1995 से लेकर 2011 के बीच 2,90,470 किसानों ने आत्महत्या की. यह संख्या औसतन 17,000 किसान प्रतिवर्ष है, जो बढ़ते हुए कर्ज से बचने के लिए जानलेवा कदम उठाते हैं. इससे ज्यादा भयावह और कुछ नहीं हो सकता है कि देश में हर घंटे कहीं न कहीं दो किसान आत्महत्या करते हैं.
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