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Thursday, October 18, 2012
राष्ट्रीय पुनर्वास तथा पुन: स्थापना नीति, 2007
मुख्य कानून जो भूमि के अधिग्रहण से संबंध रखता है वह भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 1894 है। ग्रामीण विकास मंत्रालय केन्द्रीय सरकार का नोडल मंत्रालय है, जो भूमि अधिग्रहण पर केन्द्रीय विधान का प्रशासन करता है। भूमि संसाधन विभाग, ग्रामीण विकास मंत्रालय ने परियोजना प्रभावित परिवारों के लिए पुन: स्थापना तथा पुनर्वास की राष्ट्रीय नीति, 2003 निर्धारित की है, जिसके स्थान पर अब राष्ट्रीय पुनर्वास तथा पुन: स्थापना नीति, 2007 कार्यरत हैं।
भूमि अधिग्रहण
ग्रामीण विकास मंत्रालय भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 1894 को प्रशासित करने वाली नोडल संघ सरकार होने के नाते समय समय पर कथित अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के संशोधन हेतु प्रस्तावों का प्रसंसाधन करता है।इस अधिनियम में सार्वजनिक प्रस्तावों को भी विनिर्दिष्ट किया जाता है जो राज्य की ओर से भूमि के इस अधिग्रहण के लिए प्राधिकृत हैं। इसमें कलेक्टर, उपायुक्त तथा अन्य कोई अधिकारी शामिल हैं, जिन्हें कानून के प्राधिकार के तहत उपयुक्त सरकार द्वारा विशेष रूप से नियुक्त किया जाता है।
भूमि अधिग्रहण अधिनियम- 1894
भूमि के अधिग्रहण से संबंधित मुख्य कानून भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 1894 है।यह अधिनियम सरकार को सार्वजनिक प्रयोजनों के लिए भूमि के अधिग्रहण का प्राधिकरण प्रदान करता है जैसे कि योजनाबद्ध विकास, शहर या ग्रामीण योजना के लिए प्रावधान, गरीबों या भूमि हीनों के लिए आवासीय प्रयोजन हेतु प्रावधान या किसी शिक्षा, आवास या स्वास्थ्य योजना के लिए सरकार को भूमि की आवश्यकता।
Wednesday, September 26, 2012
भूमि अधिग्रहण का जो कानून देश में लागू है, उसे 1894 में अंग्रेजों ने बनाया था..
भूमि अधिग्रहण का जो कानून देश में लागू है, उसे 1894 में अंग्रेजों ने बनाया था. उस कानून के मुताबिक सरकार जनहित के लिए जमीन का अधिग्रहण कर सकती है. जनहित का मतलब सरकारी स्कूल, सामुदायिक भवन और सरकारी अस्पताल है.
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