में इस बात का पता लगाया कि किस तरह अपसरित प्रकाश में अन्य तरंग, लंबाई की किरणें भी मौजूद रहती हैं। उनकी खोज को रमन प्रभाव के नाम से भी जाना जाता है.

हरगोबिंद खुराना

हरगोबिंद खुराना को चिकित्सा के क्षेत्र में अनुसंधान के लिए नोबेल पुरस्कार दिया गया। भारतीय मूल के डॉ. खुराना का जन्म पंजाब में रायपुर (अब पाकिस्तान में) में हुआ था।उन्होंने अपनी खोज से आनुवांशिक कोड की व्याख्या की और प्रोटीन संश्लेषण में इसकी भूमिका का पता लगाया।

मदर टेरेसा को 1979 में नोबेल शांति पुरस्कार मिला..

मदर टेरेसा को 1979 में नोबेल शांति पुरस्कार मिला। मदर का जन्म अल्बानिया में स्कोपजे नामक स्थान पर हुआ था, जो अब यूगोस्लाविया में है। उनका बचपन का नाम एग्नस गोंक्सहा बोजाक्सिऊ था। सन 1928 में वह आयरलैंड की संस्था सिस्टर्स आफ लोरेटो में शामिल हुईं और मिशनरी बनकर 1929 में कोलकाता आ गईं। उन्होंने बेसहारा और बेघरबार लोगों के दुख दूर करने का महान व्रत लिया। निर्धनों और बीमार लोगों की सेवा के लिए उन्होंने मिशनरीज ऑफ चैरिटी नाम की संस्था बनाई और कुष्ठ रोगियों, नशीले पदार्थों की लत के शिकार बने लोगों तथा दीन-दुखियों के लिए निर्मल हृदय नाम की संस्था बनाई।

सुब्रह्मण्यम चंद्रशेखर

सन 1983 में भौतिक शास्त्र के लिए नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ. सुब्रह्मण्यम चंद्रशेखर खगोल भौतिक शास्त्री थे। उनकी शिक्षा चेन्नई के प्रेसीडेंसी कॉलेज में हुई। वह नोबेल पुरस्कार विजेतर सर सी.वी. रमन के भतीजे थे। बाद में चंद्रशेखर अमेरिका चले गए, जहां उन्होंने खगोल भौतिक शास्त्र तथा सौरमंडल से संबंधित विषयों पर अनेक पुस्तकें लिखीं। उन्होंने ‘व्हाइट ड्वार्फ’ यानी श्वेत बौने नाम के नक्षत्रों के बारे में सिद्धांत का प्रतिपादन किया। इन नक्षत्रों के लिए उन्होंने जो सीमा निर्धारित की है, उसे चंद्रशेखर सीमा कहा जाता है।

डॉ धर्मवीर भारती

डॉ धर्मवीर भारती को 1972 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया. उनका उपन्यास गुनाहों का देवता सदाबहार रचना मानी जाती है. सूरज का सातवां घोड़ा को कहानी कहने का अनुपम प्रयोग माना जाता है. श्याम बेनेगल ने इसी नाम की फिल्म बनायी, अंधा युग उनका प्रसिद्ध नाटक है। । वे प्रख्यात साप्ताहिक पत्रिका धर्मयुग के प्रधान संपादक भी थे।

प्रथम ज्ञानपीठ पुरस्कार 1965 में मलयालम लेखक जी शंकर कुरुप को प्रदान किया गया था..

भारत का कोई भी नागरिक जो आठवीं अनुसूची में बताई गई २२ भाषाओं में से किसी भाषा में लिखता हो ज्ञानपीठ पुरस्कार के योग्य है। पुरस्कार में 7 लाख रुपये की धनराशि, प्रशस्तिपत्र और वाग्देवी की कांस्य प्रतिमा दी जाती है। प्रथम ज्ञानपीठ पुरस्कार 1965 में मलयालम लेखक जी शंकर कुरुप को प्रदान किया गया था। उस समय पुरस्कार की धनराशि १ लाख रुपए थी।

पहला नोबेल शांति पुरस्कार

पहला नोबेल शांति पुरस्कार 1901 में रेड क्रॉस के संस्थापक ज्यां हैरी दुनांत और फ़्रेंच पीस सोसाइटी के संस्थापक अध्यक्ष फ्रेडरिक पैसी को संयुक्त रूप से दिया गया।

नोबेल पुरस्कार के रूप में प्रशस्ति-पत्र के साथ 14 लाख डालर की राशी प्रदान की जाती है..

नोबेल पुरस्कार के रूप में प्रशस्ति-पत्र के साथ 14 लाख डालर की राशी प्रदान की जाती है। अल्फ्रेड नोबेल ने कुल 355 आविष्कार किए जिनमें डायनामाइट का आविष्कार भी था। स्वीडिश बैंक में जमा राशी के ब्याज से नोबेल फाउँडेशन द्वारा हर वर्ष शांति, साहित्य, भौतिकी, रसायन, चिकित्सा विज्ञान और अर्थशास्त्र में सर्वोत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जाता है।

आरा

आरा एक प्राचीन शहर है। पहले यहां मोरध्वज नामक राजा का शासन था। महाभारतकालीन अवशेष यहां के बिखरे पड़े हैं। ये 'आरण्य क्षेत्र' के नाम से भी जाना जाता था। आड या अरार में होने के कारण, इसका नाम 'आरा' पड़ा।

वसई का किला

वसई के किले का ऐतिहासिक महत्व है. इस किले पर पहले गुजरात के सुल्तान का राज था. बाद में पुर्तगालियों, मराठाओं और अंग्रेजों ने इस किले से अपनी हुकूमत चलाई.इसका उपयोग बंदरगाह के रूप में भी होता था.1534 ईस्वी में पुर्तगालियों ने बहादुर शाह को वसई छोड़ने को मजबूर कर दिया. और किले पर पुर्तगालियों ने कब्जा जमा लिया.

Friday, October 26, 2012

'वाल्‍मीकि सम्‍मान

अपने शो 'सत्यमेव जयते' के माध्यम से सामाज में फैली कुरीतियों के खिलाफ जागरुकता फैलाने के लिए आमिर खान को सम्मानित किया गया है। अपने इस शो के माध्यम से कन्या भ्रूण हत्या, दहेज प्रथा और अंतरजातीय विवाह जैसे कई सामाजिक मुद्दों को लोगों के सामने रखा। आमिर ने देश में हाथ से मैला उठाने वाले 3 लाख लोगों की समस्याओं को भी बेहद संजीदगी से उठाया था.अनुसूचित जाति के लिए इस खास पहल के कारण उन्हें 'वाल्‍मीकि सम्‍मान' से नवाजा गया है।

' लव' ने कान फिल्म महोत्सव में सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार जीता..

एक बुजुर्ग शख्स के दम तोड़ रही पत्नी का ख्याल रखने की कहानी ' लव' ने कान फिल्म महोत्सव में सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार जीता। इतालवी डायरेक्टर नैनी मोरती की अध्यक्षता में जूरी ने बेस्ट फिल्म की दौड़ में शामिल 22 फिल्मों में से विजेता की घोषणा की।

'मिस लवली

डायरेक्टर असीम अहलूवालिया की फिल्म 'मिस लवली' ने 14 वें मुंबई फिल्म महोत्सव में सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार हासिल किया, जबकि हंसल मेहता की 'शहीद' उपविजेता रही।

Thursday, October 25, 2012

महिला समाख्या स्कीम महिला संघों के माध्यम से बुनियादी स्तर पर महिलाओं की अधिकारिता की नींव रखने में सफल हुई हैं..

वर्तमान में महिला समाख्या योजना को 10 राज्यों नामतः, आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ, झारखंड, कर्नाटक, केरल, गुजरात, उत्तर प्रदेश और उत्तरांचल के 104 जिलों और लगभग 32574 से भी अधिक गांवों में कार्यान्वित किया जा रहा है। महिला समाख्या योजना के प्रभावीपन ने महिलाओं को शिक्षा हेतु गतिशील करके सर्व शिक्षा अभियान(एस.एस.ए.) के साथ भी निकट अन्तरण करने में परिणत हुई है.महिला समाख्या स्कीम महिला संघों के माध्यम से बुनियादी स्तर पर महिलाओं की अधिकारिता की नींव रखने में सफल हुई हैं।

महिला समाख्या कार्यक्रम

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एक निश्चित कार्यक्रम के रूप में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 के लक्ष्यों के अनुसार वर्ष 1989 में महिला समाख्या कार्यक्रम शुरू किया गया। महिला समाख्या के तहत एक नवाचारी दृष्टिकोण अपनाया गया है जिसमें मात्र लक्ष्यों को प्राप्त करने के बजाय प्रक्रिया पर विशेष ध्यान दिया गया है। इसके तहत महिलाओं के लिए ऐसा वातावरण तैयार करने का प्रयास किया जाता है जिसमें महिलाएं स्वयं अपनी ओर से अध्ययन कर सकें, अपनी प्राथमिकताएं निर्धारित कर सके और अपनी पसंद के अनुसार ज्ञान तथा सूचना प्राप्त कर सके।

कस्तूरबा गांधी बालिका विधालय स्कीम

कस्तूरबा गांधी बालिका विधालय स्कीम मुख्य रूप से अ.जा., अ.ज.जा. अन्य पिछङे वर्ग और अल्पसंख्यक समुदायों की बालिकाओं हेतु उच्च प्राथमिक स्तर पर आवासीय विधालय उपलब्‍ध कराती है। इस स्कीम में अ.जा., अ.ज.जा., अन्य पिछडे वर्गों अथवा अल्पसंख्यक समुदायों की बालिकाओं हेतु न्यूनतम 75% आरक्षण की व्यवस्था है और शेष 25% सीटें गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों की बालिकाओं को प्रदान की जाती है। ये स्‍कूल शैक्षिक रूप से पिछड़े उन ब्‍लॉकों में जहां ग्रामीण महिला साक्षरता दर 30% से कम है और उन शहरी क्षेत्रों में जहां महिला साक्षरता राष्‍ट्रीय औसत से कम है, स्‍थापित किए जाते हैं। 27 राज्यों में ये आवासीय स्‍कूल स्‍थापित किए गए हैं. 30 सितम्‍बर, 2010 तक राज्यों में 2567 कस्तूरबा गांधी बालिका विधालयों के प्रचालित होने की सूचना प्राप्त हुई.

सर्व शिक्षा अभियान में डिजीटल अंतराल को पाटने हेतु ग्रामीण क्षेत्रों में भी कंप्यूटर शिक्षा की व्यवस्था है..

सर्व शिक्षा अभियान कार्यक्रम के तहत समूचा देश शामिल है.यह 12.3 लाख बस्तियों के 19.4 करोङ बच्चों की आवश्यकताओं पर ध्यान देता है। इस कार्यक्रम के तहत ऐसी बस्तियों में नए स्कूल खोलने का प्रावधान है जहां स्कूली सुविधाएं नहीं हैं तथा अतिरिक्त शिक्षण कक्षा, शौचालय, पेयजल, अनुरक्षण अनुदान और स्कूल सुधार अनुदान के माध्यम से मौजूदा स्कूली अवसंरचना को सुदृढ करने का भी प्रावधान है।

सर्व शिक्षा अभियान कार्यक्रम

नौंवी योजना के दौरान सर्व शिक्षा अभियान कार्यक्रम के अंतर्गत सहायता 85:15 के भागीदारी प्रबंधन पर आधारित थी। दसवीं योजना के दौरान यह भागीदारी प्रबंधन 75:25 के आधार पर थी. 11वीं योजनावधि के दौरान वित्तीय पैटर्न इस प्रकार था:- योजना अवधि के पहले दो वर्षों के लिए 65:35, तीसरे वर्ष के लिए 60:40, चौथे वर्ष के लिए 55:45 और तत्पश्चात्‌ 50:50 ।

स्‍कूल से बाहर रहने वाले बच्‍चों की संख्‍या में काफी कमी आई..

सर्व शिक्षा अभियान की मध्‍यस्‍थाओं के फलस्‍वरूप स्‍कूल से बाहर रहने वाले बच्‍चों की संख्‍या में काफी कमी आई है। एसआरआई - आईएमआरबी द्वारा किए गए स्‍वतंत्र अध्‍ययन के अनुसार स्‍कूल से बाहर रहने वाले बच्‍चों की संख्‍या 2005 में 134.6 लाख थी जो 2009 में घटकर 81.5 लाख रह गई।

अनुच्‍छेद 21-क और आरटीई अधिनियम 1 अप्रैल 2010 से प्रभावी हुआ..

अनुच्‍छेद 21-क और आरटीई अधिनियम 1 अप्रैल 2010 से प्रभावी हुआ। आरटीई अधिनियम के शीर्षक में 'नि:शुल्‍क और अनिवार्य' शब्‍द सम्‍मिलित है। 'नि:शुल्‍क शिक्षा' का अर्थ है कि किसी बालक को यथास्‍थिति उसके माता-पिता, समुचित सरकार द्वारा स्‍थापित स्‍कूल से अलग स्‍कूल में दाखिल करते हैं तो प्रारंभिक शिक्षा पूर्ण करने पर उपगत व्‍यय की प्रतिपूर्ति के लिए कोई दावा करने का हकदार नहीं होगा।

लेप्टोस्पाइरोसिस

यह जानवरों से इंसान में फैलने वाली बीमारी है.इस बीमारी का कारण लेप्टोस्पाइरा नामक बैक्टीरिया होता है। इसकी चपेट में आने पर बुखार, सिरदर्द, जोड़ों में दर्द, लिवर में सूजन और शरीर में दाने के अलावा और कई दिक्कतें हो सकती हैं।

86वां संशोधन अधिनियम- 2002

86वां संशोधन अधिनियम, 2002 के माध्‍यम से भारत के संविधान में अनुच्‍छेद 21-क शामिल किया गया है ताकि छह से चौदह वर्ष आयु वर्ग के सभी बच्‍चों को विधि के माध्‍यम से राज्‍य द्वारा यथानिर्धारित मौलिक अधिकार के रूप में नि:शुल्‍क और अनिवार्य शिक्षा प्रदान की जा सके। नि:शुल्‍क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 जो अनुच्‍छेद 21-क के अंतर्गत परिकल्‍पित अनुवर्ती विधान का प्रतिनिधित्‍व करता है.

मध्याह्‌न भोजन स्कीम

प्राथमिक कक्षाओं के बच्चों के लिए 100 ग्राम प्रति बच्चा प्रति स्कूल दिवस की दर से और उच्‍च प्राथमिक कक्षाओं के बच्चों के लिए 150 ग्राम प्रति बच्चा प्रति स्कूल दिवस की दर से भारतीय खाध निगम के निकटस्थ गोदाम से निःशुल्क खाद्यान्न की आपूर्ति। केन्द्र सरकार भारतीय खाद्य निगम को खाद्यान्न की लागत की प्रतिपूर्ति करती है।

मध्याह्‌न भोजन स्कीम के लक्ष्य


(i)सरकारी स्थानीय निकाय और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल और ईजीएस व एआईई केन्द्रों तथा सर्व शिक्षा अभियान के तहत सहायता प्राप्‍त मदरसों एवं मकतबों में कक्षा I से VIII के बच्चों के पोषण स्तर में सुधार करना

(ii)लाभवंचित वर्गों के गरीब बच्‍चों को नियमित रूप से स्‍कूल आने और कक्षा के कार्यकलापों पर ध्‍यान केन्द्रित करने में सहायता करना, और

(iii)ग्रीष्‍मावकाश के दौरान अकाल-पीडि़त क्षेत्रों में प्रारंभिक स्‍तर के बच्‍चों को पोषण सम्‍बन्‍धी सहायता प्रदान करना।

मध्याह्‌न भोजन स्कीम

मध्याह्‌न भोजन स्कीम देश के 2408 ब्लॉकों में एक केन्द्रीय प्रायोजित स्कीम के रूप में 15 अगस्त, 1995 को आरंभ की गई थी। वर्ष 1997-98 तक यह कार्यक्रम देश के सभी ब्लाकों में आरंभ कर दिया गया। वर्ष 2003 में इसका विस्तार शिक्षा गारंटी केन्द्रों और वैकल्पिक व नवाचारी शिक्षा केन्द्रों में पढ़ने वाले बच्चों तक कर दिया गया। अक्तूबर, 2007 से इसका देश के शैक्षणिक रूप से पिछड़े 3479 ब्लाकों में कक्षा VI से VIII में पढने वाले बच्चों तक विस्तार कर दिया गया है। वर्ष 2008-09 से यह कार्यक्रम देश के सभी क्षेत्रों में उच्च प्राथमिक स्तर पर पढने वाले सभी बच्चों के लिए कर दिया गया है। राष्‍ट्रीय बाल श्रम परियोजना विद्यालयों को भी प्रारंभिक स्‍तर पर मध्‍याह्न भोजन योजना के अंतर्गत 01.04.2010 से शामिल किया गया है।

जिला प्राथमिक शिक्षा कार्यक्रम

भारत में प्रारम्भिक शिक्षा को विनियमित करने के लिए सरकार ने नवम्बनर 1994 में जिला प्राथमिक शिक्षा कार्यक्रम की शुरुआत की, इस कार्यक्रम का लक्ष्यल जिला विशिष्ट् आयोजना के जरिए यूईई को हासिल करने के लिए कार्यनीतियों को प्रचालन करना तथा लक्ष्य कार्यनीतियों को प्रचालन करना तथा लक्ष्य निर्धारण पर अमल करना है। कस्तूररबा गांधी शिक्षा योजना का उद्देश्य उन सभी जिलों में लड़कियों के लिए रिहायशी विद्यालयों की स्थागपना करना हैं जिनमें विशेष रुप से निम्नं महिला साक्षरता दर है।

केन्द्रीय जल आयोग

केन्द्रीय जल आयोग जल संसाधन के क्षेत्र में भारत का एक प्रमुख तकनीकी संगठन है और वर्तमान में जल संसाधन मंत्रालय, भारत सरकार के सम्बद्ध कार्यालय के रूप में कार्य कर रहा है। आयोग को संबंधित राज्य सरकारों के परामर्श से बाढ़ नियंत्रण, सिंचाई, नौ-गमन, पेयजल आपूर्ति और जल विद्युत विकास के प्रयोजन हेतु समूचे देश में जल संसाधनों के नियंत्रण, संरक्षण और उपयोग संबंधी योजनाओं को शुरू करने, समन्वय करने तथा उन्हें आगे बढ़ाने का कार्य सौंपा गया है।

राष्‍ट्रीय कृषि बीमा योजना

राष्‍ट्रीय कृषि बीमा योजना की राष्‍ट्रीय कृषि बीमा के नाम से भी जाना जाता है। यह एक व्‍यापक योजना है जो राष्‍ट्रीय आपदा, कीटों अथवा रोगों के परिणामस्‍वरूप प्रमुख फसलों को किसी भी प्रकार का नुकसान होने की घटना में किसानों को बीमा कवरेज और वित्तीय सहायता प्रदान करती है। यह योजना कृषि संबंधी प्रगतिशील पद्धतियां, उच्‍च मूल्‍य आगतों और आधुनिक प्रौद्योगिकी को अपनाने के लिए प्रोत्‍साहित भी करती है।

राष्‍ट्रीय कृषि बीमा योजना

वर्ष 1985 में, प्रमुख फसलों के लिए एक 'संपूर्ण जोखिम व्‍यापक फसल बीमा योजना' (सीसीआईएस) शुरू की गई थी, जो सातवीं पंच वर्षीय योजना के साथ - साथ शुरू की गई थी। तत्‍पश्‍चात 1999 - 2000 में स्‍थान इसका राष्‍ट्रीय कृषि बीमा योजना और एनएआईएस ने लिया। मूलत: एनएआईएस का प्रबंधन जनरल इंश्‍योरेंस कंपनी किया जाता था। बाद में, इस योजना के कार्यान्‍वयन के लिए एक नए निकाय एग्रीकल्‍चर इंश्‍योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया की स्‍थापना की गई।

राष्‍ट्रीय पौध संरक्षण प्रशिक्षण संस्‍थान

सरकार ने पौध संरक्षण तरीकों में प्रशिक्षण देने के लिए हैदराबाद में राष्‍ट्रीय पौध संरक्षण प्रशिक्षण संस्‍थान का गठन किया है। यह संस्‍थान पौध संरक्षण के विभिन्‍न पहलुओं पर दीर्घ और लघु अवधि के प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन करके पौध संरक्षण प्रौद्योगिकी में मानव संसाधन विकास में विशिष्टिकृत है। यह विदेशी नागरिकों को भी प्रशिक्षण देता है जो विभिन्‍न एजेंसियों के साथ द्विपक्षीय कार्यक्रमों द्वारा प्रायोजित होते हैं।

एकीकृत कीट प्रबंधन योजना

सरकार द्वारा चलाई जा रही कीट प्रबंधन योजनाओं में से सर्वाधिक महत्‍वपूर्ण एकीकृत कीट प्रबंधन योजना (आईपीएम) है। यह योजना को आर्थिक प्रारंभिक स्‍तर अथवा ईटीएल से नीचे रखने के लिए सर्वज्ञात कीट नियंत्रण उपायों के सर्वोत्तम मिश्रण की ओर लक्षित है। केन्‍द्र सरकार टिड्डियों की संख्‍या की निगरानी करने और नियंत्रित करने के लिए योजना भी चलाती है।

