केन्द्र सरकार ने 26 सितंबर को राज्य सरकारों के लिए नए दिशा-निर्देश तैयार करके न्यायालय में पेश किए थे। इन दिशा-निर्देशों में सरकार ने कहा था कि बाघों की आबादी के संरक्षण के लिए नई पर्यटन संरचनाओं का सृजन किया जाएगा। इसके तहत नियंत्रित और कम प्रभाव वाली पर्यटक गतिविधियों के लिए बाघों के पर्यावास के सघन इलाके में अधिकतम 20 फीसदी क्षेत्र का ही इस्तेमाल किया जा सकेगा।
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