Wednesday, October 17, 2012

तटबंध से नदियों को बाँधने के बाद जल भराव व बाढ़ से तबाही

बिहार में बाढ़ के लिहाज से 1954, 1974 व 2004 बहुत भयावह वर्ष रहे हैं।1954 से पहले जब तक नदियों को तटबंध में नहीं बाँधा गया था, पानी को बहने के लिये काफी खुली जगह मिलती थी, पानी कितना भी तेज हो जन-धन हानि बहुत अधिक नहीं होती थी। तटबंध से नदियों को बाँधने के बाद जल भराव व बाढ़ से तबाही होना शुरु हो गया।

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