Monday, October 29, 2012
सांची बौद्ध स्तूप
सांची, काकानाया, काकानावा, काकानाडाबोटा तथा बोटा श्री पर्वत के नाम से प्राचीन समय में जाना जाता था.सांची के स्तूप अपने प्रवेश द्वार के लिए उल्लेखनीय है, इनमें बुद्ध के जीवन से ली गई घटनाओं और उनके पिछले जन्म की बातों का सजावटी चित्रण है।सांची को जनरल टेलर, एक ब्रिटिश अधिकारी ने दोबारा खोजा, जो आधी दबी हुई और अच्छी तरह संरक्षित अवस्था में था। 1912 में सर जॉन मार्शल, पुरातत्व विभाग के महानिदेशक इस स्थल पर खुदाई के कार्य का आदेश दिया.शूंग के समय में सांची में और इसकी पहाडियों के आस पास अनेक मुख द्वार तैयार किए गए थे।
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