Wednesday, January 23, 2013

गलत ब्योरा दिया जाना जन प्रतिनिधित्व कानून 1951 के तहत उम्मीदवार को अयोग्य करार दिये जाने का आधार बनना चाहिए।

जन प्रतिनिधित्व कानून में सुधार की आवश्यकता बताते हुए भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति जे एस वर्मा ने सुझाव दिया कि चुनावी उम्मीदवारों द्वारा उनकी संपत्ति के बारे में दिये गये ब्योरे की जांच कैग से करायी जा सकती है।वर्मा ने महिलाओं के खिलाफ यौन अपराधों को लेकर कानूनों में संशोधन के उपाय सुझाने वाली रपट सरकार को सौंपने के बाद यहां संवाददाताओं से कहा कि यदि उम्मीदवार द्वारा सौंपा गया ब्योरा गलत पाया जाए तो उस स्थिति में उसे अयोग्य करार दिया जाए। वर्मा की रपट में कहा गया कि गलत ब्योरा दिया जाना जन प्रतिनिधित्व कानून 1951 के तहत उम्मीदवार को अयोग्य करार दिये जाने का आधार बनना चाहिए। राजनीति के अपराधीकरण और अपराध के राजनीतिकरण की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि जन प्रतिनिधित्व कानून में संशोधन होना चाहिए, ताकि आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों को चुनाव प्रक्रिया से बाहर रखा जा सके और जनता का सच्चा प्रतिनिधित्व सुनिश्चित हो सके।

रूस ने 2012 में रिकार्ड 15.16 अरब डॉलर मूल्य के हथियार बेचे..

रूस ने 2012 में रिकार्ड 15.16 अरब डॉलर मूल्य के हथियार बेचे. संघीय सैन्य एजेंसी द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक ये हथियार भारत, म्यांमार, वियतनाम, वेनेजुएला जैसे देशों को और मध्यपूर्व में बेचे गए. फेडरल मिलिट्री-टेक्नीकल कॉपरेशन सर्विस (एफएसएमटीसी) के प्रमुख अलेक्जेंडर फोमिन ने कहा, "प्रारम्भिक गणना के मुताबिक हथियारों का निर्यात 15.16 अरब डॉलर मूल्य तक पहुंच गया. इसका मतलब है कि हमारी योजना 111.8 फीसदी पूरी हुई." 2011 में रूस ने 13.2 अरब डॉलर मूल्य के हथियारों की बिक्री की थी और इस क्षेत्र में अमेरिका के बाद दूसरे नम्बर पर था.

जस्टिस वर्मा कमिटी

जस्टिस वर्मा कमिटी ने रेप और महिलाओं के खिलाफ होने वाले अन्य अपराधों के लिए कानून के प्रावधान सख्त करने की जरूरत बताई है. अपराध कानून की कमी की वजह से नहीं बल्कि सुशासन की कमी के चलते होते हैं। कमिटी ने रेप के लिए मौत की सजा के सुझाव को ठुकरा दिया है। दिसंबर में दिल्ली गैंग रेप की घटना के बाद सख्त कानून की मांग को देखते हुए यह कमिटी बनाई गई थी। जस्टिस वर्मा कमिटी ने आईपीसी में संशोधन के सुझाव देते हुए कहा है कि महिलाओं को घूरने, उनका पीछा करने जैसे अपराधों पर भी सजा का प्रावधान होना चाहिए। एसिड फेंकने जैसे अपराध के लिए अलग सेक्शन बनाए जाने चाहिए। कानून की कमी से नहीं बल्कि सुशासन की कमी से यह अपराध हो रहे हैं। महिलाओं को सुरक्षा देना सरकार का काम है। रेपिस्टों को मौत की सज़ा दिए जाने की बात भी उठ रही है। कमिटी ने इस मांग को मंजूरी नहीं दी.

