Wednesday, February 6, 2013

चीन विश्व में ग्रीनहाउस गैसों का सर्वाधिक उत्सर्जन करने वाला देश बन गया है...

करीब 200 देशों ने क्योतो प्रोटोकॉल को अगले आठ साल तक कायम रखने पर सहमति जताई। लेकिन यह समझौता कुछ ही देशों पर लागू होगा, जो दुनिया की कुल ग्रीनहाउस गैसों का 15 प्रतिशत उत्सर्जन करते हैं। यूरोपीय संघ, ऑस्ट्रेलिया, स्विट्जरलैंड और आठ अन्य औद्योगिक राष्ट्रों ने 2020 तक उत्सर्जन कटौती के बाध्यकारी समझौते पर हस्ताक्षर किए। कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष अब्दुल्ला बिन हमद अल अतिया ने इस समझौते को 'दोहा क्लाइमेट गेटवे' बताया।2015 में क्योटो प्रोटोकॉल की जगह एक अन्य समझौते पर सहमति बने जो दुनिया के सभी देशों पर लागू हो।1997 में अस्तित्व में आए क्योटो प्रोटोकॉल के मुताबिक 2012 तक विकसित देशों को कार्बन उत्सर्जन में 1990 के स्तर से पांच फीसदी तक की कटौती करनी थी।

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