असहयोग आन्दोलन से पहले गांधी जी ने कैसर-ए-हिन्द पुरस्कार को लौटा दिया. 1915 के नए साल के खिताबों में उन्हें सरकार की ओर से 'कैसर-ए-हिन्द' स्वर्ण पदक प्रदान किया गया.राय बहादुर की उपाधि से सम्मानित जमनालाल बजाज ने भी यह उपाधि वापस कर दी. पश्चिमी भारत, बंगाल तथा उत्तरी भारत में असहयोग आन्दोलन को अभूतपूर्व सफलता मिली।
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