Tuesday, January 15, 2013

कालाजार

मलेरिया के बाद दुनिया में सबसे ज्यादा मौतें कालाजार से होती हैं. कालाजार धीरे-धीरे फैलने वाला रोग है। सैंडफ्लाइ मक्खियां इस घातक परजीवी की वाहक होती हैं, जिसे जीनस लिस्मैनिएसिस के नाम से भी जाना जाता है। काला बुखार का परजीवी शरीर के कई महत्वपूर्ण अंगों को प्रभावित करता है। इसका सबसे ज्यादा असर लिवर, प्लीहा और मेरू रज्जा पर पड़ता है और यदि समय रहते इसका इलाज नहीं किया गया तो यह जानलेवा भी साबित हो सकता है।नेचर जेनेटिक्स पत्रिका के मुताबिक, सबसे ज्यादा भारत, बांग्लादेश, नेपाल, सूडान, दक्षिणी सूडान, इथोपिया और ब्राजील के लोग इसकी चपेट में आते हैं। अनुमान है कि प्रतिवर्ष करीब एक करोड़ 20 लाख लोग कालाजार का शिकार बनते हैं और हर साल करीब 15 लाख नए लोग इसकी चपेट में आते हैं।

मकर संक्रांति प्रकाश का पर्व माना जाता है..

मकर संक्रांति प्रकाश का पर्व माना जाता है। अनादि काल से भारतीय ऋषि इस पर्व को मनाते आ रहे है। जो हमारी कामना तमसो मा ज्योतिर्गमय है। यह मकर संक्रांति पर्व तमस से ज्योति की ओर चलने की प्रेरणा देने वाला है।

अपॉर्चुनिटी अंतरिक्ष यान द्वारा अध्ययन की गई कुछ चट्टानों में गिली मिट्टी पाई गई थी..

अपॉर्चुनिटी अंतरिक्ष यान द्वारा अध्ययन की गई कुछ चट्टानों में गिली मिट्टी पाई गई थी। अपॉर्चुनिटी 2004 में मंगल पर ईगल क्रेटर में पहुंचा था। मंगल ग्रह का एक विशाल हिस्सा गिली मिट्टी और चट्टानों से ढका हुआ है। यह हिस्सा पूर्व अनुमानित हिस्से से अधिक है।

सूर्य का अध्ययन करने के लिए दुनिया की सबसे बड़ी दूरबीन

सूर्य का अध्ययन करने के लिए भारत जल्द ही दुनिया की सबसे बड़ी दूरबीन बनाने वाला है। यह दूरबीन लद्दाख में स्थापित की जाएगी जिसकी मदद से सूर्य से जुड़े विभिन्न पहलुओं का अध्ययन किया जा सकेगा।लद्दाख के पांगोंग झील के पास हेनल या मेराक में शुरू की जाने वाली इस परियोजना में 300 करोड़ रुपए की लागत आएगी।सूर्य के अध्ययन के लिए अभी तक सबसे बड़ी दूरबीन अमेरिका के एरिजोना में है। 1.6 मीटर के एपर्चर या छिद्र की माप वाली यह दूरबीन किट पीक वेधशाला में स्थापित है।इस दूरबीन के छिद्र की माप दो मीटर होगी और इसका निर्माण 2017 तक पूरा हो जाएगा।

रामानुजन के फार्मूले की गुत्थी सुलझी

वर्ष 1920 में रामानुजन मृत्युशैया पर थे, तभी उन्होंने अपने गुरू एवं ब्रिटिश गणितज्ञ जी एच हार्डी को एक पत्र लिखा था। इस पत्र में भारतीय गणितज्ञ ने अनेक नए गणितीय फलन की रूपरेखा पेश की जिसे उससे पहले कभी सुना भी नहीं गया था। इस पत्र में रामानुजन ने इन फलन के बारे में ये भी संकेत दिए थे कि वे कैसे काम करते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि उन्होंने साबित किया कि रामानुजन का फार्मूला बिल्कुल सही था और यह फार्मूला ‘ब्लैक होल’ के बर्तावों की भी व्याख्या कर सकता है। एमोरी विश्वविद्यालय के गणितज्ञ केन ओनो ने कहा कि हमने रहस्यों से भरी उनकी आखिरी चिट्ठियों के प्राब्लम हल कर लिए हैं।

मूल कर्तव्य (51क.)