Tuesday, October 23, 2012

हिंदी

उत्तर प्रदेश में 20 करोड़, बिहार में 8.2 करोड़, मध्य प्रदेश में 7.5 करोड़, राजस्थान में 6.9 करोड़, झारखंड में 2.7 करोड़, छत्तीसगढ़ में 2.6 करोड़, हरियाणा में 2.6 करोड़ और हिमाचल प्रदेश में 70 लाख लोग हिंदी बोलते हैं।

क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग

क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में अमेरिका की एमआईटी टॉप पर है और दूसरे नंबर पर ब्रिटेन की कैंब्रिज यूनिवर्सिटी। आईआईटी दिल्ली 2010 में जहां 202वें नंबर पर थी, इस बार वह लुढ़क कर 218वें पायदान पर आ चुकी है।

ग्लोबल फूड इंडेक्स

ग्लोबल फूड इंडेक्स में भारत श्रीलंका, वियतनाम, मलयेशिया, होंडुरास और बोट्सवाना जैसे देशों से कहीं नीचे है। भूख से लड़ाई लड़ने वाला टॉप देश है अमेरिका, आखिरी नंबर कांगो का है। चीन 38वें पर है तो भारत 66वें नंबर पर। पौष्टिक तत्वों और कैलरी का सेवन करने के मामले में भारत की हालत दयनीय है।

प्रिन्स ऑफ़ वेल्स

अप्रैल, 1921 में प्रिन्स ऑफ़ वेल्स के भारत आगमन पर उनका सर्वत्र काला झण्डा दिखाकर स्वागत किया गया. 17 नवम्बर, 1921 को जब प्रिन्स ऑफ़ वेल्स का बम्बई आगमन हुआ, तो उनका स्वागत राष्ट्रव्यापी हड़ताल से हुआ।

आईपैड मिनी

ऐपल ने आईपैड मिनी को लॉन्च कर दिया। इसमें 7.9 इंच की स्क्रीन है जबकि पुराने आईपैड में करीब 10 इंच की स्क्रीन थी। आईपैड मिनी में ए-5 प्रोसेसर, 5 मेगापिक्सल कैमरा, एचडी विडियो चैट जैसे फीचर भी शामिल हैं।इसका वाई-फाई मॉडल 329 डॉलर का है जबकि 3जी मॉडल की शुरुआत 459 डॉलर से होगी।

तिलक स्वराज्य फ़ण्ड

1920 ई. में तिलक स्वराज्य फ़ण्ड की स्थापना की गई, जिसमें लोगों द्वारा एक करोड़ से अधिक रुपये जमा किये गए।

असहयोग आन्दोलन के दौरान वकालत का बहिष्कार

असहयोग आन्दोलन के दौरान वकालत का बहिष्कार करने वाले वकीलों में प्रमुख थे-बंगाल के देशबन्धु चित्तरंजन दास, उत्तर प्रदेश के मोतीलाल नेहरू एवं जवाहरलाल नेहरू, गुजरात के विट्ठलभाई पटेल एवं वल्लभ भाई पटेल, बिहार के राजेन्द्र प्रसाद, मद्रास के चक्रवर्ती राजगोपालाचारी एवं दिल्ली के आसफ़ अली आदि। मुस्लिम नेताओं में असहयोग में सर्वाधिक योगदान देने वाले नेता थे-डॉक्टर अन्सारी, मौलाना अबुल कलाम आज़ाद, शौक़त अली, मुहम्मद अली आदि.

असहयोग आन्दोलन से पहले गांधी जी ने कैसर-ए-हिन्द पुरस्कार को लौटा दिया.

असहयोग आन्दोलन से पहले गांधी जी ने कैसर-ए-हिन्द पुरस्कार को लौटा दिया. 1915 के नए साल के खिताबों में उन्हें सरकार की ओर से 'कैसर-ए-हिन्द' स्वर्ण पदक प्रदान किया गया.राय बहादुर की उपाधि से सम्मानित जमनालाल बजाज ने भी यह उपाधि वापस कर दी. पश्चिमी भारत, बंगाल तथा उत्तरी भारत में असहयोग आन्दोलन को अभूतपूर्व सफलता मिली।

नागपुर अधिवेशन

कांग्रेस केन नागपुर अधिवेशन में असहयोग के प्रस्ताव की पुष्टि कर दी गई. कांग्रेस ने रचनात्मक कार्यक्रमों की एक सूची तैयार की....सभी वयस्कों को कांग्रेस का सदस्य बनाना.भाषायी आधार पर प्रान्तीय कांग्रेस समितियों का पुनर्गठन.हाथ की कताई-बुनाई को प्रोत्साहन.अखिल भारतीय कांग्रेस समिति का गठन.यथासम्भव हिन्दी का प्रयोग.

अंग्रेज़ी सरकार शैतान है...गांधी

अंग्रेज़ी सरकार शैतान है, जिसके साथ सहयोग सम्भव नहीं। अंग्रेज़ सरकार को अपनी भूलों पर कोई दु:ख नहीं है, अत: हम कैसे स्वीकार कर सकते हैं कि नवीन व्यवस्थापिकाएँ हमारे स्वराज्य का मार्ग प्रशस्त करेंगीं। स्वराज्य की प्राप्ति के लिए हमारे द्वारा प्रगतिशील अहिंसात्मक असहयोग की नीति अपनाई जानी चाहिए--गांधी.

भारतीय दंड संहिता की धारा- 372

देश के 90 हजार बच्चे हर साल गुम हो जाते हैं। वे गरीब घरों के होते हैं। उनके मां-बाप उनके लिए अच्छा खाना, कपड़ा और शिक्षा का इंतजाम नहीं कर सकते। 1974 में संसद ने बच्चों के लिए एक राष्ट्रीय नीति पर मुहर लगाई थी, जिसमें उन्हें देश की अमूल्य धरोहर घोषित किया गया था। भारतीय दंड संहिता की धारा 372 में नाबालिग बच्चों की खरीद-फरोख्त पर 10 साल तक की सजा का प्रावधान है.

आकाश-2

आकाश-2 में एक गीगाहर्त्ज़ का प्रोसेसर, दो घंटे तक चलने वाली बैट्री और एंड्रायड-4 ऑपरेटिंग सिस्टम है। यह टैबलेट एजुकेशन में स्टूडेंट्स के लिए भारी बदलाव करने वाला साबित होगा। आकाश के नए वर्ज़न को आईआईटी मुंबई के सक्रिय सहयोग से तैयार किया जा रहा है।

सुनील गंगोपाध्याय

साहित्य अकादमी के अध्यक्ष सुनील गंगोपाध्याय का हार्ट अटैक से निधन हो गया। नीरा सीरीज की उनकी कविताएं काफी मशहूर हुईं.गंगोपाध्याय को वर्ष 2008 में साहित्य अकादमी का पुरस्कार मिला। पांच सालों तक साहित्य अकादमी का अध्यक्ष रहने के बाद वह फरवरी, 2008 में इसके अध्यक्ष चुने गए।

Monday, October 22, 2012

गुटनिरपेक्ष आंदोलन

गुटनिरपेक्ष आंदोलन की सचिवालय या एक संविधान के रूप में औपचारिक संरचना नहीं है। अध्‍यक्ष सिद्धांतों और आंदोलन की गतिविधियों को बढ़ावा देने, प्रशासनिक संरचना प्रदान करने और कार्य में समन्वय की जिम्मेदारी सौंपता है। न्यूयॉर्क में गुटनिरपेक्ष आंदोलन का समन्वय ब्यूरो (एनएएम-सीओबी आंदोलन के कार्य के समन्वय के लिए केन्द्र बिन्दु के रूप में कार्य करता है। आंदोलन द्वारा सभी फैसले कार्टाजेना (कोलम्बिया) में 11 अक्टूबर 1995 में गुटनिरपेक्ष आंदोलन शिखर सम्मेलन में अपनायी गई क्रियाविधि पर कार्टाजेना दस्तावेज़ के अनुसार सर्वसम्मति से लिए जाते हैं।

आईएनएस सुदर्शनी

आईएनएस सुदर्शनी नौवहन अभियान 15 सितम्बर 2012 से 26 मार्च 2013 के लिए प्रस्‍तावित है, जो मानसून हवा के साथ प्राचीन व्यापार मार्ग का पता लगाएगा और दक्षिण पूर्व एशिया तथा के साथ भारत के समुद्री मार्गों की अवधारण को उजागर करेगा तथा क्षेत्र के लोगों के बीच नेटवर्किंग और कनेक्‍टिवटी पर प्रकाश डालेगा। आईएनएस सुदर्शनी की नौवहन अभियान कोच्चि से झंडी दिखाकर शुरू और यह नौ आसियान देशों के बंदरगाहों पर जाएगा। विभिन्न बंदरगाहों पर फिक्की और आईसीसी, कोलकाता द्वारा 'यादगार' बी2बी कार्यक्रम और आईसीसीआर द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

पूर्व की ओर देखो नीति

आसियान के साथ संबंधों में वृद्धि करना भारत की 'पूर्व की ओर देखो नीति' का केंद्रबिन्‍दु रहा है। 1991 में जब से इस नीति की शुरुआत हुई आसियान-भारत संबंधों में लगातार प्रगति हुई है। भारत 1992 में आसियान का क्षेत्रीय वार्ता भागीदार बना, जोकि 1996 में अभिवृद्धि करके पूर्ण वार्ता भागीदारी बन गया। वर्ष 2002 से आसियान के साथ वार्षिक शिखर सम्मेलन कर रहे हैं।

निवेश आयोग

निवेश आयोग की स्‍थापना वित्‍त मंत्रालय में इन उद्देश्‍यों से की गई थी- भारत में निवेश का संवर्धन करने वाले नीतिगत तथा प्रक्रियात्‍मक परिवर्तनों के संबंध में सरकार को सलाह देना; उन परियोजनाओं तथा निवेश प्रस्‍तावों की अनुशंसा करना जिनकों तीव्र ट्रैक पर डाला जाता है/प्रेरित किया जाना है और इस प्रकार एक निवेश के रूप में भारत को संवर्धित करना।

परमाणु अप्रसार संधि

परमाणु अप्रसार संधि एक ऐसी वैश्विक संधि है जिसके द्वारा नाभिकीय हथियारों व नाभिकीय तकनीक का उन देशों में प्रसार रोकने का प्रयास किया जाता है जिन देशों के पास यह तकनीक उपलब्ध नहीं है। इस संधि के सबसे महत्वपूर्ण प्रावधान के अनुसार जिन देशों ने इस संधि पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं उन्हें परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग के लिए भी किसी देश द्वारा परमाणु सामग्री का हस्तांतरण नहीं किया जा सकता है। इस संधि में एक प्रस्तावना के अतिरिक्त 11 अनुच्छेद शामिल हैं और यह 5 मार्च, 1970 से लागू हुई।

विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड

विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड की स्‍थापना वित्‍त मंत्रालय में विशेष रूप से विदेशी निवेश प्रस्‍तावों की अनुमोदन प्रक्रिया को त्‍वरित करने के लिए की गई है। यह विदेशी प्रत्‍यक्ष निवेश संबंधी सरकार की नीति को निष्‍पादित करने वाला सचिवालय है। एफआईपीबी सचिवालय में प्राप्‍त सभी प्रस्‍तावों पर बोर्ड द्वारा विचार किया जाता है।

डैन डेविड सम्मान

अमिताभ घोष को अंतरराष्टय संदर्भ में पश्चिमी उपन्यास की परंपरा पर नए सिरे से कार्य करने के लिए प्रतिष्ठित डैन डेविड सम्मान से सम्मानित किया गया। यह सम्मान अमिताभ घोष को संयुक्त रूप से डा. गार्डन ई. मूर के साथ दिया गया है।

सोनोग्राफी

सोनोग्राफी रेडियोलॉजी की एक ब्रांच है। इसका उपयोग शरीर के विभिन्न अंगों मसलन छाती, दिल, पेट आदि में जांच करने के लिए प्रयोग में लाई जाती है। गर्भस्थ शिशु की सभी प्रक्रियाओं की जानकारी सोनोग्राफी के माध्यम से जान सकते हैं।

भारत का क्षेत्रफल 32,87,263 वर्ग किलोमीटर

भारत का क्षेत्रफल 32,87,263 वर्ग किलोमीटर है। यह 8 डिग्री 4' उत्तर से 37 डिग्री 6' उत्तर अक्षांश, तथा 68' 7' पूर्व से 97 डिग्री 25' पूर्व देशांतर के बीच स्थित है। इसका विस्‍तार अक्षांशों के बीच उत्तर से दक्षिण तक लगभग 3,214 कि.मी. तथा देशांतरों के बीच पूर्व से पश्चिम तक लगभग 2,933 कि.मी. है। तटीय रेखा की कुल लंबाई 7,516.6 कि.मी. है।

चिकित्‍सा पर्यटन

भारत में चिकित्‍सा सेवा की लागत पश्चिमी देशों की तुलना में लगभग 30 प्रतिशत कम है और दक्षिण पूर्ण एशिया में सबसे सस्‍ता है। भारत में अच्‍छी अंग्रेजी बोलने वाले डाक्‍टरों, मार्गदर्शकों और चिकित्‍सा स्‍टाफ की बड़ी जनसंख्‍या है। यह विदेशियों को भारतीय डाक्‍टरों के साथ संबंध बनाने में आसान बना देती है।भारतीय अस्‍पताल कार्डियोलॉजी और कार्डियोथोरासिस सर्जरी, जोड़ प्रतिस्‍थापन, ट्रांसप्‍लांट, सौंदर्य उपचार, दंत चिकित्‍सा, हड्डियों की सर्जरी इत्‍यादि में दक्षता प्राप्‍त कर रहे हैं।भारत में बांझपन के उपचार की लागत विकसित राष्‍ट्रों की तुलना में लगभग 1/4 है।

लोकसभा और राज्‍यसभा

लोक सभा का कार्यकाल केवल 5 वर्ष है जबकि राज्‍यसभा एक स्‍थायी निकाय है।लोक सभा के सदस्‍यों को सीधे पात्र मतदाताओं द्वारा निर्वाचित किया जाता है। राज्‍य सभा के सदस्‍यों को एकल अंतरणीय मत के माध्‍यम से आनुपारित प्रतिनिधित्‍व की प्रणाली के अनुसार राज्‍य विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्‍यों द्वारा चुना जाता है।लोक सभा वह सदन है जिसके प्रति मंत्रिपरिषद सं‍विधान के अंतर्गत उत्‍तरदायी है। धन विधेयक को केवल लोकसभा में पुन: स्‍थापित किया जा सकता है।राज्‍य सभा के पास यह घोषित करने के लिए विशेष शक्तियां है कि राष्‍ट्रीयहित में यह आवश्‍यक तथा समयोचित है कि संसद राज्‍य सूची में किसी मामले के संबंध में कानून बनाए अथवा कानून द्वारा एक या अधिक अखिल भारत सेवाओं का सृजन करे जो संघ तथा राज्‍यों के‍ लिए एक समान हो।

लोकसभा

हिन्‍दी नाम लोकसभा को 14 मई 1954 को अपनाया गया। लोकसभा का संघटन सार्वभौम वयस्‍क मताधिक के आधार पर प्रत्‍यक्ष चुनाव द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों से किया जाता है। संविधान में व्‍यवस्‍था है कि सदन की अधिकतम सदस्‍य संख्‍या 552 होगी – 530 सदस्‍य राज्‍यों का प्रतिनिधित्‍व करेंगे, 20 सदस्‍य संघशासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्‍व करेंगे तथा 2 सदस्‍यों को राष्‍ट्रपति द्वारा एंग्‍लो-इण्डियन समुदाय से नामित किया जाएगा। वर्तमान में सदन की सदस्‍य संख्‍या 545 है। लोकसभा का कार्य काल इसकी प्रथम बैठक के लिए नियुक्‍त तिथि से पांच वर्ष है।

राज्‍य सभा एक स्‍थायी निकाय है..

राज्‍य सभा में अधिकाधिक 250 सदस्‍य होंगे – 238 सदस्‍य राज्‍यों तथा संघ राज्‍य क्षेत्रों के प्रतिनिधि होंगे तथा 12 सदस्‍यों को राष्‍ट्रपति द्वारा नामांकित किया जाएगा। राज्‍य सभा एक स्‍थायी निकाय है तथा इसे भंग नहीं किया जा सकता। तथापि, इसके एक तिहाई सदस्‍य प्रत्‍येक दूसरे वर्ष सेवानिवृत्‍त होते हैं तथा उन्‍हें नए निर्वाचित सदस्‍यों द्वारा प्रतिस्‍थापित किया जाता है। प्रत्‍येक सदस्‍य को छ: वर्ष की अवधि के लिए निर्वाचित किया जाता है। भारत का उपराष्‍ट्रपति राज्‍य सभा का पदेन सभापति है। यह सदन अपने सदस्‍यों में से एक उप सभापति का चुनाव भी करता है.

राज्‍य सभा की शुरूआत

भारत का संविधान 26 जनवरी, 1950 को प्रवृत्‍त हुआ। नए संविधान के तहत प्रथम आम चुनाव वर्ष 1952 में आयोजित किए गए थे. पन्द्रहवीं लोकसभा अप्रैल 2009 में अस्तित्‍व में आई.राज्‍य सभा की शुरूआत 1919 में देखी जा सकती है जब भारत सरकार अधिनियम, 1919 के अनुसरण में एक द्वितीय सदन, का सृजन किया गया जिसका नाम राज्‍य परिषद था। इसके हिन्‍दी नाम राज्‍यसभा को 23 अगस्‍त 1954 को अपनाया गया।

संविधान की धारा- 79

भारत के संविधान की धारा 79 के अनुसार, केन्‍द्रीय संसद की परिषद में राष्‍ट्रपति तथा दो सदन है जिन्‍हें राज्‍य सभा लोक सभा के नाम से जाना जाता है.संविधान की धारा 74 (1) में यह व्‍यवस्‍था की गई है कि राष्‍ट्रपति की सहायता करने तथा उसे सलाह देने के लिए एक मंत्री परिषद होगी जिसका प्रमुख प्रधान मंत्री होगा.

भारत राज्‍यों का एक संघ है..

भारत राज्‍यों का एक संघ है। य‍ह संसदीय प्रणाली की सरकार वाला एक स्‍वतंत्र प्रभुसत्ता सम्‍पन्‍न समाजवादी लोकतंत्रात्‍मक गणराज्‍य है। यह गणराज्‍य भारत के संविधान के अनुसार शासित है जिसे संविधान सभा द्वारा 26 नवम्‍बर 1949 को ग्रहण किया गया तथा जो 26 जनवरी 1950 को प्रवृत्त हुआ।

लांस आर्मस्ट्रॉन्ग

साइकलिस्ट लांस आर्मस्ट्रॉन्ग को 'टूर डे फ्रांस' के 7 खिताबों से वंचित कर दिया गया है। यह फैसला इंटनैशनल साइक्लिंग यूनियन ने लिया है।आर्मस्ट्रॉन्ग ने 2011 में खेल से औपचारिक रुप से संन्यास ले लिया. आर्मस्ट्रॉंन्ग ने साइकल रेस में 'टूर डे फ्रांस' रैली सात बार जीती है जो एक वर्ल्ड रिकॉर्ड है।

Sunday, October 21, 2012

मल्टीपर्पज़ ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट

“मल्टीपर्पज़ ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट” (एमटीए) के विकास के पहले चरण के काम के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर हो गए.इस ऑर्डर पर काम करेंगे भारतीय निगम ‘हिंदुस्तान एरोनौटिक्स लिमिटेड’ तथा रूस का ‘संयुक्त विमाननिर्माण निगम – परिवहन विमान’ निगम.

