Tuesday, January 15, 2013

कालाजार

मलेरिया के बाद दुनिया में सबसे ज्यादा मौतें कालाजार से होती हैं. कालाजार धीरे-धीरे फैलने वाला रोग है। सैंडफ्लाइ मक्खियां इस घातक परजीवी की वाहक होती हैं, जिसे जीनस लिस्मैनिएसिस के नाम से भी जाना जाता है। काला बुखार का परजीवी शरीर के कई महत्वपूर्ण अंगों को प्रभावित करता है। इसका सबसे ज्यादा असर लिवर, प्लीहा और मेरू रज्जा पर पड़ता है और यदि समय रहते इसका इलाज नहीं किया गया तो यह जानलेवा भी साबित हो सकता है।नेचर जेनेटिक्स पत्रिका के मुताबिक, सबसे ज्यादा भारत, बांग्लादेश, नेपाल, सूडान, दक्षिणी सूडान, इथोपिया और ब्राजील के लोग इसकी चपेट में आते हैं। अनुमान है कि प्रतिवर्ष करीब एक करोड़ 20 लाख लोग कालाजार का शिकार बनते हैं और हर साल करीब 15 लाख नए लोग इसकी चपेट में आते हैं।

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