भारत के प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य होगा कि वह-
(क) संविधान का पालन करे और उसके आदर्शों, संस्थाओं, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्रगान का आदर करे;
(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आंदोलन को प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शों को ह्रदय में संजोए रखे और उनका पालन करे;
(ग) भारत की प्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा करे और उसे अक्षुण्ण रखे;
(घ) देश की रक्षा करे और आह्वान किए जाने पर राष्ट्र की सेवा करे;
(ङ) भारत के सभी लोगों में समरसता और समान भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करे जो धर्म. भाषा और प्रदेश या वर्ग पर आधारित सभी भेदभाव से परे हो, ऐसी प्रथाओं का त्याग करे जो स्त्रियों के सम्मान के विरुंद्ध है;
(च) हमारी सामासिक संस्कृति की गौरवशाली परंपरा का महत्व समझे और उसका परिरक्षण करे;
(छ) प्राकृतिक पर्यावरण की, जिसके अंतर्गत वन, झील, नदी और वन्य जीव हैं, रक्षा करे और उसका संवर्धन करे तथा प्राणि मात्र के प्रति दयाभाव रखे;
(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण, मानववाद और ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करे;
(झ) सार्वजनिक संपत्ति को सुरक्षित रखे और हिंसा से दूर रहे;
(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में उत्कर्ष की ओर बढ़ने का सतत प्रयास करे जिससे राष्ट्र निरंतर बढ़ते हुए प्रयत्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले;
(ट) यदि माता-पिता या संरक्षक है, छह वर्ष से चौदह वर्ष तक की आयु वाले अपने, यथास्थिति, बालक या प्रतिपाल्य के लिए शिक्षा के अवसर प्रदान करे।

कम्प्यूटर नेटवर्क ने औपचारिक रूप से एक जनवरी 1983 को काम करना शुरू किया था..

समाचार पत्र टेलीग्राफ के मुताबिक पुरानी नेटवर्किंग प्रणाली को पूरी तरह से हटाकर कम्प्यूटर नेटवर्क ने औपचारिक रूप से एक जनवरी 1983 को काम करना शुरू किया था।उस दिन अमेरिका के रक्षा विभाग द्वारा संचालित अर्पानेट नेटवर्क की जगह सम्पूर्ण तौर पर इंटरनेट प्रोटोकॉल सूट (आईपीएस) संचार प्रणाली के उपयोग को अपना लिया गया। इसी से आगे चलकर वर्ल्ड वाइड वेव (डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू) मार्ग प्रशस्त हुआ।वेल्स के वैज्ञानिक डोनाल्ड डेविस की डिजाइन पर आधारित अर्पानेट नेटवर्क ने 1960 के दशक के आखिरी वर्षो में सैन्य परियोजना के तौर पर काम करना शुरू किया था।1973 में आईपीएस और ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकॉल प्रौद्योगिकी पर काम शुरू हुआ। इसे इसलिए तैयार किया गया क्योंकि पुराने नेटवर्क कंट्रोल प्रोग्राम (एनसीपी) में खामियां थीं।ब्रिटेन के कम्प्यूटर वैज्ञानिक टिम बर्नर्स-ली ने बाद में 1989 में हाईपरटेक्स्ट डॉक्यूमेंट में इंटरनेट प्रोटोकॉल का उपयोग किया, जिसे वर्ल्ड वाइड वेव के नाम से जाना जाता है।

पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम

मौजूदा वक्त में पूरे देश में 47 पुलिस कमीश्नर हैं जबकि बाकी जगह डीजीपी और आईजी समेत एसएसपी स्तर के अफसर कानून व्यवस्था संभालते हैं। पुलिस कमिश्‍नर प्रणाली की तहत अधिकारियों के पास ज्यादा अधिकार रहते हैं.जबकि मौजूदा वक्त में जो व्यवस्था है उसके तहत मजिस्ट्रेट के पास व्यापक अधिकार रहते हैं। लिहाज़ा जिले में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस को मजिस्ट्रेट पर निर्भर रहना पड़ता है। जिन शहरों की आबादी 10 लाख से ज्यादा है वहां कमिश्‍नर की नियुक्ति की जाती है। दिल्ली में 1979 में जेएन चतुर्वेदी को पहला पुलिस कमिश्नर नियुक्त किया गया। पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम कोलकाता में अंग्रेज़ों के ज़माने से लागू है, दक्षिण भारतीय राज्यों में इसे प्रमुखता से लागू किया गया है।

‘ई बराबर एमसी स्क्वायर’ अंतरिक्ष में भी सही है या नहीं

प्रसिद्ध सूत्र अल्बर्ट आइंस्टिन के ‘ई बराबर एमसी स्क्वायर’ अंतरिक्ष में भी सही है या नहीं इस बात की जांच करने के लिए भैतिकविज्ञानी इस सिद्धांत का परीक्षण अंतरिक्ष में करना चाहते हैं। एरिजोना विश्वविद्यालय’ के भौतिकविज्ञान के प्रोफेसर आंद्रेई लेबेद ने अंतरिक्ष में इस सिद्धांत के परीक्षण की बात कह कर पूरे भौतिकविज्ञान समुदाय को हिला दिया है। उन्होंने ‘फ्लैट स्पेस’ में ‘ई बराबर एमसी स्क्वायर’ के सही होने की जांच करने के लिए अंतरिक्ष यान से हाईड्रोजन के अणुओं को अंतरिक्ष ले जाने की बात कही है

हमारी आकाशगंगा में कम से कम 100 अरब ग्रह हैं...

हमारी आकाशगंगा में कम से कम 100 अरब ग्रह हैं। हर तारे के लिए कम से कम एक ग्रह है और ज्यादातर ग्रहों में जीवन की संभावना हो सकती है। नए अध्ययन में खगोलविदों ने कहा है कि ग्रहों के साथ साथ तारा प्रणालियां पूरे ब्रह्मांड में फैली हैं।कैलिफोर्निया इन्स्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के खगोलविदों ने केपलर 32 नामक तारे की कक्षा में मौजूद ग्रहों तथा हमारी आकाशगंगा के ग्रहों का प्रतिनिधित्व करने वाली प्रणालियों के अध्ययन के दौरान यह निष्कर्ष निकाला।

पिछले तीन साल में पाक ने करीब 200 से ज्यादा बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया ..

पिछले तीन साल में पाक ने करीब 200 से ज्यादा बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया है। जबकि नवंबर 2003 में संघर्ष विराम की घोषणा की गई थी.वर्ष 2013 के पहले हफ्ते में पाकिस्तानी सेना ने संघर्ष विराम का उल्लंधन करते हुए भारतीय सीमा में घुसकर फायरिंग शुरू कर दी। हमले में भारत के दो जवान लांसनायक हेमराज और सुधाकर सिंह शहीद हो गए। हाल में लातेहार में हुए नक्सली हमले में पाक निर्मित हथियार मिले थे जिससे नक्सली को पाकिस्तानी मदद की पुष्टि होती है।

वियतनाम में इंसान का करीब 3,500 साल पुराना अवशेष मिला है..