'तरकश' युद्धपोत

भारतीय नौसेना के लिए बनाए गए 'तरकश' नामक युद्धपोत के खुले समुद्र में किए जा रहे परीक्षण समाप्त हो गए। 14 जून 2006 को भारत ने रूस को तीन युद्धपोतों केर निर्माण का आर्डर दिया था। यह आदेश कुल 1.6 अरब डॉलर का था। पहला युद्धपोत 'तेग' भारत को अप्रैल 2012 में सौंपा जा चुका है। दूसरा तरकश तैयार है और तीसरे 'त्रिकंड' का मई 2011 में जलावतरण किया जा चुका है।

रूस और भारत

भारत रूस के लायसेंस पर नवीनतम सैन्य तकनीक यानी सू-30 जैसे विमानों और टी-90 जैसे टैंकों का निर्माण कर रहा है। रूस और भारत मिलकर पाँचवी पीढ़ी का नवीनतम लड़ाकू विमान भी बना रहे हैं। और रूस व भारत द्वारा मिलकर बनाए गए ब्रह्मोस मिसाइल आज दुनिया में सबसे तेज गति से उड़ने वाले क्रूज-मिसाइल माने जाते हैं।

एम०आई-17बी-5

एम०आई-17बी-5 नामक रूसी हैलिकॉप्टरों की ख़रीद के बारे में भारत ने रूस के साथ सन् 2008 में समझौता किया था और हाल ही में इन हैलिकॉप्टरों को भारतीय वायुसेना में शामिल कर लिया गया है. सन् 2008 में किए गए समझौते के अनुसार रूस सन् 2014 तक भारत को कुल 80 हैलिकॉप्टरों की आपूर्त्ति करेगा। इनमें से 21 हैलिकॉप्टर भारत को दिए जा चुके हैं।एम०आई-17बी-5 नामक जो रूसी हैलिकॉप्टर सेना के इस्तेमाल के लिए बनाए जाते हैं, उनका उपयोग लड़ाई के मैदान में थल सेना की सहायता करने, कमांडो सैनिकों को कही उतारने या चढ़ाने तथा बमवर्षा करने के लिए किया जा सकता है।

नई विदेशी कारोबार नीति

नई विदेशी कारोबार नीति (एफटीपी) की घोषणा अगस्‍त 2004 में की गई, जिसमें वर्ष 2004-2009 की अवधि शामिल है, भारत के विदेशी कारोबार क्षेत्र के समग्र विकास के लिए एक व्‍यापक नीति है। यह दो मुख्‍य उद्देश्‍यों के आसपास निर्मित की गई है : (i) अगले पांच वर्षों में वैश्विक मर्चेंडाइस कारोबार की प्रतिशत भागीदारी को दो गुना करना; और (ii) रोजगार उत्‍पादन को बल देकर कारोबार में आर्थिक वृद्धि के एक प्रभावी साधन के रूप में कार्य करना।

आयात

आयात का मतलब, भारत से बाहर किसी स्थान से भारत में लाना, है। आयातित वस्तु का मतलब कोई वस्तु या सामान जो भारत के बाहर किसी स्थान से भारत में लाना है, लेकिन इसमें वे वस्तुएं शामिल नहीं हैं जो घरेलू उपभोग के लिए स्वीकृत हैं।

Saturday, October 20, 2012

वस्त्र निर्यात संवर्द्धन परिषद

वस्त्र निर्यात संवर्द्धन परिषद की 1978 में वस्त्र मंत्रालय के अंतर्गत एक प्रायोजित संस्था के रूप में स्थापना हुई थी। इसका उद्देश्य वस्त्रों और सिले-सिलाये वस्त्रों के निर्यात को बढ़ावा देना था।यह परिषद भारत से वस्त्र निर्यातकों की सरकारी संस्था है, जो भारतीय निर्यातकों के अलावा आयातकों और उन अंतर्राष्ट्रीय खरीदारों को मूल्यवान परामर्श और सहायता प्रदान करती है.

कपास प्रौद्योगिकी मिशन

देश में कपास की उत्पादकता और गुणवत्ता में अतंर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार सुधार करने के लिए सरकार ने 2000 में कपास प्रौद्योगिकी मिशन शुरू किया.इस मिशन के अंतर्गत चार मिशन हैं, जिन्हें कृषि एवं कपड़ा मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से चलाया जा रहा है। इसके तहत कपास अनुसंधान, प्रौद्योगिकी विकास, विपणन सम्बंधी आधारभूत ढांचे में सुधार तथा ओटाई और प्रेस करने वाली मिलों का आधुनिकीकरण किया गया।

कपास उत्पादन

भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा कपास उत्पादक एवं उपभोक्ता है। देश में कपास का क्षेत्रफल विश्व में सर्वाधिक है। भारत में विश्व के कुल कपास उत्पादन का लगभग 18 प्रतिशत उत्पन्न हो रहा है। देश में कपास उत्पादन का क्षेत्रफल लगभग 122 लाख हेक्टेयर है, जो विश्व का लगभग 25 प्रतिशत है। प्रमुख उत्पादक देशों में चीन, भारत, अमेरिका और पाकिस्तान प्रमुख हैं।

देश के 13 राज्यों के लगभग 62 लाख किसान कपास की खेती से जुड़े हुए हैं..

देश के 13 राज्यों के लगभग 62 लाख किसान कपास की खेती से जुड़े हुए हैं। 30 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निर्यात करने वाले वस्त्र उद्योग का मुख्य फाईबर भी कपास ही है. वर्तमान में कुल फाईबर उत्पादन का 60 प्रतिशत हिस्सा कपास का है।वर्ष 2000 में आरंभ किए गए प्रौद्योगिकी मिशन से कपास के उत्पादन और उपज में उल्लेखनीय सुधार से अधिशेष मात्रा का विश्व बाजार में निर्यात भी होने लगा है।

वर्ष 2005 में शुरू की गई जननी सुरक्षा योजना (जेएसवाई) के बाद संस्‍थागत शिशु जन्‍म में उल्‍लेखनीय वृद्धि हुई है..

वर्ष 2005 में शुरू की गई जननी सुरक्षा योजना (जेएसवाई) के बाद संस्‍थागत शिशु जन्‍म में उल्‍लेखनीय वृद्धि हुई है। जननी सुरक्षा कार्यक्रम की शुरूआत यह सुनिश्चित करने के लिए की गई है कि प्रत्‍येक गर्भवती महिला तथा एक माह तक रूग्‍ण नवजात शिशुओं को बिना किसी लागत तथा खर्चे के स्‍वास्‍थ्‍य सेवाएं प्रदान की जाएं।

जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम

स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय ने जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम एक जून 2011 को गर्भवती महिलाओं तथा रूग्‍ण नवजात शिशुओं को बेहतर स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाएं प्रदान करने के लिए शुरू किया था। इस योजना के अंतर्गत मुफ्त सेवा प्रदान करने पर बल दिया गया है। इसमें गर्भवती महिलाओं तथा रूग्‍ण नवजात शिशुओं को खर्चों से मुक्‍त रखा गया है। गर्भवती महिलाएं को मुफ्त दवाएं एवं खाद्य, मुफ्त इलाज, जरूरत पड़ने पर मुफ्त खून दिया जाना, सामान्‍य प्रजनन के मामले में तीन दिनों एवं सी-सेक्‍शन के मामले में सात दिनों तक मुफ्त पोषाहार दिया जाता है।

जननी सुरक्षा योजना

जननी सुरक्षा योजना की शुरूआत संस्‍थागत प्रजनन को बढ़ावा देने के लिए की गई थी जिससे शिशु जन्‍म प्रशिक्षित डाक्‍टरों द्वारा कराया जा सके तथा माता एवं नवजात शिशुओं को गर्भ से संबंधित जटिलताओं एवं मृत्‍यु से बचाया जा सके।

डिजिटलीकरण प्रक्रिया

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की डिजिटलीकरण प्रक्रिया की हालिया समीक्षा में पता चला है कि चारों मेट्रो शहरों दिल्‍ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्‍नई में केबल टीवी डिजिटलीकरण का 81 प्रतिशत लक्ष्‍य हासिल कर लिया गया है। यदि डीटीएच की प्रगति को भी इसमें शामिल कर लिया जाए तो यह आंकड़ा 87 प्रतिशत तक पहुंच जाता है।

आधार सक्षम सेवा डिलिवरी

सरकार देश के 51 जिलों में आधार सक्षम सेवा डिलिवरी जारी कर रही है। इसका उपयोग पेंशन के भुगतान, मनरेगा के भुगतानों, सार्वजनिक वितरण प्रणाली, छात्रवृत्ति प्रदान करने आदि में किया जाएगा।

Friday, October 19, 2012

अंगुत्तरनिकाय

अंगुत्तरनिकाय बौद्ध ग्रंथ है। महात्मा बुद्ध द्वारा भिक्षुओं को उपदेश में की जाने वाली बातों का वर्णन है। इस में छठी शताब्दी ई.पू. के सोलह महाजनपदों का उल्लेख मिलता हैं.

वत्स महाजनपद

आधुनिक उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद तथा मिर्ज़ापुर ज़िले वत्स महाजनपद के अर्न्तगत आते थे। गौतम बुद्ध के समय वत्स देश का राजा उदयन था जिसने अवंती-नरेश चंडप्रद्योत की पुत्री वासवदत्ता से विवाह किया था.

मल्ल

महापरिनिब्बानसुत्त के वर्णन के अनुसार गौतम बुद्ध के समय में कुसीनारा या कुशीनगर के निकट मल्लों का शालवन हिरण्यवती नदी (गंडक) के तट पर स्थित था। जैन ग्रंथ 'भगवती सूत्र' में मोलि या मालि नाम से मल्ल-जनपद का उल्लेख है। बौद्ध साहित्य में मल्ल देश की दो राजधानियों का वर्णन है— कुशावती और पावा.

काजीरंगा और जिम कार्बेट अभ्यारण्य

1905 में शुरू काजीरंगा और 1936 में शुरू जिम कार्बेट अभ्यारण्य उत्तरी भारत के दो ऐसे क्षेत्रों में स्थित हैं, जो क्रमशः ब्रह्मपुत्र घाटी और हिमालय के पाद प्रदेश में पड़ते हैं.काजीरंगा जब शुरू हुआ था तो गोलाघाट और नौगांव जिलों के 232 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में इसका फैलाव था। 1968 में नेशनल पार्क बनने पर इसका क्षेत्रफल 430 वर्ग किलोमीटर कर दिया गया.सिर्फ बाघ, हाथी, गैंडे, जंगली भैंस या घड़ियाल पर केंद्रित करके न इन पार्कों की जैव विविधता को समझा जा सकता है और न उसका संरक्षण किया जा सकता है.

रियो+20 पृथ्वी शिखर सम्मेलन

विभिन्न देशों के राष्ट्राध्यक्षों और शासनाध्यक्षों ने ‘“द फ्यूचर वी वांट’ नामक दस्तावेज को कुछ देशों के ‘रिजरवेशन’ के बावजूद स्वीकार कर लिया. पारित दस्तावेज में कहा गया कि गरीबी उन्मूलन धरती पर सबसे बड़ी चुनौती ही नहीं है बल्कि टिकाऊ विकास के लिये इसके उन्मूलन का लक्ष्य हासिल करना बहुत जरूरी है। इस संदर्भ में आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय पक्षों के आपसी रिश्तों को समझते हुये टिकाऊ विकास की अवधारणा की समझ भी जरूरी बताई गयी है और यह भी कि इस सबके केंद्र में मनुष्य है।

क्षेत्रीय सहयोग के लिए हिंद महासागर रिम संघ

क्षेत्रीय सहयोग के लिए हिंद महासागर रिम संघ- इस समय इसके 19 सदस्‍य हैं – आस्‍ट्रेलिया, बंग्‍लादेश, भारत, इंडोनेशिया, ईरान, केन्‍या, मलेशिया, मेडागास्‍कर, मॉरीशस, मोजांबिक, ओमान, सिसली, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका, श्रीलंका, तंजानिया, थाइलैंड, संयुक्‍त अरब अमीरात एवं यमन। पांच वार्ता साझेदार हैं अर्थात चीन, मिस्र, फ्रांस, जापान और यूके तथा दो प्रेक्षक हैं.तेहरान में 2008 में स्‍थापित क्षेत्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी अंतरण केंद्र (आर सी एस टी टी) को आई ओ आर – ए आर सी के अंतर्गत सहायक निकाय का दर्जा प्राप्‍त है।

क्षेत्रीय सहयोग के लिए हिंद महासागर रिम संघ

आई ओ आर – ए आर सी, हिंद महासागर की परिधि में आने वाले देशों की एक क्षेत्रीय सहयोग पहल है. स्‍थापना 1997 में मॉरीशस में आर्थिक एवं तकनीकी सहयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्‍य से की गई।यह एक मात्र अखिल हिंद महासागर समूह है। इसका उद्देश्‍य हिंद महासागर के क्षेत्र में, जहाँ तकरीबन दो बिलियन आबादी पाई जाती है, व्‍यापार, सामाजिक – आर्थिक एवं सांस्‍कृतिक सहयोग के लिए एक मंच का सृजन करना है.

जीरो ड्राफ्ट

रियो+20 और UNCSD (United Nations Conference on Sustainable Development) सम्मेलन के आउटकम दस्तावेज को जीरो ड्राफ्ट कहा जाता है जिसका शीर्षक है-भविष्य जो हम चाहते हैं.

हरित अर्थव्‍यवस्‍था के संबंध में भारत का नजरिया

हरित अर्थव्‍यवस्‍था के संबंध में भारत का नजरिया अनिवार्यत: गरीबी उन्‍मूलन, खाद्य सुरक्षा, आधुनिक ऊर्जा सेवाओं तक रोजगार सृजन जैसी तात्‍कालिक प्राथमिकताओं से संबंधित है। भारत का मानना है कि 'हरित अर्थव्‍यवस्‍था' एक गतिशील विचारधारा है, जिसका उद्देश्‍य निरंतरता के साथ गरीबी उन्‍मूलन की दिशा में कार्यकलापों को बढ़ावा देना अत: आर्थिक, सामाजिक एवं पर्यावरणीय विकास के क्रम में अर्थव्‍यवस्‍था को हरित स्‍वरूप प्रदान करना है। भारत का मानना है कि 'हरित अर्थव्‍यवस्‍था' पर किसी भी प्रकार की समझ से पूर्व समान परंतु साझे और भिन्‍न दायित्‍वों (सीबीडीआर) के सिद्धांत पर निश्‍चित रूप से ध्‍यान दिया जाना चाहिए। हरित मॉडल को ऑपचारिक रूप देने की जल्‍दबाजी में विकास के एक ऐसे नए अंतर्राष्‍ट्रीय मानदण्‍ड की रूपरेखा बन सकती है, जिससे शायद अन्‍य प्रकार के विकास मॉडल अवैध हो जाएं। इसमें विकास का वह मॉडल भी शामिल हो सकता है, जिसका अनुपालन भारत जैसे अनेक देश अपने सामाजिक-आर्थिक विकास एवं गरीबी उपशमन के लिए करते रहे हैं।

'हरित अर्थव्‍यवस्‍था

रियो सिद्धांतों द्वारा परिभाषित सतत विकास और इसकी तीन आधारशिलाओं नामत: आर्थिक, सामाजिक तथा पर्यावरणीय के आधार पर वैश्‍विक विकास मार्ग को परिभाषित करने की प्रक्रिया जारी रहनी चाहिए। उनकी समझ में हरित अर्थव्‍यवस्‍था को इस व्‍यापक रूपरेखा के साथ सहयोजित माना गया है तथा हरित विकास पर कार्रवाई तभी प्राप्‍त की जा सकती है जब विकासशील देशों को वित्‍त, प्रौद्योगिकी एवं क्षमता निर्माण की दिशा में सहायता प्रदान करते हुए समर्थकारी तंत्र उपलब्‍ध कराया जाए।एक रूपरेखा के रूप में 'हरित अर्थव्‍यवस्‍था' तभी सफल होगी जब इससे गरीबी उन्‍मूलन की समस्‍या का समाधान करने की क्षमताओं का उन्‍नयन हो, राष्‍ट्रीय परिस्‍थितियों एवं प्राथमिकताओं के लिए नीतिगत उपाय किए जाएं और यह सुनिश्‍चित किया जाए कि इसके परिणामस्‍वरूप आए ढांचागत बदलावों से हरित संरक्षणवाद एवं अवांछनीय शर्तों को बढ़ावा न मिले।

रियो+20


 रियो+20 को सतत विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्‍यक्‍त करने और निरंतरता के संबंध में वैश्‍विक कार्रवाई को बढ़ावा देने संबंधी नई रूपरेखाओं की तलाश करने की प्रक्रिया में वैश्‍विक समुदाय के लिए एक महत्‍वपूर्ण अवसर के रूप में देखा जा रहा है।

यूएनसीएसडी 2012 के निम्‍नलिखित उद्देश्‍य हैं :

सतत विकास के लिए नवीकृत राजनैतिक प्रतिबद्धता सुनिश्‍चित करना
रियो सम्‍मेलन के बाद हुई प्रगति तथा निष्‍कर्षों के कार्यान्‍वयन की कमियों का आकलन करना
नई एवं उभरती चुनौतियों का समाधान करना।

सतत विकास से संबद्ध संयुक्‍त राष्‍ट्र आयोग

वर्ष 1992 में संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा ने संयुक्‍त राष्‍ट्र आर्थिक एवं सामाजिक परिषद (इकोसोस) के एक कार्यात्‍मक आयोग के रूप में सतत विकास से संबद्ध संयुक्‍त राष्‍ट्र आयोग (सीएसडी) का सृजन किया, जिसे पर्यावरण एवं विकास पर रियो घोषणा के कार्यान्‍वयन में होने वाली प्रगति की समीक्षा करने का अधिदेश दिया गया।

जोहानसबर्ग घोषणा

वर्ष 2002 में जोहानसबर्ग में सतत विकास पर विश्‍व शिखर सम्‍मेलन (डब्‍ल्‍यूएसएसडी) का आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्‍य सतत विकास प्रतिमानों को और संवेग प्रदान करना था। इस शिखर सम्‍मेलन में जोहानसबर्ग घोषणा तथा जोहानसबर्ग कार्य योजना (जेपीओआई) पारित की गई।

पर्यावरण एवं विकास पर पहले संयुक्‍त राष्‍ट्र सम्‍मेलन

प्रगति की विचारधारा और रणनीति के रूप में सतत विकास पर 1980 के दशक के लगभग विश्‍व स्‍तर पर चर्चा आरंभ हुई। पर्यावरण एवं विकास पर पहले संयुक्‍त राष्‍ट्र सम्‍मेलन (यूएनसीईडी) का आयोजन वर्ष 1992 में रियो डि जेनारियो में किया गया था। इस शिखर स्‍तरीय बैठक में अन्‍य बातों के साथ-साथ एजेण्‍डा 21 को अंगीकार किया गया जो बाद के वर्षों में सतत विकास को बढ़ावा देने की दिशा में वैश्‍विक रूपरेखा बन गई।

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम संयुक्त राष्ट्र की पर्यावरण संबंधी गतिविधियों का नियंत्रण करता है। इसकी स्थापना १९७२ में संयुक्त राष्ट्र मानव पर्यावरण सम्मेलन के परिणामस्वरूप की गई थी। इसका मुख्यालय नैरोबी में स्थित है।

सरकार का कर्ज

पेट्रोलियम पदार्थ की कीमत के कारण अर्थव्यवस्था में ‘फिजिकल डेफिसिट’ है, सरकार का कर्ज काफी ज्यादा हो गया है, व्यापार का घाटा पेट्रोलियम की खरीददारी के चलते काफी ज्यादा हो गई है.शेयर बाजार और यूरोपीय मार्केट में आई गिरावट का असर भी हमारी अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है.

माइनिंग सेक्टर में ‘निगेटिव ग्रोथ’ है..

माइनिंग सेक्टर में ‘निगेटिव ग्रोथ’ है. ‘ग्रोइंग इकॉनोमी’ में कहीं ऐसा नहीं हो सकता है कि वह घटे. कोयला और दूसरे मिनरल्स की माइनिंग ही नहीं हो रही है. इसकी भी किसी की जवाबदेही होनी चाहिए. पिछले दो वर्षो से कोयले के खदान नहीं दिए जा रहे हैं.

मैनुफैक्चरिंग सेक्टर का विकास दर काफी कम है..

मैनुफैक्चरिंग सेक्टर का विकास दर काफी कम है. यह ढ़ाई फीसदी हो गया है. देश में 55 प्रतिशत हिस्सा सर्विस सेक्टर से आता है. हमने दूसरे सेक्टर की तरफ ध्यान नहीं दिया और सारा कुछ सर्विस सेक्टर में लगा दिया. मैनुफैक्चरिंग सेक्टर को हमने विकसित नहीं किया और सर्विस सेक्टर को हमने काफी बड़ा कर दिया है.

फुलफीलिंग प्रोफेसी

जब मुद्रास्फीति होती है तो विकास और मांग दोनों अपने आप घट जाता है. हमारे देश में यही हो रहा है.पिछले दो- ढ़ाई साल से जो देश की आर्थिक स्थिति रही है, इससे लोगों में मानसिक रुप से यह दवाब हो गया है कि वे कम खर्च करें, . इसे आर्थिक शब्दावली में ‘फुलफीलिंग प्रोफेसी’ कहा जाता है.

बिजली क्षमता

सरकार ने इस वर्ष अतिरिक्त 18000 मेगावाट बिजली क्षमता जोड़ने और बिजली उत्पादन में 6.2 फीसदी की वृद्धि करने का लक्ष्य रखा है.

इस वर्ष 9500 किलोमीटर लंबी सड़कें बनाई जाएंगी..

इस वर्ष 9500 किलोमीटर लंबी सड़कें बनाई जाएंगी. यह पिछले वर्ष के मुकाबले 19 फीसदी से ज्यादा होगा जबकि सड़क क्षेत्र में होने वाले निवेश में 73.6 फीसदी की वृद्धि होगी. इसके अलावा 4360 किलोमीटर लंबी सड़कों पर मरम्मत का काम होगा.

