Wednesday, February 6, 2013

दोहा में क्योतो प्रोटोकॉल की अवधि बढ़ाने पर सहमति बन गई, जिसके मुताबिक 2020 तक धनी देशों में ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन नियंत्रित किया जाएगा...

विकसित देश उत्सर्जन-कटौती में बराबरी का हक चाहते हैं, जो विकासशील देशों को मंजूर नहीं है। जी-77 समूह के देशों का मानना है कि विकसित देशों पर पहले किए गए वादों को पूरा करने के लिए दबाव डाला जाना चाहिए, जिसके प्रति वे उदासीन नजर आते हैं। दोहा में क्योतो प्रोटोकॉल की अवधि बढ़ाने पर सहमति बन गई, जिसके मुताबिक 2020 तक धनी देशों में ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन नियंत्रित किया जाएगा। करीब दो सौ देशों ने क्योतो प्रोटोकॉल को अगले आठ साल तक कायम रखने पर सहमति जताई। लेकिन यह समझौता सिर्फ विकसित देशों पर लागू होगा, जो दुनिया के कुल ग्रीनहाउस गैसों का पंद्रह प्रतिशत उत्सर्जन करते हैं।

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