जैव विविधता को बनाये रखने, जल संरक्षण तथा जल की उपलब्धता के लिए आर्द्र भूमि आवश्यक है। कश्मीर घाटी में 600 छोटी तथा बड़ी आर्द्र भूमियां हुआ करती थीं। अब केवल 10 से 15 आर्द्र भूमि बची हैं.वूलर झील के विशिष्ट जलीय और सामाजिक-आर्थिक महत्व को महसूस करते हुए केन्द्रीय पर्यावरण और वन मंत्रालय ने इसे अपने आर्द्र भूमि कार्यक्रम में 1986 में राष्ट्रीय महत्व की आर्द्र भूमि के रुप में शामिल किया।
No comments:
Post a Comment