बंदरगाह क्षेत्र

बंदरगाह क्षेत्र के लिए 35 हजार करोड़ रुपये की योजना शुरू करने का फैसला किया गया है. इसमें आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल में दो नए प्रमुख बंदरगाहों का निर्माण किया जाएगा. 42 नई परियोजनाओं पर भी काम शुरू होगा.

रेलवे परियोजनाओं के लिए लक्ष्य

सरकारी और निजी भागीदारी मॉडल के जरिए बनने वाले रेलवे परियोजनाओं के लिए कई लक्ष्य तय किए गए. इसके तहत चालू वित्त वर्ष के दौरान सोनागार-दानकुनी फ्रेट कारीडोर, 20 हजार करोड़ रुपये की लागत से मुंबई में एलिवेटेड रेल कॉरीडोर और मधेपुरा व मढ़ौरा में लोकोमोटिव निर्माण इकाई का ठेका पीपीपी के जरिए देने का लक्ष्य रखा गया है.

विमानन क्षेत्र में कुल 36 परियोजनाओं का चयन किया गया है..

विमानन क्षेत्र में कुल 36 परियोजनाओं का चयन किया गया है. नवी मुंबई, गोवा और कन्नूर में तीन नए ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट बनाने का काम इस वर्ष शुरू किया जाएगा. जबकि लखनऊ, वाराणसी, कोयंबटूर, त्रिचूर और गया में से तीन या चार शहरों में नए अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे इस वर्ष शुरू हो जाएंगे.

आर्थिक विकास की दर

वैश्विक स्तर पर चल रही आर्थिक संकट की वजह से भारत पर भी प्रभाव पड़ा है और उसके आर्थिक विकास की दर 6.5 प्रतिशत के लक्ष्य से घटकर 5.3 प्रतिशत रह गई है.बुनियादी ढाँचे में अगले पाँच वर्षों में एक खरब डॉलर के निवेश की आवश्यकता है. इसलिए सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की भागीदारी को महत्व दिया गया है. ढाँचागत क्षेत्रों में लक्ष्य हासिल करना सफलता के लिए अहम होगा और इससे समग्र आर्थिक विकास के लिए आवश्यक भरोसा पैदा होगा

अफ्रीका का गुट निरपेक्ष आंदोलन में एक विशेष स्‍थान है..

अफ्रीका का गुट निरपेक्ष आंदोलन में एक विशेष स्‍थान है। भारत की अफ्रीका के साथ रणनीतिक साझेदारी है, जो इस बात पर आधारित है कि अफ्रीका के लोगों को इसका प्राथमिक लाभ मिले। इंडिया-अफ्रीका फोरम समिट पूरे अफ्रीका में संस्‍थान-निर्माण के महत्‍वाकांक्षी कार्यक्रम का अवसर प्रदान करता है, ताकि बहुस्‍तरीय योगदान को बढ़ाया जा सके। लगभग दो दशक पहले भारत ने ‘लुक ईस्‍ट’ नीति शुरू की थी, ताकि एक नई एशियाई आर्थिक बिरादरी हमारे पूर्व में तैयार हो सके और हम सबको उसका लाभ मिल सके।

2011 में चीन ने 124 अरब डॉलर का विदेशी निवेश जुटाया..

2011 में जहां चीन ने 124 अरब डॉलर का विदेशी निवेश जुटाया वहीं ब्रजील और रूस 67 और 53 अरब डॉलर का विदेशी निवेश प्राप्त करने में सफल रहे. तीन साल तक लगातार गिरावट के बाद दक्षिण एशियाई देशों के दूसरे देशों में निवेश के आंकड़े भी सुधरे हैं. साल 2011 में दक्षिण एशियाई देशों ने 12 फीसदी के सुधार के साथ 15.2 अरब डॉलर का विदेशी निवेश किया. पिछले साल भारत ने भी दूसरे देशों में 14.8 अरब डॉलर का निवेश किया.

भारत में साल 2011 में 32 अरब डॉलर का विदेशी निवेश

संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास सम्मेलन-रिपोर्ट के अनुसार अकेले भारत में साल 2011 में 32 अरब डॉलर का विदेशी निवेश हुआ. ईरान और पाकिस्तान 4.2 अरब डॉलर और 1.3 अरब डॉलर के विदेशी निवेश के साथ दूसरे और तीसरे पायदान पर मौजूद रहे.बांग्लादेश भी विदेशी निवेशकों को लुभाने में सफल रहा और साल 2011 में यहां 1.1 अरब डॉलर का विदेशी निवेश हुआ.

संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास सम्मेलन की रिपोर्ट

संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास सम्मेलन की ओर से जारी की गई एक रिपोर्ट के अनुसार भारत के अच्छे प्रदर्शन की वजह से समूचे दक्षिण एशिया में पिछले साल विदेशी निवेश 23 फीसदी बढ़ा.दक्षिण एशिया में भारत अस्सी फीसदी हिस्सेदारी के साथ विदेशी निवेश का सबसे बढ़ा केंद्र है.संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास सम्मेलन की रिपोर्ट के अनुसार निवेश के लिए सबसे आकर्षक पांच देशों की सूची में चीन, अमरीका, भारत, इंडोनेशिया और ब्राजील शामिल है.

अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय

अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में समान्य सभा द्वारा 15 न्यायाधीश चुने चाते है । यह न्यायाधीश नौ साल के लिए चुने जाते है. कोई भी दो न्यायाधीश एक ही राष्ट्र के नहीं हो सकते.अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के अभियोग दो तरह के होते है ः विवादास्पद विषय तथा परामर्शी विचार ।

संयुक्त राष्ट्र अधिकारपत्र

संयुक्त राष्ट्र अधिकारपत्र वह पत्र है जिसपर 50 देशों के हस्ताक्षर द्वारा संयुक्त राष्ट्र स्थापित हुआ । वास्तव में यह एक संधि है । इस पर अवश्यक 50 हस्ताक्षर 26 जून 1945 को हुए. संयुक्त राष्ट्र 24 अक्तूबर 1945 को स्थापित हुआ.

संयुक्त राष्ट्र महासभा

संयुक्त राष्ट्र महासभा संयुक्त राष्ट्र के पांच मुख्य अंगों में से एक है। महासभा का हर वर्ष सब सदस्य देशों के प्रतिनिधियों के साथ सम्मेलन होता है। इन प्रतिनिधियों में से एक को अध्यक्ष चुना जाता है। महत्वपूर्ण प्रश्नों के निर्णय दो तिहाई बहुमत के अनुसार होते हैं। बाकी के निर्णय साधारण बहुमत के अनुसार लिए जाते हैं। हर सदस्य को एक मत मिलता है।

‘स्टेट ऑफ वर्ल्ड सिटीज

यू एन हैबीटेट’ के विशेषज्ञों की रिपोर्ट ‘स्टेट ऑफ वर्ल्ड सिटीज’ उत्पादकता, जीवन की गुणवत्ता, आधारभूत ढांचे, पर्यावरण और समानता जैसे विभिन्न आधारों पर शहरों की समृद्धि का आकलन करती है और इन सभी पांच श्रेणियों में भारतीय शहर ढाका, काठमांडो तथा कंपाला से थोड़ा ऊपर हैं। रिपोर्ट में विश्व के शहरों में मुंबई को 52वां और नई दिल्ली को 58वां स्थान मिला है।

संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में मुंबई को 52वां और दिल्ली को 58वां स्थान मिला है..

संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में मुंबई को 52वां और दिल्ली को 58वां स्थान मिला है। पांच सबसे अच्छे शहर हैं- वियना, न्यू यार्क, टोरंटो, लंदन और स्टॉकहोम। हैदराबाद को जहां मेडिसिन कैपिटल के रूप में तारीफ मिली है वहीं आईटी की वजह से बेंगलुरु को काफी अच्छा पाया गया है। नयी दिल्ली और मुम्बई समृद्धि की ओर बढ़ रहे विश्व के 95 शहरों की सूची में शुमार हैं.

चीन की पंच वर्षीय योजना

चीन की मौजूदा पंच वर्षीय योजना के अनुसार साल 2010 से 2015 तक उसका लक्ष्य 40 प्रतिशत के आर्थिक विकास की दर को हासिल करना है. साथ ही चीन कार्बन डाईऑक्साईड तीव्रता को 17 फ़ीसदी घटाना भी चाहता है.

भारतीय कला

भारतीय स्वतंत्रता के बाद प्रगतिशील कलाकारों ने स्वतंत्रोत्तर भारत की आकांक्षाओं को व्यक्त करने के लिए नये विषयों व माध्यमों को चुना। इस समूह के छह प्रमुख चित्रकारों में के.एच. आगा, एस. के. बकरे, एच. ए. गदे, एम. एफ. हुसैन, एस. एच. रजा और एफ. एन. सूजा शामिल थे। इस समूह को 1956 में भंग कर दिया गया.

एलोरा की गुफाएं

एलोरा के 34 मठ और मंदिर औरंगाबाद के निकट 2 किमी के क्षेत्र में फैले हैं, इन्हें ऊँची बेसाल्ट की खड़ी चट्टानों की दीवारों को काट कर बनाया गया हैं। यहां 34 गुफ़ाएं हैं. इसमें हिन्दू, बौद्ध और जैन गुफ़ा मन्दिर बने हैं।

एलोरा

एलोरा की गुफाओं में सबसे प्रमुख आठवीं सदी का कैलाश मंदिर है। इसके अतिरिक्त इसमें जैन व बौद्ध गुफाएं भी हैं।एलोरा एक पुरातात्विक स्थल है, जो औरंगाबाद, महाराष्ट्र से 30 कि.मि. की दूरी पर स्थित है। इन्हें राष्ट्रकूट वंश के शासकों द्वारा बनवाया गया था। अपनी स्मारक गुफाओं के लिये प्रसिद्ध, एलोरा युनेस्को द्वारा घोषित एक विश्व धरोहर स्थल है।

1972 में यूनेस्को ने विश्व की सांस्कृतिक तथा प्राकृतिक धरोहरों की सुरक्षा के लिए नियम बनाया..

1972 में यूनेस्को ने विश्व की सांस्कृतिक तथा प्राकृतिक धरोहरों की सुरक्षा के लिए नियम बनाया. धारा 49 के अनुसार हर राज्य सरकार को हर स्मारक, स्थान तथा ऐतिहासिक वस्तु की रक्षा करनी चाहिए। धारा 51 (अ) में लिखा गया है कि हर भारतीय नागरिक का कर्तव्य है कि वह भारत की सांस्कृतिक धरोहर की रक्षा करे.सन् 2007 में यूनेस्को ने घोषित किया कि विश्व में 830 सांस्कृतिक धरोहर हैं उनमें से 27 भारत में हैं।

बनी-ठनी राजस्थान के रूप लावण्य का प्रतिबिंब बन गई है..

बनी-ठनी में राधा कृष्ण है तो प्रेम और भक्ति भी है.किशनगढ़ की चित्र शैली मुगल बादशाहत के दौर में पर्शिया के फराज से लाए गए चित्रकारों की कला का ही विस्तार माना जाता है.बनी-ठनी राजस्थान के रूप लावण्य का प्रतिबिंब बन गई है.उसमें नायिका की बादाम जैसी आँखे, धनुष सरीखी भौंए ,उभरी ठोड़ी ,लंबी अंगुलियां और गुलाबी अदा है.इसमें औरत का रूप सौंदर्य से भरपूर है

बनी-ठनी एक ऐतिहासिक चित्रकृति है..

किशनगढ़ रियासत के एक चित्रकार ने जब राजा की अनाम प्रेयसी को तस्वीर में उभारा तो उस बेपनाह खूबसूरती देखने वाले ने बनी-ठनी का नाम दिया. ये किशनगढ़ के तत्कालीन राजा सावंत सिंह के दौर की बात है.बनी-ठनी पहले राजा सावंत सिंह के ख्वाबों में आई, फिर केनवास पर उतरी.बनी-ठनी एक ऐतिहासिक चित्रकृति है.दुनिया भर में इसका नाम है. उसमे नायिका के तीखे नाक नक्श है.

लालकोट

दिल्ली को ख्याति एक तोमर शासक, अनंगपाल के शासन में मिली. अनंगपाल ने दिल्ली के लालकोट को स्थापित किया, जिसकी निशानियां महरौली में आज भी देखी जा सकती हैं, जिसे बाद में किला राय पिथौड़ा के नाम से जाना गया और यही दिल्ली सल्तनत का पहला शहर बना.

.दूरसंचार उद्योग में प्रतिदिन क़रीब दो अरब लीटर डीज़ल की खपत होती है..

60 फीसदी से ज़्यादा मोबाइल टावर ऊर्जा के लिए डीज़ल से चलनेवाले जेनरेटर पर निर्भर हैं. भारत में मोबाइल टावरों के लिए स्वच्छ ऊर्जा अपनाने की ज़रूरत पर विचार चल रहा है.दूरसंचार उद्योग में प्रतिदिन क़रीब दो अरब लीटर डीज़ल की खपत होती है. दूरसंचार नियामक ने दूरसंचार कंपनियों को डीजल पर निर्भरता कम करने और ग्रामीण इलाकों में मोबाइल टावर से कार्बन का उत्सर्जन 50 फीसदी और शहरी इलाकों में 20 फीसदी कम करने का सुझाव दिया है.

कैरेम एक भाषा है जिसे उक्रेन में मात्र छह लोग बोलते हैं..

भारत की स्थिति बेहद चिंताजनक है क्योंकि यहां कि १९६ भाषाएं विलुिप्त् के कगार पर है । भारत के बाद अमेरिका की स्थिति चिंताजनक है, जहां की १९२ भाषाएं दम तोड़ रही हैं । कैरेम एक भाषा है जिसे उक्रेन में मात्र छह लोग बोलते हैं.

विश्व में करीब छह अरब मोबाइल फोन कनेक्शन

दुनिया की आबादी करीब सात अरब है. अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार यूनियन के अनुसार 2011 के अंत तक विश्व में करीब छह अरब मोबाइल फोन कनेक्शन थे.लगभग एक अरब सबस्क्रिप्शन केवल चीन में ही है. अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार यूनियन (आईटीयू) का ये भी कहना है कि दुनिया के एक तिहाई लोग यानी करीब दो अरब लोग 2011 के अंत तक इंटरनेट इस्तेमाल करने लगे हैं.

संस्कृत और तमिल दुनिया की प्राचीनतम जीवित भाषाएं हैं..

संस्कृत और तमिल सम्भवतः दुनिया की प्राचीनतम जीवित भाषाएं हैं। एक अनुमान के अनुसार दुनिया में कुल भाषाओं की संख्या 6809 है, इनमें से 90 फीसदी भाषाओं को बोलने वालों की संख्या 1 लाख से भी कम है। लगभग 357 भाषाएं ऐसी हैं जिनको मात्र 50 लोग ही बोलते हैं।

Thursday, October 18, 2012

राष्‍ट्रीय पुनर्वास तथा पुन: स्‍थापना नीति, 2007

मुख्‍य कानून जो भूमि के अधिग्रहण से संबंध रखता है वह भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 1894 है। ग्रामीण विकास मंत्रालय केन्‍द्रीय सरकार का नोडल मंत्रालय है, जो भूमि अधिग्रहण पर केन्‍द्रीय विधान का प्रशासन करता है। भूमि संसाधन विभाग, ग्रामीण विकास मंत्रालय ने परियोजना प्रभावित परिवारों के लिए पुन: स्‍थापना तथा पुनर्वास की राष्‍ट्रीय नीति, 2003 निर्धारित की है, जिसके स्‍थान पर अब राष्‍ट्रीय पुनर्वास तथा पुन: स्‍थापना नीति, 2007 कार्यरत हैं।

भूमि अधिग्रहण

ग्रामीण विकास मंत्रालय भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 1894 को प्रशासित करने वाली नोडल संघ सरकार होने के नाते समय समय पर कथित अधिनियम के विभिन्‍न प्रावधानों के संशोधन हेतु प्रस्‍तावों का प्रसंसाधन करता है।इस अधिनियम में सार्वजनिक प्रस्‍तावों को भी विनिर्दिष्‍ट किया जाता है जो राज्‍य की ओर से भूमि के इस अधिग्रहण के लिए प्राधिकृत हैं। इसमें कलेक्‍टर, उपायुक्‍त तथा अन्‍य कोई अधिकारी शामिल हैं, जिन्‍हें कानून के प्राधिकार के तहत उपयुक्‍त सरकार द्वारा विशेष रूप से नियुक्‍त किया जाता है।

भूमि अधिग्रहण अधिनियम- 1894

भूमि के अधिग्रहण से संबंधित मुख्‍य कानून भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 1894 है।यह अधिनियम सरकार को सार्वजनिक प्रयोजनों के लिए भूमि के अधिग्रहण का प्राधिकरण प्रदान करता है जैसे कि योजनाबद्ध विकास, शहर या ग्रामीण योजना के लिए प्रावधान, गरीबों या भूमि हीनों के लिए आवासीय प्रयोजन हेतु प्रावधान या किसी शिक्षा, आवास या स्‍वास्‍थ्‍य योजना के लिए सरकार को भूमि की आवश्‍यकता।

भारत सरकार ने जैव विविधता सम्‍मेलन में संबद्ध पक्षों की अध्‍यक्षता करते हुए 50 मिलियन डॉलर प्रदान करने की घोषणा की है ..

भारत सरकार ने जैव विविधता सम्‍मेलन में संबद्ध पक्षों की अध्‍यक्षता करते हुए 50 मिलियन डॉलर प्रदान करने की घोषणा की है ताकि भारत में जैव विविधता संरक्षण को संस्‍थागत व्‍यवस्‍था के रूप में मजबूत किया जा सके।

भारत में भूमि पर दबाव के बावजूद 6 सौ संरक्षित क्षेत्र हैं जो देश के कुल भौगोलिक क्षेत्र का लगभग 5 प्रतिशत हैं..

घनी आबादी वाले भारत में भूमि पर दबाव के बावजूद 6 सौ संरक्षित क्षेत्र हैं जो देश के कुल भौगोलिक क्षेत्र का लगभग 5 प्रतिशत हैं। इनमें राष्‍ट्रीय उद्यान, वन्‍यजीव अभ्‍यारण्‍य और संरक्षण भंडार का नेटवर्क शामिल है। उन्‍होंने कहा कि बाघों तथा हाथियों जैसे उच्‍च लुप्‍त प्राय प्रजातियों के लिए हमारे विशेष कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। 2010 में बाघों के राष्‍ट्रीय स्‍तर के आकलन में बढ़ोत्‍तरी दर्शाई गयी है और 2006 के 1411 की उनकी संख्‍या के स्‍थान पर अब अनुमानित संख्‍या 1706 हो गयी है। लुप्‍त प्राय 16 प्रजातियों को फिर से पाने की पहल आरंभ कर दी गयी है।

खाद्य समस्‍या

दुनिया के सामने खाद्य समस्‍या एक प्रमुख चुनौती है, विशेष तौर पर तेजी से हो रहे जलवायु परिर्वतन के दौर में। वनों और खेतों में पाए जाने वाली जैव विविधता भविष्‍य के लिए इसका हल प्रदान करने की कुंजी बन सकती है, इसलिए हमें फसलों की पारंपरिक किस्‍मों को संरक्षित करने के लिए आंदोलन के स्‍तर पर प्रयास करने की आवश्‍यकता है।

ज्ञान डाटाबेस

भारत ने नीम के इस्‍तेमाल तथा हल्‍दी के चिकित्‍सा गुण के यूरोप में पेटेंट कराने की वजह से अपना ज्ञान डाटाबेस तैयार करने का निर्णय लिया। इसके बाद इस डाटाबेस की वजह से जैव चोरी के एक हजार से अधिक मामलों का पता लगा और पेटेंट कार्यालयों द्वारा 105 अधिक दावे वापस लिए गए या रद्द कर दिए गए।

भारत ने हाल ही में नागोया प्रोटोकॉल की पुष्टि की है..

भारत ने हाल ही में नागोया प्रोटोकॉल की पुष्टि की है और इसके प्रति प्रतिबद्धता को औपचारिक रूप दिया है। वैश्विक प्रयासों के बावजूद 2010 में तय किए गए जैव विविधता के लक्ष्‍य को पूरी तरह हासिल नहीं किया जा सका। भारत ने पारंपरिक ज्ञान के संरक्षण के लिए पारंपरिक ज्ञान डिजिटल लाइब्रेरी के गठन का विशिष्‍ट दृष्टिकोण अपनाने की कोशिश की है। इस डाटाबेस में पांच अंतर्राष्‍ट्रीय भाषाओं में 3 करोड़ 40 लाख सूचना पृष्‍ठ शामिल हैं जो पेटेंट परीक्षकों के लिए आसानी से उपलब्‍ध हैं। यह लाइब्रेरी आयुर्वेद जैसे संहिताबद्ध पारंपरिक ज्ञान व्‍यवस्‍था के संरक्षण के मुद्दे पर नागोया प्रोटोकॉल के उद्देश्‍यों का संवर्धन करता है।

संबद्ध पक्षों का 11वां सम्‍मेलन

पिछले वर्ष संयुक्‍त राष्‍ट्र जैव विविधता दशक आरंभ किए जाने के बाद से यह इस तरह का पहला सम्‍मेलन है। संबद्ध पक्षों का 11वां सम्‍मेलन एक महत्‍वपूर्ण समय में आयोजित किया जा रहा है। यह रियो द जनेरियो में हुए पृथ्‍वी शिखर सम्‍मेलन की 20वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित हो रहा है जब पूरी दुनिया ने एकजुट होकर कई दूरगामी दस्‍तावेज अपनाया था, जिसमें दो वैधानिक रूप से बाध्‍यकारी करार शामिल हैं।

वाल्मीकि अम्बेडकर मलिन बस्ती आवास योजना

वाल्मीकि अम्बेडकर मलिन बस्ती आवास योजना की शुरुआत दिसंबर 2001 में की गयी थी। यह योजना मलिन बस्तियों में रहने वालों के घरों के निर्माण और उन्नयन को सरल बनाती है।

देश में 1.87 करोड़ मकानों की कमी है..

