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Sunday, October 28, 2012
आगरे के किले में मूलत: चार प्रवेश द्वार थे..
आगरे के किले में मूलत: चार प्रवेश द्वार थे, जिनमें से दो को आगे चलकर बंद कर दिया गया। आज दर्शकों को अमर सिंह गेट से प्रवेश करने की अनुमति है। शाहजहां द्वार निर्मित पूरी तरह से संगमरमर का बना हुआ खास महल विशिष्ट इस्लामिक - पर्शियन विशेषताओं का प्रदर्शन करता है। इनके साथ हिन्दु विशेषताओं की एक अद्भुत श्रृंखला भी मिश्रित की गई है जैसे कि छतरियां। इसे बादशाह का सोने का कमरा या आरामगाह माना जाता है। खास महल में सफेद संगमरमर की सतह पर चित्र कला का सबसे सफल उदाहरण दिया गया है। खास महल की बांईं ओर मुसम्मन बुर्ज है जिसका निर्माण शाहजहां ने कराया था। यह सुंदर अष्टभुजी स्तंभ एक खुले मंडप के साथ है। इसका खुलापन, ऊंचाइयां और शाम की ठण्डी हवाएं इसकी कहानी कहती है। यही वह स्थान है जहां शाहजहां ने ताज को निहारते हुए अंतिम सांसें ली थी।
आगरे का लाल किला
यह किला लाल सैंड स्टोन से बना है और 2.5 किलोमीटर लम्बी दीवार से घिरा हुआ है. इसमें अनेक विशिष्ट भवन हैं जैसे मोती मस्जिद, दीवान ए आम, दीवान ए खास, मुसम्मन बुर्ज - जहां मुगल शासक शाह जहां की मौत 1666 ए. डी. में हुई, जहांगीर का महल और खास महल तथा शीश महल। आगरे के किले का निर्माण 1656 के आस पास शुरु हुआ, जब आरंभिक संरचना मुगल बादशाह अकबर ने निर्मित कराई, इसके बाद का कार्य उनके पोते शाह जहां ने कराया, जिन्होंने किले में सबसे अधिक संगमरमर लगवाया।
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