Wednesday, February 6, 2013

दोहा में यूएनएफसीसीसी का रुख कमजोर हुआ...

जलवायु परिवर्तन की वैश्विक चुनौती से निपटने के लिए वर्ष 1992 में यूएनएफसीसीसी द्वारा आरंभ की गई प्रक्रिया दोहा आकर खत्म हो गई। यह मानव अस्तित्व पर मंडराते खतरे से निपटने का एक सहयोगपूर्ण और बहुस्तरीय प्रयास है जो पूरी तरह कानून सम्मत है। दोहा में यूएनएफसीसीसी का रुख कमजोर हुआ है.वर्ष 2009 में कोपेनहेगन जलवायु सम्मेलन के वक्त से ही और उसके बाद कानकुन, डरबन और अब दोहा में सीओपी बैठक में भी यही बात सामने आई है कि कुछ अहम मसलों पर विकासशील देशों के साथ काम करना एक कभी न खत्म होने वाली लंबी प्रक्रिया सरीखा है।

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