आवास एवं शहरी गरीबी निवारण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2012 में देश में 1.87 करोड़ मकानों की कमी है। गैर सरकारी संगठन ‘सेंटर फॉर हाउसिंग राइट्स ऐंड एविक्शन्स’ ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि देश के करीब 15 करोड़ लोग ऐसे हैं, जो जर्जर हो चले मकानों व मलिन बस्तियों में जीवन गुजार रहे हैं।मकान की 95 फीसदी समस्या समाज के आर्थिक रूप से कमजोर तबकों से जुड़ी है.

मंकीगेट प्रकरण

मंकीगेट प्रकरण 2007-08 के ऑस्ट्रेलिया दौरे की घटना है। सिडनी टेस्ट में ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर एंड्रयू सायमंड्स ने हरभजन सिंह पर आरोप लगाया था कि उन्होंने उन्हें मंकी यानी बंदर कहा। जब यह वाकया हुआ था, उस वक्त सचिन बल्लेबाजी कर रहे थे। लिहाजा उनकी गवाही अहम थी, मामला जांच समिति तक पहुंची। सचिन ने बयान दिया कि उन्होंने हरभजन को ऐसा कुछ भी कहते नहीं सुना।

माओवादियों द्वारा भी भारत विरोधी गतिविधियों को खुलेआम अंजाम देना नेपाल में रोजमर्रा की घटना हो गई है..

साम्यवादी प्रचार तंत्र ने आज हर नेपाली नागरिक को भारत के प्रति शक के घेरे में धकेल दिया है।नेपाल की हर छोटी-बड़ी घटना के साथ भारत को जोड़ना, माओवादी हिंसा के लिए भी भारत को दोषी ठहराना तथा माओवादियों द्वारा भी भारत विरोधी गतिविधियों को खुलेआम अंजाम देना नेपाल में रोजमर्रा की घटना हो गई है।

हम लोग लगातार जैव विविधता खो रहे हैं..

स्तनपाई, रेंगने वाले, पक्षी, जलथलचर और मछलियों की प्रजातियाँ 1970 से 2006 के बीच एक तिहाई कम हो गई हैं.वर्ष 2002 में जॉहनसबर्ग में हुई बैठक में जैव विविधता में होने वाली कमी की दर पर लगाम कसने के लिए 2010 का लक्ष्य रखा गया था.21 प्रतिशत स्तनधारी, 30 प्रतिशत जलथलचर, 12 प्रतिशत पक्षी और 27 प्रतिशत चट्टान बनाने वाले मूंगें लुप्त होने की कगार पर हैं.

. भारत में चावल की क़रीब 50 हज़ार भिन्न क़िस्में हैं..

भारत के जलक्षेत्र में 13 हज़ार लुप्तप्राय प्रजातियों की गणना की गई है. आठ हज़ार किलोमीटर तटरेखा के आसपास बंदरगाह और बिजली घर जैसी विकास परियोजनाओं के कारण कई मछलियों और प्रवाल भिति ख़तरे में हैं. भारत में चावल की क़रीब 50 हज़ार भिन्न क़िस्में हैं. इनमें से कई का दिल्ली स्थित नेशनल जीन बैंक के फ्रिजों में संरक्षित है.एनबीए के 2010 के अनुमान अनुसार भारत में 8850 करोड़ के जैव विविध निर्यात की संभावना है.

आईयूसीएन ने शेर जैसी पूंछ वाले बंदर को 25 लुप्तप्राय जानवरों की सूची से हटा दिया है..

देश का 4.8 प्रतिशत भौगोलिक हिस्से को सुरक्षित क्षेत्र में रखा गया है. 2011 में देश भर में 1706 वयस्क बाघ गिने गए थे जबकि 2006 में यह संख्या सिर्फ़ 1411 थी. भारत इस समय जैव विविधता पर दो अरब डॉलर ख़र्च कर रहा है. इसके परिणाम भी सामने आने लगे हैं. आईयूसीएन ने शेर जैसी पूंछ वाले बंदर को 25 लुप्तप्राय जानवरों की सूची से हटा दिया है क्योंकि इसकी संख्या में इज़ाफ़ा हुआ है.

अनाज की खपत की मांग इसके उत्पादन से ज्यादा है..

अनाज की खपत की मांग इसके उत्पादन से ज्यादा है। 1974 के बाद से यह अपने सबसे निचले स्तर पर है। मंडराते खाद्यान्न संकट के चलते आयात-स्रोत सिकुड़ जाएंगे।

साल 2007 में तत्कालीन प्रधानमंत्री जॉन होवॉर्ड ने उस नीति को बदल दिया था, जिसमें परमाणु अप्रसार संधि से नहीं जुड़े देशों को, जिनमें भारत भी शामिल है, यूरेनियम बेचने पर मनाही थी..

साल 2007 में तत्कालीन प्रधानमंत्री जॉन होवॉर्ड ने उस नीति को बदल दिया था, जिसमें परमाणु अप्रसार संधि से नहीं जुड़े देशों को, जिनमें भारत भी शामिल है, यूरेनियम बेचने पर मनाही थी। वह इस सिद्धांत पर सहमत हो गए थे कि ऊर्जा संकट को दूर करने वाले परमाणु संयंत्रों को यूरेनियम बेचा जाए। भारत के सतत विकास में बिजली की कमी एक समस्या है।

2011 में जानवरों की 193 नई प्रजातियां पाई गईं..

2005 में अरुणाचल प्रदेश में दुर्लभ प्रजाति का बंदर मिला था. जियोलॉजिक्ल सर्वे आफ़ इंडिया के अनुसार 2011 में जानवरों की 193 नई प्रजातियां पाई गईं. नेशनल वायोडायवर्सिटी अथारिटी (एनबीए) भारत के 70 फ़ीसदी हिस्से में पाए जाने वाले एक लाख 50 हज़ार दुर्लभ पौधों और जानवरों के ही आंकड़े एकत्र किए जा सके हैं.

अमरीका ने सीबीडी को 1994 से मानने से इनकार कर रखा है..

अमरीका ने सीबीडी को 1994 से मानने से इनकार कर रखा है. अमरीका को इस संधि की उस सबसे अहम शर्त सहित कई बातों पर एतराज़ है जिसमें कहा गया है कि सभी देशों को विश्व वैविधता के बराबर के फ़ायदे मिलने चाहिएं.

इस समय 929 दुर्लभ प्रजातियां ख़तरे में हैं...

इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंज़र्वेशन ऑफ़ नेचर ने चेताया है कि इस समय 929 दुर्लभ प्रजातियां ख़तरे में हैं. 2004 में यह संख्या 648 थी. विश्व धरोहर को गंवाने वाले देशों की शर्मनाक सूची में भारत चीन से ठीक बाद सातवें स्थान पर है.संयुक्त राष्ट्र कंवेनशन ऑन बायोलॉजिकल डायवर्सेटी ( सीबीडी) संधि पर 193 देशों ने हस्ताक्षर करने के अलावा इस पर अमल किया है.अमरीका इसे मानने से इनकार कर चुका है. इस मसले पर सूडान भी अमरीका के साथ खड़ा है.

विश्व के जीन पूल को कैसे बचाया जाए ?

हैदराबाद में 190 देशों के 12 हज़ार से भी अधिक विशेषज्ञ इस बात पर विचार विमर्श कर रहे हैं कि विश्व के जीन पूल को कैसे बचाया जाए. इन सभी का मानना है कि विश्व की इस अनमोल धरोहर को बचाने के लिए 40 अरब डॉलर की राशि की ज़रूरत है.पिछले दशक में भारत ने कम से कम पांच दुर्लभ जानवर लुप्त होते देखे हैं. इनमें इंडियन चीता, छोटे क़द का गैंडा, गुलाबी सिर वाली बत्तख़, जंगली उल्लू और हिमालयन बटेर शामिल है.

कन्वेंशन ऑन बायोलॉजिकल डाइवर्सिटी

193 देश कन्वेंशन ऑन बायोलॉजिकल डाइवर्सिटी के समझौते पर राजी हुए हैं। यह संधि 2020 तक रहेगी। इसमें अमेरिका शामिल नहीं है.इसके तहत कम से कम 17 फीसदी पारिस्थितिकी समृद्ध क्षेत्रों की सुरक्षा मुमकिन हो पाएगी। 5,490 स्तनधारी प्रजातियों में से हर पांचवीं प्रजाति लगभग विलुप्त होने के कगार पर हैं।

।बाढ़ का खतरा झेलने वाली प्रत्‍येक घाटी के लिए बाढ़ नियंत्रण और प्रबंधन का एक मास्टर प्लान होना चाहिए..

सतही तथा भूजल, दोनों की गुणवत्ता की नियमित रूप से निगरानी की जानी चाहिए। प्राकृतिक धाराओं में निर्वहन से पहले अपशिष्ट को स्वीकार्य स्तर और मानकों के अनुसार शोधित किया जाना चाहिए। पारिस्थितिकी को बनाए रखने के लिए धाराओं में बारहमासी न्यूनतम प्रवाह सुनिश्चित किया जाना चाहिए।बाढ़ का खतरा झेलने वाली प्रत्‍येक घाटी के लिए बाढ़ नियंत्रण और प्रबंधन का एक मास्टर प्लान होना चाहिए। उपयुक्त लागत प्रभावी उपायों से समुद्र या नदी द्वारा भूमि कटाव को न्यूनतम किया जाना चाहिए। तटीय क्षेत्रों और बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में अंधाधुंध व्यवसाय और आर्थिक गतिविधि को नियामित किया जाना चाहिए।

राष्ट्रीय जल नीति- 2002

राष्ट्रीय जल संसाधन परिषद ने अप्रैल 2002 में राष्ट्रीय जल नीति 2002 अपनाई जो विभिन्न जल संसाधनों के प्रबंधन से संबंधित मुद्दों के बारे में है। राष्ट्रीय जल नीति सतत विकास और जल संसाधनों के कुशल प्रबंधन पर जोर देती है।जल एक प्रमुख प्राकृतिक संसाधन, एक बुनियादी मानवीय आवश्यकता और एक कीमती राष्ट्रीय परिसंपत्ति है। जल संसाधनों का नियोजन, विकास और प्रबंधन राष्ट्रीय दृष्टिकोण से संचालित किए जाने की आवश्यकता है।

मानवाधिकार दिवस

मानवाधिकार दिवस की शुरुआत संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 1948 में की थी. उसने 1948 में सार्वभौमिक मानवाधिकार घोषणा स्वीकार की थी और 1950 से महासभा ने सभी देशों को इसकी शुरुआत के लिए आमंत्रित किया था. भारत में 26 सिंतबर 1993 से मानव अधिकार कानून अमल में लाया गया है.

नदियों में पानी

नेपाल से आने वाला पानी आज नदियों में पहले से कहीं अधिक आता है। तीन लाख क्यूसेक की क्षमता वाली नदी आज दस लाख क्यूसेक से कहीं अधिक पानी व गाद झेलती है। इससे नदियों का भूगौल ही बदल गया है।

Wednesday, October 17, 2012

तटबंध से नदियों को बाँधने के बाद जल भराव व बाढ़ से तबाही

बिहार में बाढ़ के लिहाज से 1954, 1974 व 2004 बहुत भयावह वर्ष रहे हैं।1954 से पहले जब तक नदियों को तटबंध में नहीं बाँधा गया था, पानी को बहने के लिये काफी खुली जगह मिलती थी, पानी कितना भी तेज हो जन-धन हानि बहुत अधिक नहीं होती थी। तटबंध से नदियों को बाँधने के बाद जल भराव व बाढ़ से तबाही होना शुरु हो गया।

भारत में औसत वर्षा 1170 मिलीमीटर के आसपास होती है..

भारत में औसत वर्षा 1170 मिलीमीटर के आसपास होती है। इसका यदि उचित प्रबंधन किया जाए तो यह हमारी आवश्यकताओं के लिए पर्याप्त से ज्यादा है। पानी का भंडारण और पानी की गुणवत्ता बनाए रखना आज की प्रमुख चुनौती है। जल के परंपरागत स्रोतों और जल संरक्षण की प्राचीन परंपराओं की उपेक्षा हो रही है। अब तक भारत में 4000 से अधिक बड़े बांध बनाए जा चुके हैं।

कन्वेंशन ऑन बायोडाइवर्सिटी

15-20 साल पहले गधों की संख्या बहुतायत थी लेकिन अब गधों की संख्या काफी घटी हैं. प्रत्येक पांच वर्ष पश्चात जैव विविधता विषय पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन होता हैं.उत्तर प्रदेश की जैव विविधता के संरक्षण हेतु प्रदेश के 16,966.22 वर्ग किमी वन क्षेत्र में से लगभग 5,170 वर्ग किमी क्षेत्र में 1 राष्ट्रीय उद्यान, 24 वन्य जीव विहार स्थापित किये गये हैं, जोकि प्रदेश के वन क्षेत्र की लगभग 33.6 प्रतिशत तथा कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 2.4 प्रतिशत हैं।

किसानों की आत्महत्या के आंकड़ों में वृद्धि

2011 में पांच राज्यों में 2010 की तुलना में किसानों की आत्महत्या के आंकड़ों में 50 से अधिक की वृद्धि दर्ज हुई है. इन राज्यों में शामिल हैं: गुजरात (55), हरियाणा (87), मध्य प्रदेश (89), तमिलनाडु (82). अकेले महाराष्ट्र में 2010 की तुलना में 2011 में 196 की वृद्धि देखी गई है.

राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के अनुसार 2011 में कम से कम 14,027 किसानों ने आत्महत्या की है..

राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के अनुसार 2011 में कम से कम 14,027 किसानों ने आत्महत्या की है. इस तरह 1995 के बाद से आत्महत्या करने वाले किसानों की कुल संख्या 2,70,940 हो चुकी है. महाराष्ट्र में 2010 के मुकाबले 2011 में आत्महत्या करने वाले किसानों की संख्या 3141 से बढ़कर 3337 हो गई.महाराष्ट्र में 1995 के बाद आत्महत्या करने वाले किसानों की कुल संख्या 54,000 का आंकड़ा छूने को है. इनमें से 33,752 किसानों ने 2003 के बाद आत्महत्या की है.

देश में हर महीने 70 से अधिक किसान आत्महत्या कर रहे हैं।

देश में हर महीने 70 से अधिक किसान आत्महत्या कर रहे हैं। जबकि एक लाख 25 हजार परिवार सूदखोरों के चंगुल में फंसे हैं।सूचना के अधिकार कानून के तहत मिली जानकारी के अनुसार, देश में 2008 से 2011 के बीच 3,340 किसानों ने आत्महत्या की।आरटीआई के तहत कृषि मंत्रालय के कृषि एवं सहकारिता विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, 2008 से 2011 के दौरान सबसे अधिक महाराष्ट्र में 1,862 किसानों ने आत्महत्या की। आंध्रप्रदेश में 1,065 किसानों ने आत्महत्या की। कर्नाटक में इस अवधि में 371 किसानों ने आत्महत्या की।

खान मार्केट

देश में सबसे अधिक किराए के लिहाज से दिल्ली की खान मार्केट पहले नंबर पर है। यहां किराया 1,250 प्रति वर्ग फीट प्रति माह आंका गया है जो देश में सबसे अधिक है।

1995 से लेकर 2011 के बीच 2,90,470 किसानों ने आत्महत्या की..

1995 से लेकर 2011 के बीच 2,90,470 किसानों ने आत्महत्या की. यह संख्या औसतन 17,000 किसान प्रतिवर्ष है, जो बढ़ते हुए कर्ज से बचने के लिए जानलेवा कदम उठाते हैं. इससे ज्यादा भयावह और कुछ नहीं हो सकता है कि देश में हर घंटे कहीं न कहीं दो किसान आत्महत्या करते हैं.

Tuesday, October 16, 2012

डेंगू का नया स्ट्रेन

डेंगू का नया स्ट्रेन दिख रहा है। इसमें स्किन , आंखें और शरीर के जोड़ सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। डेंगू के लक्षणों में इस तरह का बदलाव कभी - कभार देखा जाता है. कुछ लोग एलर्जी समझकर स्किन स्पेशलिस्ट के पास पहुंच रहे हैं , तो कोई आई फ्लू के भ्रम में आई स्पेशलिस्ट के पास जा रहा है. आजकल डेंगू के करीब 80 पर्सेंट मामले नए लक्षणों वाले ही आ रहे हैं। इनमें स्किन पर अलग - अलग तरह के रैशेज के साथ किसी को जोड़ों में दर्द हो रहा है , तो किसी की आंखें लाल होकर सूज गई हैं।

दिल्ली - बीआरटी कॉरिडोर

यह एक हाइब्रिड कॉरिडोर होगा। यानी इसमें कुछ जगह मिक्स ट्रैफिक भी चलेगा। शास्त्री पार्क से करावल नगर के बीच 8.7 किमी लंबा मुख्य कॉरिडोर तो बनेगा ही, ट्रैफिक के पैटर्न को देखते हुए मुख्य कॉरिडोर से जुड़े चार लिंक कॉरिडोर भी बनाए जाएंगे। 3 किमी लंबा एक लिंक कॉरिडोर शास्त्री पार्क से कश्मीरी गेट मेट्रो स्टेशन के बीच बनेगा, जबकि 2 किमी लंबा दूसरा लिंक खजूरी चौक से यमुना विहार के बीच बनेगा। इसी तरह 1.5 किमी लंबा तीसरा लिंक गांधी नगर से शास्त्री पार्क मेट्रो स्टेशन के बीच बनेगा, जबकि 0.30 किमी लंबा चौथा लिंक शास्त्री पार्क मेट्रो स्टेशन से शास्त्री पार्क चौक तक बनेगा।

काला धन

काला धन वह इनकम होती है जिस पर टैक्स की देनदारी बनती है लेकिन उसकी जानकारी टैक्स डिपार्टमेंट को नहीं दी जाती है।इसका पता लगाने का एक तरीका इनपुट आउटपुट रेश्यो है। किसी देश में खास रकम के इनपुट पर खास मात्रा में सामान का प्रॉडक्शन होता है। अगर आउटपुट कम है तो माना जाता है कि आउटपुट की अंडर-रिपोर्टिंग हो रही है।

कॉनसेप्ट ऑफ मीन रिवर्जन

यह किसी आंकड़े के बार-बार अपने लॉन्ग टर्म ऐवरेज के पास जाने की टेंडेंसी होती है। इसका मतलब यह हुआ कि अगर इंटरेस्ट रेट अपने लॉन्ग टर्म एवरेज से ऊपर या नीचे जाता है तो एवरेज के करीब आने के लिए उसमें नीचे या ऊपर आने की काफी संभावना होती है।

पीपीपी एक्सचेंज रेट

किसी प्रॉडक्ट या सर्विस को दो अलग-अलग देशों में खरीदने पर कीमत में कितना अंतर होगा। इससे पीपीपी एक्सचेंज रेट निकाला जाता है.द इकनॉमिस्ट का बनाया बिग मैक इंडेक्स पीपीपी कॉन्सेप्ट का अच्छा उदाहरण है। इसमें यह मान लिया जाता है कि लॉन्ग टर्म में मैकडॉनल्ड के बिग मैक बर्गर की कीमत दुनिया से सभी बाजारों में एक ही होगी। भारत में बर्गर की कीमत निकालकर उसकी तुलना अमेरिका की कीमत से करने पर पीपीपी के आधार पर डॉलर का एक्सचेंज रेट निकलता है। इस तरह निकाले गए पीपीपी एक्सचेंज रेट की तुलना मार्केट रेट से की जा सकती है।

सर्किट फिल्टर

रेगुलेटर की तरफ से बनाई गई प्राइस लिमिट होती है। इससे यह तय होता है कि एनएसई या बीएसई के निफ्टी और सेंसेक्स जैसे इंडेक्स एक दिन में कितना ऊपर-नीचे जा सकते हैं। अगर 10 फीसदी की सर्किट लिमिट 1 बजे दोपहर से पहले ब्रेक होती है तो ट्रेडिंग अपने आप रुक जाएगी और वह एक घंटे बाद फिर शुरू होगी। इंडेक्स 20 के फीसदी गिरने पर ट्रेडिंग बाकी दिन के लिए भी रोक दी जाती है।

संविधान में 42वें अमेंडमेंट के तहत 10 फंडामेंटल ड्यूटी की बात कही गई है..