वियतनाम के एक मकबरे में इंसान का करीब 3,500 साल पुराना अवशेष मिला है। समझा जाता है कि वह इंसान फुंग नगुयेन काल में जीवित था। अवशेष हनोई से 40 किलोमीटर दूर विन्ह फुक प्रांत के उत्तरी हिस्से में डांग डाउ स्थान पर मिला है। माना जाता है कि यह अवशेष 1.6 मीटर लम्बे इंसान का हो सकता है।वियतनाम में फुंग नगुयेन काल करीब 4,000-3,500 साल पहले शुरुआती कांस्य-युग के दौरान की संस्कृति थी। फुंग नगुयेन नाम फुंग नगुयेन गांव में एक पुरातात्विक स्थान से लिया गया है। कुछ अन्य शिल्पकृतियां भी पाई गई हैं, जिनमें पत्थर की कुल्हाड़ियां, खाद्य पदार्थ काटने वाले उपकरण, कांस्य के कमान, पत्थर से बने बर्तन तथा आभूषण, जानवरों के सींग तथा हड्डियां शामिल हैं।

शुंगलू समिति

पूर्व नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक पी के शुंगलू की अध्यक्षता वाली उच्चस्तरीय समिति ने मार्च 2011 में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिख कर कैग, लेखा महानियंत्रक :सीजीए:, दिल्ली सरकार के अधीन लेखा नियंत्रक, केंद्रीय सतर्कता आयोग और दिल्ली विकास प्राधिकरण में बदलाव का सुझाव दिया था। सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत एक आवेदन पर पीएमओ ने कहा कि पूर्व कैग और उच्चस्तरीय समिति के अध्यक्ष वीके शुंगलू द्वारा 29 मार्च, 2010 को भेजा गया वह पत्र मंत्रियों के एक समूह को भेज दिया गया है ताकि उच्चस्तरीय समिति की रिपोर्टों से जुड़े मुद्दे पर गौर किया जा सके.

Tuesday, January 8, 2013

2005 में जूवेनाइल जस्टिस केयर एंड प्रोटेक्शन एक्ट में संशोधन किया गया था..

2005 में जूवेनाइल जस्टिस केयर एंड प्रोटेक्शन एक्ट में संशोधन किया गया था। अगर कोई शख्स 18 साल से कम है तो उसे बच्चा ही कहा जाएगा। ऐसे मामलों में अपराधी की पहचान गुप्त रखी जाती है और मामला जूवेनाइल जस्टिस बोर्ड को भेजा जाता है। इसके पीछे मकसद यह है कि नाबालिग को सुधारा जाए। उसे सुधार गृह में भेजा जाता है। सजा देने के बदले जूवेनाइल को सुधारने का प्रावधान है।

रेटिंग एजेंसी फिच ने भारत की क्रेडिट रेटिंग नेगेटिव पर बरकरार रखी ..

सरकार ने बजट में वित्त वर्ष 2013 के लिए 5.3 फीसदी के वित्तीय घाटे का लक्ष्य तय किया था। फिच का मानना है कि भारतीय सरकार वित्तीय घाटे का लक्ष्य हासिल नहीं कर पाएगी। साथ ही भारत की जीडीपी ग्रोथ में गिरावट जारी रहने की आशंका है। रेटिंग एजेंसी फिच ने भारत की क्रेडिट रेटिंग नेगेटिव पर बरकरार रखी है। फिच का कहना है कि वह सरकार की तरफ से भारत के आर्थिक सुधार को लेकर उठाए गए कदमों से बहुत आश्वस्त नहीं है। आने वाले 1-2 सालों में भारत की रेटिंग और गिर सकती है।

मेडिकल बोर्ड अगर उम्र का एक्जेक्ट निर्धारण नहीं कर पाता है तो जेजे बोर्ड को यह पावर है कि वह कारण बताते हुए उसकी उम्र एक साल कम मान सकता है..

