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Saturday, September 22, 2012
सभी मरेंगे- साधु या असाधु, धनी या दरिद्र - सभी मरेंगे--स्वामी विवेकानन्द
सभी मरेंगे- साधु या असाधु, धनी या दरिद्र - सभी मरेंगे। चिर काल तक किसी का शरीर नहीं रहेगा। अतएव उठो, जागो और संपूर्ण रूप से निष्कपट हो जाओ। भारत में घोर कपट समा गया है। चाहिए चरित्र, चाहिए इस तरह की दृढ़ता और चरित्र का बल, जिससे मनुष्य आजीवन दृढ़व्रत बन सके।
मानव - देह ही सर्वश्रेष्ठ देह है, एवं मनुष्य ही सर्वोच्च प्राणी है--स्वामी विवेकानन्द
मानव - देह ही सर्वश्रेष्ठ देह है, एवं मनुष्य ही सर्वोच्च प्राणी है, क्योंकि इस मानव - देह तथा इस जन्म में ही हम इस सापेक्षिक जगत् से संपूर्णतया बाहर हो सकते हैं - निश्चय ही मुक्ति की अवस्था प्राप्त कर सकते हैं, और यह मुक्ति ही हमारा चरम लक्ष्य है।
उठो, जागो और तब तक रुको नहीं जब तक मंजिल प्राप्त न हो जाये-स्वामी विवेकानन्द
उठो, जागो और तब तक रुको नहीं जब तक मंजिल प्राप्त न हो जाये-स्वामी विवेकानन्द
राष्ट्रीय युवा दिवस
स्वामी विवेकानन्द के जन्म दिवस को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है।(जन्म- 12 जनवरी, 1863)विवेकानंद ने 1897 में कलकत्ता में रामकृष्ण मिशन और 1898 में कलकत्ता के निकट गंगा नदी के किनारे बेलूर में रामकृष्ण मठ की स्थापना की।
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