संविधान में 42वें अमेंडमेंट के तहत 10 फंडामेंटल ड्यूटी की बात कही गई है। 86वें अमेंडमेंट के तहत इसमें एक और ड्यूटी जोड़ी गई। इसमें हर पैरेंट के लिए अपने बच्चों को शिक्षा का अवसर दिए जाने की बात शामिल की गई थी। ड्यूटी के लिए कानूनन दबाव नहीं बनाया जा सकता। हालांकि, इनसे लोगों में राष्ट्रीयता की भावना बढ़ती है।

टैक्स-जीडीपी रेशियो

इंडिया का टैक्स-जीडीपी रेशियो 2011-12 में घटकर 10.1 फीसदी रह गया. 2007-08 में यह 11.9 के रेकॉर्ड लेवल पर था।

विक्रम पंडित

सिटीग्रुप के सीईओ विक्रम पंडित ने इस्तीफा दे दिया। कोलंबिया यूनिवर्सिटी से ग्रैजुएट पंडित लगभग पांच साल से, दिसंबर 2007 से इस पद पर थे। बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने सर्वसम्मति से माइकल कोरबट को नया सीईओ अपॉइंट किया है।

41वां बाघ रिजर्व

आंध्रप्रदेश सरकार ने अप्रैल 2012 को कवल बाघ रिजर्व अधिसूचित किया जो देश का 41वां बाघ रिजर्व है. दुनिया भर में बाघों की आधी से भी अधिक आबादी भारत में रहती है। बाघ रिजर्व में विशेष बाघ सुरक्षा बल का गठन करने और वन संरक्षकों को हथियार मुहैया कराने के लिए केंद्र सरकार राज्यों की सहायता कर रही है।

बाघ की अनुमानित संख्या 1706 है..

राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के 28 मार्च 2011 को जारी आंकड़े बताते हैं कि बाघ की अनुमानित संख्या 1706 है. यह संख्या कम से कम 1571 और अधिक से अधिक 1875 हो सकती है.ये आंकड़े देश के 17 राज्यों में बाघों की आबादी पर आधारित हैं. 2008 में बाघों की संख्या 1411 थी.शिवालिक गंगा मैदानी इलाके में बाघ 5000 वर्ग किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में रह रहे हैं और उनकी अनुमानित संख्या 297 है. मध्य भारत में लगभग 451 बाघ 47 हजार वर्ग किलोमीटर से अधिक इलाके में रहते हैं.

बाघ संरक्षण के नए दिशा-निर्देश

केन्द्र सरकार ने 26 सितंबर को राज्य सरकारों के लिए नए दिशा-निर्देश तैयार करके न्यायालय में पेश किए थे। इन दिशा-निर्देशों में सरकार ने कहा था कि बाघों की आबादी के संरक्षण के लिए नई पर्यटन संरचनाओं का सृजन किया जाएगा। इसके तहत नियंत्रित और कम प्रभाव वाली पर्यटक गतिविधियों के लिए बाघों के पर्यावास के सघन इलाके में अधिकतम 20 फीसदी क्षेत्र का ही इस्तेमाल किया जा सकेगा।

एलपीजी पोर्टल

देश के लगभग 14 करोड़ घरों में आपूर्ति होने वाले घरेलू रसोई गैस सिलेंडर की आपूर्ति के बारे में पूरी जानकारी देने की एक नई पहल करते हुए आज यहां ‘एलपीजी पोर्टल’ की शुरुआत की गई। इस पोर्टल से एलपीजी उपभोक्ता और ज्यादा समर्थ और जागरूक बनेगा। इसके साथ ही सिलेंडर आपूर्ति के बारे में पारदर्शिता भी बढ़ेगी। इसके जरिए देश के सभी 14 करोड़ घरों में होने वाली सिलेंडर आपूर्ति के बारे में पूरी जानकारी उपलब्ध होगी।

तापी गैस पाइपलाइन

1680 किलोमीटर लंबी तापी गैस पाइपलाइन को बिछाने और उसके माध्यम से सदस्य देशों को प्राकृतिक गैस सप्लाई करने की परियोजना में एक अहम मोड़ बताया जा रहा है. इस परियोजना को लागू करने में 7.6 अरब डॉलर खर्च होंगे.

तापी गैस पाइपलाइन

तुर्कमेनिस्तान के पास विश्व के कुल प्राकृतिक गैस का चार प्रतिशत भंडार है. तापी गैस पाइपलाइन तुर्कमेनिस्तान के दौलताबाद गैस फील्ड से प्रारंभ होकर अफगानिस्तान के हेरात-कंधार से होते हुए पाकिस्तान के कोएटा और मुल्तान पहुंचेगी. गैस पाइपलाइन भारत-पाकिस्तान सीमा के फजिल्का में खत्म होगी.तापी पाइपलाइन की क्षमता प्रतिदिन 90 मिलियन क्यूबिक मीटर गैस सप्लाई करने की होगी. तीस साल तक सप्लाई के लिए हुआ तैयार होनेवाली परियोजना साल 2018 से चालू होगी.

प्राकृतिक गैस का उपयोग अधिक आपूर्ति सुरक्षा प्रदान करता है..

ऊर्जा के विविध स्रोतों के विकल्‍प के रूप में प्राकृतिक गैस का उपयोग अधिक आपूर्ति सुरक्षा प्रदान करता है और सतत आर्थिक उन्नति तथा विकास में भी सहायक है। अन्‍य हाईड्रोकार्बन स्रोतों की तुलना में गैस का प्रयोग न सिर्फ सस्‍ता है, बल्कि कई उपभोक्‍ता उद्योगों के लिए पर्यावरण की दृष्टि से भी अनुकूल है। बिजली उत्‍पादन के लिए गैस एक बेहतर ईंधन है, उर्वरक उत्‍पादन में उपयोगी है और परिवहन के लिए एक स्‍वच्‍छ वैकल्पिक ईंधन है।

दुनिया की सबसे लम्बी प्राकृतिक गैस पाइपलाइन

चीन की द्वितीय पूर्वी-पश्चिमी प्राकृतिक गैस पाइपलाइन दुनिया की सबसे लम्बी पाइपलाइन है। मध्य एशिया और चीन को जोड़ने वाली यह प्राकृतिक गैस पाइपलाइन से प्राकृतिक गैस तुर्कमेनिस्तान से पूर्वी चीन के पर्ल नदी डेल्टा क्षेत्र तक जाएगी। इस क्रम में वह देश के 15 प्रांतों से गुजरेगी। पाइपलाइन की कुल लम्बाई 8,700 किलोमीटर है। इसके निर्माण पर 21.98 अरब डॉलर की लागत आई है।

विश्व में रूस और ईरान के बाद कतर के पास प्राकृतिक गैस के तीसरे सबसे अधिक प्राकृतिक गैस के भंडार हैं..

विश्व में रूस और ईरान के बाद कतर के पास प्राकृतिक गैस के तीसरे सबसे अधिक प्राकृतिक गैस के भंडार हैं. कतर की निर्यात की क्षमता प्रतिवर्ष 7 करोड़ 70 सत्तर लाख टन एलएनजी की है.

लेड

लेड एक सघन, तन्य, नरम, लचीला, नीला सफेद धातु है। इसका उपयोग ऑटोमोटिव्स के लिए लेड-एसिड स्टोरेज बैटरियों के उत्पादन तथा अन्य औद्योगिक तथा उपभोग उद्देश्यों से किया जाता है। इसका दो तिहाई भाग विश्व के सिर्फ छह देशों- चीन, ऑस्ट्रेलिया, यूएसए, पेरू, कनाडा तथा मैक्सिको में उत्पादित होता है। चीन तथा ऑस्ट्रेलिया विश्व में लेड की आपूर्ति करने वाले अग्रणी देश है।

भारत क्रूड ऑयल का विश्व में छठवां सबसे बड़ा उपभोक्ता है..

सऊदी अरब, रूस तथा यूएसए विश्व के शीर्ष क्रूड ऑयल उत्पादक देशों में से है। ओपेक देश विश्व के ऑयल रिजर्व में 2 तिहाई से अधिक की हिस्सेदारी रखते हैं। विश्व क्रूड ऑयल बाजार पर ओपेक देशों का दबदबा है।क्रूड ऑयल के उपभोग की दृष्टि से अमेरिका के बाद चीन, जापान, रूस तथा भारत का स्थान आता है। भारत क्रूड ऑयल का विश्व में छठवां सबसे बड़ा उपभोक्ता है, जिसकी लगभग 70 प्रतिशत आवश्यकतायें आयात से पूरी होती है।

"कमर बाँध लो भावी घुमक्कड़ों, संसार तुम्हारे स्वागत के लिए बेकरार है।"

"कमर बाँध लो भावी घुमक्कड़ों, संसार तुम्हारे स्वागत के लिए बेकरार है।"--राहुल सांकृत्यायन. राहुल जी ने किशोरावस्था पार करने के बाद ही लिखना शुरू कर दिया था. राहुल सांकृत्यायन को सन् 1958 में 'साहित्य अकादमी पुरस्कार' और सन् 1963 भारत सरकार द्वारा 'पद्म भूषण' से सम्मानित किया गया।

गोल्ड

गोल्ड को मुख्यतः तीन तरह से उपयोग में लाया जाता है ये हैं-जेवरातों के रूप में, निवेश माध्यम के रूप में तथा औद्योगिक उत्पादन के रूप में।दक्षिण अफ्रीका, संयुक्त राज्य अमेरिका तथा ऑस्ट्रेलिया गोल्ड के तीन सबसे बड़े उत्पादक देश हैं। कनाडा, चीन, इंडोनेशिया तथा रूस अन्य प्रमुख गोल्ड उत्पादक देश है।

भारत विश्व का सबसे बड़ा रॉ जूट उत्पादक देश है..

भारत विश्व का सबसे बड़ा रॉ जूट उत्पादक देश है, जो विश्व के कुल जूट उत्पादन में लगबग 8 प्रतिशत का योगदान करता है। बंगलादेश, चाइना तथा म्यानमार अन्य प्रमुख जूट उत्पादक देश हैं। बंगलादेश जूट का सबसे अधिक निर्यात करता है, जिसकी वैश्विक जूट फाइबर तथा गुड्स के कारोबार मं 75 प्रतिशत भागीदारी है।

जूट को गोल्डन फाइबर के नाम से जाना जाता है..

जूट को गोल्डन फाइबर के नाम से जाना जाता है। इस फसल की अवधि 120-140 दिन है, जिसकी बुआई फरवरी माह मं की जाती है।जूट के उत्पादन मं भारत तथा बंगलादेश का योगदान 70 प्रतिशत है।हैवी यॉर्न तथा टेक्सटाइल के उत्पादन में इसका व्यापक उपयोग होता है। बोरियां तथा बैग इसके उत्पादों का प्रमुख हिस्सा है। बोरियां का उपयोग सामान्य तौर पर पैकेजिंग मटेरियल के रूप में होता है।

मस्टर्ड सीड

मस्टर्ड सीड की खेती पूरे विश्व में होती है। यह जीनस ब्रासिका के तहत आने वाले क्रूसीकेरा कुल का पौधा है। भारत में इसकी कई प्रजातियां तथा उप-प्रजातियां उगाई जाती है। ब्रासिका जुनसिया एल (राई) भारत में उत्तरपूर्व क्षेत्र में चीन से आई तथा पंजाब होते हुए अफगानिस्तान पहुंच गई। इसके बीज में 38-46 प्रतिशत तेल होता है।एशिया में इसकी खेती मुख्यतः चीन, भारत तथा पाकिस्तान में की जाती है। यूरोप, कनाड़ा तथा पूर्व यूएसएसआर में भी इसकी खेती होती है।

रूस के पास विश्व में प्राकृतिक गैस का सर्वाधिक भंडार है..

रूस के पास विश्व में प्राकृतिक गैस का सर्वाधिक भंडार है। इसके बाद ईरान का स्थान आता है। रूस, यूएसए तथा कनाडा विश्व के तीन सबसे बड़े प्राकृतिक गैस उत्पादक हैं। इसके उत्पादन में ईरान का चौथा स्थान है।भारत की विश्व के प्राकृतिक गैस उत्पादन में 1 प्रतिशत हिस्सेदारी है। देश में अप्रैल-फरवरी 2008-09 के दौरान प्राकृतिक गैस का समग्र उत्पादन 30,019 मिलियन क्यूबिक मीटर रहा।

कोयले से इतर प्राकृतिक गैस में अपेक्षाकृत प्रतिस्पर्धी बाजार ढांचे की संभावनाएं छिपी हैं..

प्राकृतिक गैस कोयले की तुलना में सस्ती तथा परमाणु ऊर्जा की तुलना में सुरक्षित है और बड़े पैमाने पर इसको प्रतिस्पर्धी नवीन ऊर्जा की ओर बढऩे वाला कदम माना जा रहा है। कम पूंजीगत लागत और गैस आधारित बिजली संयंत्रों में किफायत इसे अधिक अनुकूल बनाती है। कोयले से इतर प्राकृतिक गैस में अपेक्षाकृत प्रतिस्पर्धी बाजार ढांचे की संभावनाएं छिपी हैं।

प्राकृतिक गैस को मुख्यतः औद्योगिक, आवसीय, व्यावसायिक, परिवहन तथा विद्युत ऊर्जा उत्पादन क्षेत्र में उपयोग किया जाता है..

प्राकृतिक गैस अपनी अन्तर्निहित पर्यावरण अनुकूलता, भारी कार्य क्षमता तथा किफायती होने की वजह से सर्वाधिक वरीयता प्राप्त ईंधन के रूप में उभरकर सामने आया हैं। यह रंगहीन, गंधहीन, पर्यावरण अनुकूल ऊर्जा स्रोत है। यह एक उच्च ज्वलनशील हाइड्रोकार्बन गैस है, जिसको मुख्य घटक मीथेन है। इसमें ऑक्सीजन, हाइड्रोजन, नाइट्रोजन, ईंधन, ईथीलेन तथा हीलियम गैस भी शामिल होती है।

प्राकृतिक गैस

मिथेन क्लैथरेट्स के रूप में कोयले की तह में जीवाश्म ईंधन के साथ पाया जाता है।प्राकृतिक गैस में 95% हाइड्रोकार्बन होता है. सामान्यत यह मेथेन, एथेन, प्रोपेन, ब्युटेन, पेन्टेन का मिष्रण है.

राष्‍ट्रीय बाल श्रम परियोजना

राष्‍ट्रीय बाल श्रम परियोजना (एनसीएलपी) योजना के अंतर्गत पिछले तीन वर्षों के दौरान मुक्‍त कराए गए/हटाए गए और पुनर्वासित किए गए बच्‍चों की संख्‍या 3,54,877 है। भारत में कुल श्रम शक्ति का लगभग 3.6 फीसदी हिस्सा 14 साल से कम उम्र के बच्चों का है.

भारत में 50 फीसदी बाल मजदूर शारीरिक शोषण के शिकार होते हैं..

भारत में 50 फीसदी बाल मजदूर शारीरिक शोषण के शिकार होते हैं. बाल श्रम (निषेध एवं विनियमन) अधिनियम 1986 में, 18 व्‍यवसायों और 65 प्रक्रियाओं में 14 वर्ष से कम आयु के बच्‍चों का नियोजन निषेध है। यह अधिनियम, बच्‍चों की कामकाजी दशाओं को विनियमित करता है, जहां उन्‍हें काम करने से निषेध नहीं किया गया है। 2001 की जनगणना के अनुसार, देश में 5 से 14 वर्ष के बीच की आयु समूह के कामकाजी बच्‍चों की कुल संख्‍या 1.6 करोड़ थी। एनएसएसओ सर्वेक्षण 2009-10 के अनुसार, कामकाजी बच्‍चों की अनुमानित संख्‍या 49.84 लाख है जो कमी का रूझान दर्शाता है।

राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य बीमा योजना

श्रम और रोजगार मंत्रालय ने पहली अक्‍तूबर, 2007 से राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य बीमा योजना की शुरूआत की है। इस योजना का उद्देश्‍य असंगठि‍त क्षेत्र में गरीबी रेखा से नीचे के उन परि‍वारों को फैमि‍ली फ्लोट आधार पर 30,000 रुपए प्रति‍ वर्ष का स्‍मार्ट कार्ड आधारि‍त नकदरहि‍त स्‍वास्‍थ्‍य बीमा उपलब्‍ध कराना है। यह योजना पहली अप्रैल 2008 से प्रभावी है।

स्‍पेशल फोकस मार्केट स्‍कीम

विशेष फोकस बाजार स्‍कीम (विशेष एफएमएस) के तहत अधिसूचित देशों को निर्यात फोकस बाजार स्‍कीम (एफएमएस) के अंतर्गत अनुमन 3 प्रतिशत शुल्‍क क्रेडिट स्‍क्रिप के अलावा 1 प्रतिशत के अतिरिक्‍त शुल्‍क क्रेडिट स्‍क्रिप के लिए पात्र होगा। 05 जून, 2012 को सात नए बाजारों नामत: बेलिज, चिली, एल सल्‍वाडोर, ग्‍वाटेमाला, होंडूरास, मोरक्‍को, और उरूग्‍वे को विशेष फोकस बाजार स्‍कीम के साथ जोड़ा गया है जिससे इस स्‍कीम के तहत बाजारों की संख्‍या 48 हो जाती है। 2004-05 के बाद निर्यातों में प्रत्‍येक वर्ष बढ़ोतरी हुई है सिवाय 2009-10 के जब इसमें कमी आई थी।

शेल गैस

भारत में उपलब्‍ध शेल गैस स्रोतों का नक्‍शा बनाया गया है और 2013 के अंत तक इसके लिए लाइसेंस नियामक व्‍यवस्‍था स्‍थापित करने के प्रयास किये जा रहे हैं। हम कोयला खानों से भी मिथेन गैस प्राप्‍त कर रहे हैं, जिसके लिए लाइसंसिंग के चार दौर हो चुके हैं और पश्चिम बंगाल में रानीगंज में इसका वाणिज्यिक उत्‍पादन शुरू हो चुका है।

2017 तक देश में लगभग 30 हजार किलोमीटर लंबी गैस पाइपलाइन प्राप्‍त करने का लक्ष्‍य

गैस की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए भारत ने तरल प्राकृतिक गैस की सुविधाएं विकसित करने के लिए तेजी से निवेश किया है। कोच्चि और दाभोल में एलएनजी के नये केंद्र स्‍थापित होने से वर्ष 2012-13 तक देश की 1.40 करोड़ टन वार्षिक एलएनजी आयात करने की क्षमता, दो करोड़ टन वार्षिक तक हो जाने की संभावना है। पाइपलाइन विकास का महत्वाकांक्षी कार्यक्रम भी शुरू किया गया है। भारतीय गैस प्राधिकरण पाइपलाइन लंबाई का विस्‍तार करके अपनी पाइपलाइन लंबाई को मौजूदा 9 हजार किलोमीटर से बढ़ाकर 2014 तक लगभग 14500 किलोमीटर कर लेगा। इस अवधि के दौरान निजी क्षेत्र की कंपनियों के भी पाइपलाइन लम्‍बाई 5000 किलोमीटर बढ़ाए जाने की संभावना है। बारहवीं पंचवर्षीय योजना के अंतिम वर्ष 2017 तक देश में लगभग 30 हजार किलोमीटर लंबी गैस पाइपलाइन प्राप्‍त करने का लक्ष्‍य है।

नई खोज लाइसेंसिंग नीति की शुरूआत

भारत सरकार ने 1997-98 में ही नई खोज लाइसेंसिंग नीति की शुरूआत कर दी थी, इस नीति के परिणाम स्‍वरूप 14 अरब डॉलर से अधिक का निवेश हुआ है तथा 87 तेल और गैस खंडों का पता लगा है, जिनमें से तीन खंडों में उत्‍पादन शुरू हो चुका है। इस नीति का नौवां दौर अभी पूरा हुआ है, जिससे लगभग 88 हजार वर्ग किलोमीटर का तलछट क्षेत्र उपलब्‍ध हुआ है, जिसमें 8 विदेशी कंपनियों सहित 37 कंपनियों ने भाग लिया है।

पिछले पांच वर्षों में भारत और चीन में प्राकृतिक गैस की खपत में क्रमश: 14 प्रतिशत और 18 प्रतिशत की वार्षिक चक्रवृद्धि दर से बढ़ोतरी हुई है..