दिल्ली जूवेनाइल जस्टिस रूल 2009 के नियम 12 में उम्र तय करने की प्रक्रिया बताई गई है और उसी हिसाब से इस आरोपी की उम्र भी मानी जाएगी। नियम के मुताबिक पहले स्कूल के सर्टिफिकेट में जो उम्र है वही मानी जाएगी। अगर यह सर्टिफिकेट नहीं है तो म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन या पंचायत जो बर्थ सर्टिफिकेट देती है वह माना जाएगा। अगर यह भी नहीं है तब मैट्रिक सर्टिफिकेट के हिसाब से उम्र मानी जाएगी। अगर इन तीनों में से कुछ भी नहीं है सिर्फ तभी मेडिकल बोर्ड गठित किया जाएगा. मेडिकल बोर्ड जब एज तय करता है तो वह एक तय एज नहीं देता है बल्कि रेंज में बताता है। जैसे 17 से 19 साल या 18 से 20 साल.

जुवेनाइल कानून

जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के गाइडलाइंस के मुताबिक 18 साल से कम के आरोपी को 'सजा' नहीं दी जाती बल्कि उसका 'सुधार' किया जाता है। ये गाइडलाइंस यूएन कन्वेंशन ऑफ राइट्स ऑफ चाइल्ड द्वारा निर्धारित मानकों के अनुरूप बनाए गए हैं। अब जुवेनाइल कानून को बदलने की मांग की जा रही है. मांग है कि जुवेनाइल उम्र को घटा कर 18 से 16 कर दिया जाए। सन् 2000 में यह उम्र 16 साल ही थी, जिसे संशोधित करके 18 कर दिया गया था। अब अगर इसे फिर से संशोधित कर दिया जाए तो भी यह इस केस के नाबालिग आरोपी पर लागू नहीं हो पाएगा क्योंकि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 20 (1) के मुताबिक, जब अपराध होता हो तो उस वक्त जो कानून है, उसी के तहत ही सजा सुनाई जा सकती है। इस अनुच्छेद में परिवर्तन के लिए सरकार को संविधान में संशोधन करना होगा, जिसके लिए संसद में दो तिहाई बहुमत अनिवार्य है।

Saturday, January 5, 2013

मंगल ग्रह अभियान

भारत अपने अंतरिक्ष कार्यक्रम के तहत इस साल के अक्तूबर माह में मंगल ग्रह पर अपना यान भेजेगा. मंगल ग्रह अभियान वहां पर जीवन की तलाश करेगा. साथ ही ये भी जानने की कोशिश होगी कि वहां वायुमण्डल का ख़ात्मा किस तरह से हुआ.ये यान पीएसएलवी-एक्सएल के ज़रिए अंतरिक्ष में श्रीहरिकोटा से छोड़ा जाएगा. योजना के मुताबिक़ यान धरती की कक्षा से नवंबर के आख़िरी हफ्ते में निकल जाएगा जिसके बाद उसकी 300 दिनों की यात्रा शुरू होगी.मंगल की कक्षा में पहुंचने के बाद सैटेलाइट में मौजूद रंगीन कैमरा और इंफ्रा-रेड स्पेक्टोमीटर वहां की तस्वीरें लेना प्रारंभ कर देंगे. जबकि यान में लगा लिम्फा-अल्फ़ा फोटोमीटर वायुमण्डल में मौजूद हाइड्रोजन की मात्रा मापेगा.

बैंकएश्योरेंस

बीमा नियामक विकास प्राधिकरण फरवरी के पहले सप्ताह तक 'बैंकएश्योरेंस' के बारे में अंतिम दिशा-निर्देश लाएगा। इरडा के चेयरमैन जे हरि नारायण ने यह जानकारी दी। इश्योरेंस ब्रोकर्स असोसिएशन के एक कार्यक्रम के मौके पर हरि नारायण ने कहा, 'अंतिम दिशा-निर्देश फरवरी के पहले सप्ताह तक आएंगे।'बैंकएश्योरेंस मॉडल के तहत बैंक बीमा कंपनियों के उत्पाद बेचते हैं। मौजूदा कानून के तहत बैंक किसी एक कंपनी के बीमा उत्पाद एजेंट के रूप में बेच सकते हैं।