पिछले पांच वर्षों में भारत और चीन में प्राकृतिक गैस की खपत में क्रमश: 14 प्रतिशत और 18 प्रतिशत की वार्षिक चक्रवृद्धि दर से बढ़ोतरी हुई है, एशियाई अर्थव्‍यवस्‍था में गैस के उपयोग में यह वृद्धि इस बात को दर्शाती है कि यह क्षेत्र भविष्‍य में विश्‍व के गैस बाजारों के विकास में बड़ी भूमिका निभा सकता है। एशिया प्रशांत क्षेत्र और विशेष रूप से ऑस्‍ट्रेलिया तथा मध्‍य-पूर्व क्षेत्र, गैस आपूर्ति के मुख्‍य स्रोत के रूप में उभरा है, चीन और भारत के नेतृत्‍व में एशियाई क्षेत्र भी गैस आपूर्ति का मुख्‍य केंद्र बनता जा रहा है। एशिया प्रशांत क्षेत्र दुनिया की कुल तरल प्राकृतिक गैस का लगभग 60 प्रतिशत आयात करता है, इसलिए एशियाई क्षेत्र में गैस क्षेत्र में व्‍यापार, निवेश, कौशल और सेवाओं को बढ़ावा मिल रहा है.

वस्‍त्र निर्यात

संयुक्‍त राज्‍य अमरीका और ई.यू-27 देश भारत से वस्‍त्र तथा क्‍लोदिंग उत्‍पादों के निर्यात के लिए प्रमुख बाजार हैं। सरकार ने वस्‍त्र तथा क्‍लोदिंग क्षेत्र के निर्यातों को प्रोत्‍साहन देने के लिए विदेश व्‍यापार नीति 2009-14 जून, 2012 में पुन: अनुपूरित, में अनेक प्रावधान किए हैं। इसके अंतर्गत गार्मेटिंग उद्योग द्वारा अपेक्षित फोकस बाजारों को निर्यात तथा फोकस उत्‍पादों के निर्यात शिपमेंट ऋण पर ब्‍याज सहायता, ट्रिमिंग्‍स आदि के शुल्‍क-मुक्‍त आयात तथा हस्‍तशिल्‍प उद्योग द्वारा उपकरणों के शुल्‍क-मक्‍त आयात के लिए प्रोत्‍साहित शामिल है।

तटीय निगरानी नेटवर्क

संदेहास्‍पद वाहनों की आवाजाही का पता लगाने के लिए द्विपीय क्षेत्रों सहित समस्‍त तटीय सीमा पर एक तटीय निगरानी नेटवर्क स्‍थापित किया जाना परिकल्पित है जिसमें 84 दूरस्‍थ स्‍थानों पर स्‍थैतिक रडारों और इलैक्‍ट्रो-ऑप्टिक सेंसरों की एक श्रृंखला शामिल है। प्रथम चरण में 46 रेडारों (36 मुख्‍य सतह पर तथा 10 द्वीपीय क्षेत्रों में) को समूहवार परिचालित किया जा रहा है

एक व्‍यक्‍ति को प्राकृतिक पृष्‍ठभूमि से प्राप्‍त विकिरण की औसत मात्रा 2400 माइक्रो-सिवर्ट प्रति वर्ष होती है..

एक व्‍यक्‍ति को प्राकृतिक पृष्‍ठभूमि से प्राप्‍त विकिरण की औसत मात्रा 2400 माइक्रो-सिवर्ट प्रति वर्ष होती है। भारतीय नाभिकीय विद्युत संयंत्र स्‍थलों पर विकिरण की 01 से 25 माइक्रो-सि‍वर्ट अति‍रि‍क्‍त मात्रा उत्‍सर्जित होती है। अत: नाभि‍कीय वि‍द्युत संयंत्र संयंत्रों के आस-पास वि‍कि‍रण के कोई दुष्‍प्रभाव नहीं पड़ते हैं।

देश में थोरियम भंडार

परमाणु खनिज अन्‍वेषण तथा अनुसंधान निदेशालय (एएमडी), जोकि परमाणु ऊर्जा विभाग (डीएई) का एक संघटक यूनिट है, द्वारा किए गए अन्‍वेषण कार्यों के परिणामस्‍वरूप आंध्र प्रदेश में 3.74 मिलियन मीटरी टन मोनाज़ाइट का पता लगा है, जिसमें लगभग 3,36,600 मी. टन थोरियम ऑक्‍साइड विद्यमान है जो 2,96,000 मीटरी टन थोरियम धातु के बराबर है।

परमाणु संयंत्रों की क्षमता

4780 मेगावाट स्‍थापित क्षमता वाले, 20 नाभिकीय विद्युत रिएक्‍टरों में से वर्तमान में एक रिएक्‍टर (राजस्‍थान परमाणु बिजलीघर (आरएपीएस), यूनिट-1-100 मेगावाट) को निरंतर प्रचालन हेतु तकनीकी-आर्थिक मूल्‍यांकन के लिए अक्‍तूबर, 2004 से विस्‍तारित अवधि के लिए शट-डाउन किया गया है। प्रचालनरत 19 रिएक्‍टरों में से, 2840 मेगावाट क्षमता वाले, दस रिएक्‍टर, जिनमें कैगा उत्‍पादन केंद्र (केजीएस) यूनिट 1 से 4 (4x220 से, 2840 मेगावाट), नरोरा परमाणु बिजलीघर (एनएपीएस), यूनिट 1 तथा 2 (2x220 मेगावाट), मद्रास परमाणु बिजलीघर (एमएपीएस), यूनिट 1 तथा 2 (2x220 मेगावाट) और तारापुर परमाणु बिजलीघर (टीएपीएस), यूनिट 3 तथा 4 (2x540 मेगावाट) शामिल हैं, को स्‍वदेशी यूरेनियम, जो कि अपेक्षित मात्रा में उपलब्‍ध नहीं है, ईंधन के रूप में उपयोग में लाकर प्रचालित किया जाता है।

मेजर सुरेन्‍द्र पूनिया

तुर्की में हुए 33वें विश्‍व चिकित्सा एवं स्‍वास्‍थ्‍य खेलों में सात पदक ( दो स्‍वर्ण पदक एवं पांच रजत पदक) जीतने पर राष्‍ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने विशिष्‍ट सेवा मेडल से सम्‍मानित मेजर डॉ सुरेन्‍द्र पूनिया को बधाई दी।

हाइड्रोकार्बन क्षेत्र के सामने बहुत चुनौतियां हैं..

सरकार कोयला खानों से निकलने वाली मिथेन गैस, शेल गैस, भूमिगत कोयला गैस और जैव ईंधनों आदि की पूरी क्षमता का उपयोग करने को प्राथमिकता दे रही है। इसके लिए सरकार तेल की खोज करने वाली कंपनियों की तरह प्राकृतिक गैस की खोज के लिए भी प्रोत्साहन देने पर विचार कर रही है। भारत की अर्थव्यवस्था विकासशील अर्थव्यवस्था है और विकास के लिए उसे आयातित तेल पर निर्भर करना पड़ रहा है, जिसके कारण हमारा आयात 150 अरब डॉलर से भी अधिक का हो गया है।

नई खोज लाइसेंसिंग नीति

भारत सरकार ने 1997-98 में जो नई खोज लाइसेंसिंग नीति शुरू की थी, उसमें 14 अरब अमरीकी डॉलर से अधिक का निवेश किया जा चुका है, जिसके परिणाम स्वरूप तेल और गैस के 87 भंडारों का पता लगा है। भारत की तेल परिष्करण क्षमता 21.5 करोड़ मीट्रिक टन वार्षिक है और पेट्रोलियम पदार्थों का निर्यात 6 करोड़ टन से भी अधिक हो गया है, जिससे 60 अरब अमरीकी डॉलर का राजस्व प्राप्त हो रहा है।

पैट्रोटेक-2012

नई दिल्ली में पैट्रोटेक-2012 सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए श्री मुखर्जी ने कहा कि विशिष्ट परिस्थितियों के लिए कम खर्च वाली उन्नत और नवीनीकृत प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। एक स्वस्थ्य और व्यवहार्य हाइड्रोकार्बन क्षेत्र हमारी अर्थव्यवस्था के विकास में बहुत सहायक सिद्ध हो सकता है। देश में पेट्रोलियम और पेट्रोलियम पदार्थों की मांग के बारे में बेहतर प्रबंधन हो।

ऊर्जा की मांग में परिवर्तन

अगले कुछ दशकों में ऊर्जा की मांग में परिवर्तन आएगा। भारत की बढ़ती आबादी और जीडीपी में वृद्धि से वर्ष 2050 तक ऊर्जा की मांग हर वर्ष 3 प्रतिशत बढ़ेगी। भारत में शहरी आबादी के बढ़़ने के कारण रिहायशी और व्‍यावसायिक क्षेत्रों में परम्‍परागत ईंधन की मांग के स्‍थान पर अधिक ऊर्जा की मांग बढ़ जाएगी। इसके कारण अगले चालीस वर्ष में देश में विद्युत की मांग पांच गुना बढ़ेगी।

मारुति ऑल्टो 800

इसके स्टैंडर्ड पेट्रोल वर्जन की दिल्ली में एक्स शोरूम कीमत 2.44 लाख से शुरू है। इसके जरिए वह स्मॉल कार सेगमेंट में अपनी खोई मौजूदगी फिर से दर्ज करवा लेगी।

1991 बैच के आईएएस ऑफिसर खेमका की छवि एक ईमानदार अधिकारी की है..

1991 बैच के आईएएस ऑफिसर खेमका की छवि एक ईमानदार अधिकारी की है। उन्होंने इंडिया अगेंस्ट करप्शन के आरोपों पर संज्ञान लेते हुए वाड्रा-डीएलफ डील्स की जांच के आदेश दिए थे। वाड्रा के मामले की जांच शुरू होते ही उनका ट्रांसफर होने से हरियाणा की हुड्डा सरकार कठघरे में आ गई है। अशोक खेमका ने आरोप लगाया कि उनका तबादला कुछ सरकारी अफसरों और बिल्डरों की साठगांठ के खिलाफ कार्रवाई करने पर किया गया है।

सह्याद्रि पहाड़ी के सतमाला में पीतलखोड़ा की गुफाएं हैं..

सतवाहन राजवंश के शासन काल में ये गुफाएं खोदी गई होंगी.5वीं ईस्वी में वकाटका शासन के काफी समय बाद ये दिखाई दी होंगी. हीनयान बौध धर्म के समय इनके पू्जा स्थलों पर बौध और बौधिसत्व की कोई मूर्ति नहीं थी और ना ही पीतलखोड़ा के गुफा नंबर 3 में चित्रकारी के अलावा और कुछ भी नहीं दिखाई देता था.

Monday, October 15, 2012

पीतलखोड़ा की गुफाएं

सह्याद्रि पहाड़ी के सतमाला में पीतलखोड़ा की गुफाएं हैं. यहां 13 गुफाएं हैं जो कि एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित हैं. यहां से घाटी के मनोहर नजारा देखने को मिलता है.यहां कई गुफाओं में नक्काशी और चित्रकला दिखाई गई है जो कि ईसा पूर्व पहली सदी से ईस्वी के पांचवीं सदी तक की हैं. ये सभी अजंता के बाद ही खोजी गई. इनके बारे में सबसे पहले 1853 में लिखा गया.

अशोक खेमका

अशोक खेमका वो अधिकारी हैं जिसने वॉड्रा और डीएलएफ से जुड़े ज़मीन विवाद की जांच शुरू की थी. इसके साथ ही खेमका ने वाड्रा के मानेसर प्‍लांट का म्‍यूटेशन रद्द कर दिया था. उन्‍होंने इसमें स्‍टांप चोरी का शक जताया था.

कंपनी विधेयक, 2011

विधेयक में कंपनियों को अपने पिछले तीन साल के औसत मुनाफे का दो प्रतिशत सामाजिक जवाबदेही (सीएसआर) गतिविधियों के लिये रखने और इस संबंध में अपनाई गई प्रक्रिया के बारे में शेयरधारकों को जानकारी देने का प्रस्ताव किया गया है.विधेयक शुरू में वर्ष 2008 में लोकसभा में पेश कर दिया गया था.लेकिन सरकार बदलने के कारण यह निरस्त हो गया.

गंदे पानी के सिर्फ 10 फीसद हिस्से का शोधन हो पाता है..

गंदे पानी के सिर्फ 10 फीसद हिस्से का शोधन हो पाता है। देश भर में 90 से ज्यादा शहरों-कस्बों का 70 फीसदी गंदा पानी पेय जल के प्रमुख श्चोत नदियों में बिना शोधन के ही छोड़ दिया जाता. देश में 14 बड़ी, 55 लघु और कई छोटी नदियों में मल-जल और औद्योगिक कचरा लाखों लीटर पानी के साथ छोड़े जाते हैं।

देश के करीब 650 जिलों के 158 इलाकों में भूजल खारा

देश के करीब 650 जिलों के 158 इलाकों में भूजल खारा हो चुका है, 267 जिलों के विभिन्न क्षेत्रों में फ्लोराइड की अधिकता है और 385 जिलों में नाइट्रेट की मात्रा तय मानकों से काफी ज्यादा है। कई इलाकों के पानी में आर्सेनिक, सीसा, क्रोमियम, कैडमियम और लौह तत्वों की भारी मात्रा मौजूद है. हमारे घरों में नल के जरिए जिस पानी की आपूर्ति की जाती है, वह आम तौर पर प्रदूषित और कई बीमारियों को पैदा करने वाले जीवाणुओं से भरा होता है।

सरकार निजी हितों के लिए जमीन को अधिग्रहीत नहीं कर सकती।

सरकार निजी हितों के लिए जमीन को अधिग्रहीत नहीं कर सकती। सरकार को आर्थिक फायदे के मकसद से जमीन का अधिग्रहण नहीं करना चाहिए। निजी परियोजनाओं के लिए जमीन उक्त बिल्डर या इंडस्ट्रियलिस्ट को सीधे जमीन के मालिक से ही खरीदनी होगी।खरीद व आर एंड आर के नियम राज्य सरकार बनाए, क्योंकि भूमि की खरीद-फरोख्त राज्य सरकार का विषय है और हर राज्य के नियम अलग-अलग हो सकते हैं।

राइट टु रिकॉल

बेहतरीन उम्मीदवार को वोट देने के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया जा सकता है। अपराधियों को चुनावों से दूर रखने जैसे सुधार इलेक्शन सिस्टम में किए जा सकते हैं। लोगों को किसी उम्मीदवार को रिजेक्ट करने का अधिकार देने के लिए एक डिबेट की जरूरत है.

यूरोपीय कोष

2009 में यूरोज़ोन में आर्थिक मंदी का दौर शुरु हुआ.जून 2012 में यूरोपीय संघ ने भविष्य की दिशा तय करने के कुछ दिशा-निर्देश तय किए जिनके तहत ईयू के अधिकारियों के पास बजट और ऋण संबंधी मामलों में ज्यादा अधिकार होंगे.एक यूरोपीय कोष भी बनाया गया है जो राष्ट्रीय स्तर पर बजट पर नियंत्रण रखेगा.2014 से 2017 के बीच कुछ नए नियम लागू किए जाएंगे जिनसे यूरोपीय संघ के सदस्य देशों को मिले वोटिंग अधिकारों में परिवर्तन होगा. नए नियमों के तहत यूरोपीय संघ के 55 फीसदी सदस्य आम सहमति से कुछ प्रस्ताव पास कर पाएंगे

यूरोपीय संघ के कुल सदस्यों की संख्या 27 है..

यूरोपीय संघ के कुल सदस्यों की संख्या 27 है. यूरोपीय संघ के 17 सदस्यों से मिलकर बनता है- यूरोज़ोन जो उन देशों का संगठन है जिनकी मुद्रा यूरो है. यूरोज़ोन ‘यूरोपीय सेंट्रल बैंक’ के ज़रिए काम करता है.यूरोपीय संघ की अपनी संसद है जिसके सदस्यों का चुनाव यूरोपीय संघ के नागरिक हर पांच साल में एक बार करते हैं. यह संसद ईयू के बजट और इस बजट को सदस्य देशों पर लागू करने का अधिकार रखती है.

1999 में यूरोपीय संघ के 11 सदस्य देशों ने ‘यूरो’ को अपनी आधिकारिक मुद्रा के रुप में अपनाया..

1999 में यूरोपीय संघ के 11 सदस्य देशों ने ‘यूरो’ को अपनी आधिकारिक मुद्रा के रुप में अपनाया. ग्रीस ने यूरो को दो साल बाद अपनाया जबकि डेनमार्क, स्वीडन और ब्रिटेन ने ‘यूरो’ को न अपनाने का फैसला किया.साल 2004 में कई मतभेदों और लंबे विचार-विमर्श के बाद यूरोपीय संघ के संविधान को अमल में लाया गया.

मास्त्रिख्त की संधि

1991 में यूरोपीय संघ को अमल में लाने के लिए मास्त्रिख्त की संधि हुई जिसके बाद यूरोपीयन कम्युनिटीज़ को यूरोपीय संघ का नाम दिया गया. इसके साथ ही पहली बार ईयू के सदस्य देशों के नागरिकों को यूरोपीय संघ की नागरिकता प्रदान की गई. सदस्य देशों के नागरिक बिना वीज़ा के यूरोपीय देशों में आ जा सकते हैं.

यूरोपीय संघ यूरोप के लोकतांत्रिक देशों का एक संगठन है..

यूरोपीय संघ यूरोप के लोकतांत्रिक देशों का एक संगठन है और इन देशों में शांति और संपन्नता बहाल करने के मकसद से काम करता है. यूरोपीय संघ मुख्य रुप से सदस्य देशों में आपसी सामंजस्य बैठाने और व्यापार, पर्यावरण, यातायात और रोज़गार जैसे मुद्दों पर परस्पर लाभ के लिए काम करना है.

अर्थशास्त्र के लिए नोबेल पुरस्कार

अर्थशास्त्र के लिए नोबेल पुरस्कार शुरू से नहीं दिया जाता. इसे 1969 से दिया जाने लगा है.

एलविन रोथ और लॉएड शैपले

एलविन रोथ और लॉएड शैपले को ‘स्थिर आवंटन के सिद्धांत तथा बाज़ार की अभिकल्पना का कार्य’ के लिए यह पुरस्कार दिया गया है.एलविन रोथ हार्वर्ड विश्वविधालय में प्रोफ़ेसर हैं जबकि लॉएड शैपले लॉस एंजिल्स स्थित कैलिफ़ॉर्निया विश्वविधालय में पढ़ाते हैं.शैपले और उनके सहयोगी डेविड गेल ने 1962 में एक नए सिद्धांत का प्रतिपादन किया था जिसके तहत इस बात पर विचार विमर्श किया गया था कि बाज़ार में मांग और आपूर्ति के बीच अंतर को कैसे कम किया जाए.उसके अस्सी के दशक में एलविन रोथ ने नए-नए बने डॉक्टरों के लिए बाज़ार कैसा है इस पर अपना अध्ययन शुरू किया.

अर्थशास्त्र का नोबेल पुस्कार-2012

एलविन रोथ और लॉएड शैपले को बाज़ार के विभिन्न अभिकर्ताओं के बीच संतुलन बिठाने के विषय में अध्ययन के लिए अर्थशास्त्र का नोबेल पुस्कार दिया गया है.

नोबेल शांति पुरस्कार- 2012

यूरोपीय संघ को 2012 के लिए नोबेल शांति पुरस्कार देने की घोषणा की गई है. संघ ने फ्रांस और जर्मनी को करीब लाने में काफी अहम भूमिका निभाई है. इसके अलावा दक्षिणी, मध्य और पूर्वी यूरोप में लोकतंत्र को मजबूत करने में भी उसका बड़ा योगदान रहा है.

यमुना के पानी की स्थिति

वजीरपुर इंडस्ट्रियल एरिया के पिकलिंग कारखानों से बेहद खतरनाक तेजाब यमुना में फेंका जाता है। श्रीराम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल रिसर्च की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस इलाके से करीब दो करोड़ लीटर (19 एमएलडी) तेजाब युक्त जहरीला पानी रोज निकलता है। इलाके का यह प्रवाह जहां नजफगढ़ नाले में मिलता है वहां का पीएच स्तर 1.8 यानी बहुत ज्यादा एसिडिक है।

विश्व विरासत दिवस

संयुक्त राष्ट्र की संस्था युनेस्को (UNESCO) ने वर्ष 1983 से हर साल 18 अप्रैल को विश्व विरासत दिवस मनाने की शुरुआत की.इससे पहले हर साल 18 अप्रैल को विश्व स्मारक और पुरातत्व स्थल दिवस के रुप में मनाया जाता था.

डॉली

डॉली को 1996 में एक वयस्क की कोशिका से विकसित किया गया था और 7 महीने बाद दुनिया को इसकी जानकारी दी गई थी। फेफड़े की बीमारी से 2003 में उसकी मौत हो गई थी। मौत की वजह इन्फेक्शन बना। यह इन्फेक्शन डिलिवरी के वक्त पैदा कॉम्प्लिकेशन के कारण हुआ था।

अनीता देसाई

युवा लेखकों में अनीता देसाई का नाम लिया जाता है जिन्‍होंने 'क्‍लीयर लाइट ऑफ दि डे' और 'इन कस्‍टडी' प्रसिद्ध उपन्‍यासों की रचना की।

देवकीनन्‍दन खत्री द्वारा लिखित चन्‍द्रकान्‍ता को हिन्‍दी गद्य की प्रथम कृति है..

हिन्‍दी साहित्‍य का प्रारम्‍भ मध्‍यकाल में अवधी और ब्रज भाषाओं में धार्मिक और दार्शनिक काव्‍य रचनाओं से हुआ। देवकीनन्‍दन खत्री द्वारा लिखित चन्‍द्रकान्‍ता को हिन्‍दी गद्य की प्रथम कृति माना गया है। भारत में विज्ञान की शिक्षा प्रारम्‍भ करने के राम मोहन राय के अभियान और स्‍वामी विवेकानन्‍द की कृतियों को भारत में अंग्रेजी साहित्‍य का बहुत बड़ा उदाहरण माना गया।

गीत गोविन्‍द

उत्तरी भारत के कृष्‍ण और राम के अनुयायियों द्वारा स्‍थानीय बोलियों में रचित साहित्‍य भारतीय साहित्‍य की अति प्रसिद्ध कृतियां है। इसमें बारहवीं शताब्‍दी के दौरान रचित जयदेव की कविताएं जो 'गीत गोविन्‍द' के नाम से प्रसिद्ध है. वे बंगाल के सेनवंश के अन्तिम नरेश लक्ष्मणसेन के आश्रित महाकवि थे। गीतगोविन्द’ काव्य में बारह सर्ग हैं, जिनका चौबीस प्रबन्धों में विभाजन हुआ है।

Sunday, October 14, 2012

वेस्‍टर्न घाट - विश्‍व धरोहर स्‍थल

यूनेस्‍को विश्‍व धरोहर समिति ने 1 जुलाई 2012 को भारत के वेस्‍टर्न घाट को विश्‍व धरोहर स्‍थल में शामिल किया।वेस्‍टर्न घाट भूदृश्‍य के कुल 39 स्‍थल उस क्षेत्र का हिस्‍सा हैं जिसे विश्‍व धरोहर की फेहरिस्‍त में जगह दी गई है। इसमें 20 स्‍थलों के साथ केरल सबसे ऊपर है. वेस्‍टर्न घाट गुजरात के डेंग से शुरू होकर महाराष्‍ट्र, गोवा, कर्नाटक के मलनाड क्षेत्र, केरल और तमिलनाडु के पहाड़ी मैदानों से गुज़रते हुए कन्‍याकुमारी के नजदीक समाप्‍त होता है।

जीसैट-8

जीसैट-8, भारत का उन्नत संचार उपग्रह एक उच्च शक्तिवाला उपग्रह है. उत्थापन के दौरान लगभग 3100 किग्रा भारवाले जीसैट-8 उपग्रह को के यू बैण्ड में 24 उच्च शक्ति वाले प्रेषानुकरों तथा एल 1 तथा एल 5 बैण्ड में प्रचालित दो-चैनल वाले जीपीएस आधारित जीईओ संवर्धित नौवहन (गगन) नीतभार का वहन करने के लिए संरूपित किया गया है।24 के यू बैण्ड प्रेषानुकर इन्सैट प्रणाली की क्षमता को संवर्धित करेगा। गगन नीतभार, उपग्रह आधारित संवर्धन प्रणाली (एसबीएएस), को प्रदान करता है.

इन्सैट प्रणाली की क्षमता का संवर्धन

जीसैट-12, इसरो द्वारा निर्मित नवीनतम संचार उपग्रह का भार उत्थापन समय में लगभग 1410 कि.ग्रा. है। जीसैट-12 का संरूपण कम प्रत्यावर्तन समय में देश की प्रेषानुकरों की बढ़ती माँग को पूरा करने के लिए 12 विस्तारित सी-बैण्ड प्रेषानुकरों को वहन करने के लिए किया गया है। जीसैट-12 के 12 विस्तारित सी-बैण्ड प्रेषानुकर दूरशिक्षा, दूरचिकित्सा, तथा ग्रामीण संसाधन केन्द्र (वीआरसी) जैसी विभिन्न संचार सेवाओं के लिए इन्सैट प्रणाली की क्षमता का संवर्धन करेंगे ।

आर्द्रभूमि संरक्षण और प्रबंधन अधिनियम- २०१०


 अधिनियम के तहत केंद्रीय आर्द्रभूमि विनियामक प्राधिकरण की स्थापना की गयी. इस प्राधिकरण में अध्यक्ष सहित कुल १२ सदस्य होंगे। इसी अधिनियम के तहत ३८ नयी आर्द्रभूमियाँ पहचानी गयी हैं।आर्द्रभूमियों को निम्नलिखित छः वर्गों में बाँटा गया...

अंतर्राष्ट्रीय महत्व की आर्द्रभूमियाँ।
पर्यावरणीय आर्द्रभूमियाँ। यथा- राष्ट्रीय उद्यान, गरान आदि।
यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल आर्द्रभूमियाँ।
समुद्रतल से २५०० मीटर से कम ऊँचाई की ऐसी आर्द्रभूमियाँ जो ५०० हेक्टेयर से अधिक का क्षेत्रफल घेरती हों।
समुद्रतल से २५०० मीटर से अधिक ऊँचाई किंतु ५ हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल।
ऐसी आर्द्रभूमियाँ जिनकी पहचान प्राधिकरण ने की हो।

पानी से संतृप्त भूभाग को आर्द्रभूमि कहते हैं..

ईरान के रामसर शहर में १९७१ में पारित एक अभिसमय के अनुसार आर्द्रभूमि ऐसा स्थान है जहाँ वर्ष में आठ माह पानी भरा रहता है।पानी से संतृप्त भूभाग को आर्द्रभूमि कहते हैं.वर्तमान में भारत में कुल २५ रामसर आर्द्रभूमियाँ अधिसूचित हैं।यह क्षेत्र विभिन्न प्रकार के पक्षियों तथा जीव-जंतुओं की शरण स्थली होता है।

आर्द्र भूमि

जैव विविधता को बनाये रखने, जल संरक्षण तथा जल की उपलब्धता के लिए आर्द्र भूमि आवश्यक है। कश्मीर घाटी में 600 छोटी तथा बड़ी आर्द्र भूमियां हुआ करती थीं। अब केवल 10 से 15 आर्द्र भूमि बची हैं.वूलर झील के विशिष्ट जलीय और सामाजिक-आर्थिक महत्व को महसूस करते हुए केन्द्रीय पर्यावरण और वन मंत्रालय ने इसे अपने आर्द्र भूमि कार्यक्रम में 1986 में राष्ट्रीय महत्व की आर्द्र भूमि के रुप में शामिल किया।

ग्राफीन

ग्राफीन को इस्पात से भी 100 गुना मजबूत माना जाता है। इसकी मदद से बनने वाला स्मार्टफोन आईटी की दुनिया में एक क्रांति साबित हो सकता है।

पृ‍थ्‍वी पर इतनी अधिक जनसंख्‍या कभी नहीं थी..

1987 में 5 बिलियन लोगों ने 11 जुलाई को विश्‍व जनसंख्‍या दिवस के रूप में प्रतिष्ठित करने का निर्णय लिया. आशा (एक्रेडिटिड सोशल हेल्‍थ एक्टिविस्‍ट) के कार्यकर्ताओं द्वारा ग्रामीणों को शिक्षित करने में उनकी भूमिका के लिए विशेष उल्‍लेख किया जाना आवश्‍यक है। 2011 में विश्‍व जनसंख्‍या 7 बिलियन को पार करने का अनुमान था।

आई एन एस सहयाद्री शिवालिक वर्ग का अंतिम और तीसरा युद्ध पोत है..

आई एन एस सहयाद्री शिवालिक वर्ग का अंतिम और तीसरा युद्ध पोत है। सहयाद्री के पहले आई एन एस शिवालिक को वर्ष 2010 में और आई एन एस सतपुड़ा को वर्ष 2011 में देश को समर्पित किया गया था।शिवालिक वर्ग के युद्ध पोतों की लंबाई 143 मीटर और चौड़ाई 16.9 मीटर है। इनका भार 6 हजार टन है और इनमें गैस टर्बाइन तथा डीजल इंजन लगा है।

परियोजना-17

परियोजना-17 की परिकल्‍पना भारतीय नौसेना ने की थी ताकि देश में ही ऐसे युद्ध पोत बनाए जाएं जिनकी टोह लगाना आसान न हो। वर्ष 1997 में भारत सरकार ने तीन युद्ध पोतों की मांग की थी और फरवरी 1998 में मुम्‍बई स्थित मझगांव डॉक लिमिटेड को इन्‍हें निर्मित करने का आदेश दिया था।

आई एन एस सहयाद्री

यह युद्ध पोत मजगांव डॉक लिमिटेड द्वारा निर्मित किया गया है। सहयाद्री के पहले आई एन एस शिवालिक को वर्ष 2010 में और आई एन एस सतपुड़ा को वर्ष 2011 में देश को समर्पित किया गया था। आई एन एस सहयाद्री जमीनी और हवाई रक्षा हथियारों से लैस है। इन हथियारों में लंबी दूरी वाली एंटी-शिप मिसाइल, एंटी एयरकराफ्ट मिसाइल और एंटी-मिसाइल रक्षा प्रणाली शामिल है.

देश में 4,662.56 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र मैंग्रोव से आच्छादित

देश में 4,662.56 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र मैंग्रोव से आच्छादित है। प्रतिवर्ष औसतन 3,000 हेक्टेयर क्षेत्र में मैंग्रोव लगाए जाने का लक्ष्य रखा गया है। वर्ष 2010-11 के दौरान मैंग्रोव के संरक्षण और प्रबंधन के लिए पश्चिम बंगाल, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, गोवा और गुजरात को 7.10 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दी गई.

मैंग्रोव पारिस्थितिकी प्रणाली जैव-विविधता से परिपूर्ण

मैंग्रोव फिन मछली, शेल मछली, क्रस्टासिन और मोलस्कों के लिए रहने का स्थान भी है।मैंग्रोव पारिस्थितिकी प्रणाली जैव-विविधता से परिपूर्ण है और यह बाघ, डॉल्फिन, घड़ियाल आदि जैसी जोखिम वाली प्रजातियों सहित अन्य बहुत-सी प्रजातियों की शरणस्थली है. मछली के अलावा यह शहद, मोम और वृक्ष से प्राप्त क्षार का एक महत्वपूर्ण स्रोत भी है

मैंग्रोव

मैंग्रोव ऐसे पौधे हैं जो अत्यधिक लवणता, ज्वारभाटा, तेज हवा, अधिक गर्मी और दलदली भूमि में भी जिंदा रहते हैं। मैंग्रोव समुद्र के छिछले किनारे, लैगूनों और दलदली भागों वाले ज्वारभाटा क्षेत्रों में पाया जाता है। देश में मैंग्रोव के सर्वाधिक आच्छादन में पहला स्थान पश्चिम बंगाल का है और उसके बाद गुजरात तथा अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह का स्थान है। सरकार ने देश भर में सघन संरक्षण और प्रबंधन के लिए मैंग्रोव के 38 क्षेत्रों की पहचान की है। तमिलनाडु में पिचावरम, मुथुपेट, रामनाड, पुलीकाट और काजूवेली जैसे मैंग्रोव क्षेत्रों की पहचान की गई है।

क्यूरोसिटी रोवर

नासा के क्यूरोसिटी रोवर ने मंगल की सतह पर एक चट्टान को पहली बार स्पर्श किया. यह मंगल की सतह पर मौजूद अन्य चट्टानों जैसी नहीं है। इसमें सोडियम और पोटेशियम की मात्रा कुछ ज्यादा है।यह चट्टान पृथ्वी पर स्थित हवाई में पाई जाने वाली दुर्लभ ज्वालामुखीय चट्टानों जैसी हैं।

बात करने वाले एटीएम

2001 की जनगणना के आंकड़ों के अनुसार, देश में एक करोड़ छह लाख नेत्रज्योति की अक्षमता वाले लोग हैं.एनसीआर कार्पोरेशन के ‘बात करने वाले एटीएम’ में विशेष प्रकार के सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर हैं, जहां यह सुनिश्चित हो जाता है कि अक्षमता वाले व्यक्ति भी अपने लेनदेन की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए अपनेआप इस मशीन का इस्तेमाल कर सकें।

जमुनिया

जमुनिया आम आदमी के कल्‍याण के लिए भारत-सरकार द्वारा शुरू किये गए विभिन्‍न कार्यक्रमों के बारे में जागरूकता पैदा करने का एक प्रयास है। इसमें ग्रामीण लोगों के शहरों की ओर पलायन करने को रोकने में महात्‍मा गांधी राष्‍ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना-मनरेगा की भूमिका, राष्‍ट्रीय ग्रामीण स्‍वास्‍थ्‍य मिशन के माध्‍यम से ग्रामीण स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं में सुधार, इंदिरा आवास योजना के जरिये गांवों के गरीब लोगों के लिए सस्‍ते मकानों की व्‍यवस्‍था, सर्वशिक्षा अभियान के जरिये सभी के लिए शिक्षा, साक्षर भारत के माध्‍यम से प्रौढ शिक्षा तथा सूचना का अधिकार कानून के जरिये नागरिकों के सशक्तिकरण आदि को दर्शाया गया है।

लोक महिती उत्‍सव

गुजरात में नेतरंग में 24 से 28 सितम्‍बर 2012 तक का पांच दिन के भारत-निर्माण लोक महिती उत्‍सव (जन सूचना अभियान) और ध्‍वनि एवं प्रकाश नृत्‍य नाटिका जमुनिया का आयोजन किया गया।

ब्रिंगिंग ग्रीन रिवोल्‍यूशन इन ईस्‍टर्न इंडिया

पूर्वी भारत में सरकार ने दो साल पहले 'ब्रिंगिंग ग्रीन रिवोल्‍यूशन इन ईस्‍टर्न इंडिया' (बीजीआरईआई) कार्यक्रम शुरू किया. यह कार्यक्रम सात राज्‍यों- असम, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्‍तर प्रदेश और छत्‍तीसगढ़ में चलाया जा रहा है। वर्ष 2010-2011 में लागू होने के बाद से ही इस कार्यक्रम की बदौलत क्षेत्र में धान और गेहूं की पैदावार के उल्‍लेखनीय नतीजे सामने आए हैं।

‘शाकाहार दिवस’

उत्तरी अमेरिका शाकाहार सोसाइटी ने शाकाहारी जीवन शैली को बढ़ावा देने के लिये वर्ष 1977 में एक अक्तूबर के दिन ‘शाकाहार दिवस’ मनाये जाने की शुरूआत की थी। बाद में अंतरराष्ट्रीय शाकाहारी संघ ने भी इसका समर्थन किया और तभी से एक अक्तूबर को हर साल ‘अंतरराष्ट्रीय शाकाहार दिवस’ के रूप में मनाया जाने लगा।

पर्यावरण की गंभीर समस्याओं में मांस उद्योग का एक बड़ा योगदान

शाकाहार से मांस और डेयरी उद्योगों के विनाश से पृथ्वी को बचाया जा सकता है. संयुक्त राष्ट्र की एक हाल की रिपोर्ट के मुताबिक जलवायु परिवर्तन के गंभीर दुष्प्रभावों से निपटने के लिये वैश्विक स्तर पर शाकाहारी खाने की ओर बढ़ना होगा। संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक आज पर्यावरण की गंभीर समस्याओं में मांस उद्योग का एक बड़ा योगदान है। मांस और डेयरी उद्योग ग्रीन हाउस गैसों का सबसे ज्यादा उत्सर्जन करते हैं।

ऐरो परियोजना

ऐरो परियोजना के अंतर्गत शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में महत्‍वपूर्ण सेवाएं बढ़ाने के उद्देश्‍य से डाकघरों को ऐसा बनाया जाएगा की वह बेहतर दिखाई दें। काम करने वाले कर्मचारियों और ग्राहकों के लिए अच्‍छा माहौल बनाया जाएगा। आईटी इनेबल्‍ड सेवाएं उपलब्‍ध कराई जाएंगी और सेवा की गुणवत्‍ता सुधार जाएगा।

स्‍वचालित डाक प्रो‍सेसिंग केन्‍द्रों की स्‍थापना

डाक विभाग एक ऐसे प्रस्‍ताव पर काम कर रहा है, जिसके अंतर्गत मेट्रो शहरों में डाक की छंटाई आसान बनाने के लिए स्‍वत: काम करने वाले मेल प्रोसेसिंग सेन्‍टर खोले जाएंगे। एक मशीन लगाई जाएगी, जिसके जरिए एक घंटे में 35 हजार डाक सामग्री की छंटाई हो सकेगी, जबकि मिक्‍स्‍ड मेल सार्टर हर घंटे 16 हजार चीजों की छंटाई कर सकेंगे।

भारत में दुनिया की सबसे बड़ी डाक व्‍यवस्‍था है..

भारत में दुनिया की सबसे बड़ी डाक व्‍यवस्‍था है और 31 मार्च, 2011 की स्थिति के अनुसार यहां पर एक लाख 54 हजार 866 डाक घर हैं, जिनमें से 89.78 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्रों में हैं। औसतन एक डाक घर अपने आस-पास के 21.23 वर्ग किलोमीटर इलाके में सेवाएं देता है.

शाकाहारी लोग फ्लू जैसी रोजमर्रा की बीमारियों से जल्दी प्रभावित नहीं होते हैं..

शाकाहारी खाने में कोलेस्ट्राल नहीं होता, बहुत कम वसा होती है और यह कैंसर के खतरे को 40 फीसद कम करता है। जो लोग शाकाहारी होते हैं, उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता मांसाहारी खाना खाने वाले लोगों की तुलना में ज्यादा मजबूत होती है। शाकाहारी लोग फ्लू जैसी रोजमर्रा की बीमारियों से जल्दी प्रभावित नहीं होते हैं। मांसाहारी लोगों को शाकाहारी खाना खाने वालों की तुलना में मोटे होने का खतरा नौ गुना ज्यादा होता है।

क्रेडिट सुईस रिसर्च इंस्टीट्यूट की वैश्विक संपति रिपोर्ट

क्रेडिट सुईस रिसर्च इंस्टीट्यूट की वैश्विक संपति रिपोर्ट के मुताबिक फिलहाल देश में करोड़पतियों की तादाद 1,58,000 है जो 2017 तक 53 फीसद बढ़कर 2,42,000 हो जाएगी। भारत में एक ओर जहां ज्यादातर लोगों (95 फीसद) के पास 10,000 डॉलर (करीब पांच लाख रुपए) से कम है जबकि दूसरी तरफ आबादी के बहुत छोटे से हिस्से (सिर्फ 0.3 फीसद) के पास 1,00,000 डॉलर (करीब 5.5 करोड़ रुपए) की संपत्ति है।

कई राज्यों में आधी लड़कियां 18 साल से कम उम्र में ब्याह दी जाती हैं ..

वर्ष 2006 के राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) के आंकड़ों का हवाला देते हुए सं. रा. रिपोर्ट कहती है कि गोवा, मणिपुर और केरल जैसे राज्यों में 15 फीसदी या उससे भी कम (क्रमश: 11 फीसदी, 13 फीसदी तथा 15 फीसदी) बाल विवाह दरें हैं।कई राज्यों में आधी लड़कियां 18 साल से कम उम्र में ब्याह दी जाती हैं या गौना कर दिया जाता है। ऐसी लड़कियां उत्तरप्रदेश में 53 फीसदी, आंध्रप्रदेश में 55 फीसदी और बिहार में 60 फीसदी हैं।

प्रगति के संकेत

भारत में लगातार तीन बार कराए गए पारिवारिक सर्वेक्षण के मुताबिक 15 साल तक लड़कियों के बीच बाल विवाह दर में गिरावट 18 साल से कम उम्र की लड़कियों की विवाह दर में कमी से दोगुनी है। जहां पंद्रह साल तक लड़कियों में विवाह दर में गिरावट 30 फीसदी है, वहीं 18 साल तक लड़कियों की विवाह दर में 13 फीसदी कमी आई है।

'बाल विवाह की समाप्ति' विषय पर जारी यूएनएफपीए की रिपोर्ट

'बाल विवाह की समाप्ति' विषय पर जारी यूएनएफपीए की रिपोर्ट के अनुसार 2000 -2011 के दौरान भारत में 20 और 24 साल के बीच की 47 फीसदी महिलाएं 18 साल की उम्र में ब्याही गईं या युगल के रूप में रहने लगीं।इन 47 फीसदी महिलाओं में 56 फीसदी महिलाएं ग्रामीण क्षेत्रों में रहती हैं, जबकि करीब 30 फीसदी औरतें शहरी परिवारों का हिस्सा हैं।

'अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस

संयुक्त राष्ट्र ने बाल विवाह समाप्त करने के आह्वान के साथ पहला 'अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस' मनाया.संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) ने घोषणा की है कि वह उच्च बाल विवाह दर वाले 12 देशों में हाशिए पर रहने वाली किशोरियों तक पहुंचने के लिए अगले पांच साल में वह दो करोड़ डॉलर अतिरिक्त धनराशि खर्च करेगा। जिन देशों पर ध्यान दिया जाएगा, उनमें ग्वाटेमाला, भारत, नाइजर और जाम्बिया शामिल हैं।विश्वभर में प्रथम अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस 11 अक्टूबर 2012 को मनाया गया.