Wednesday, February 6, 2013
1992 में युनाइटेड नेशंस फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज बना था...
1992 में युनाइटेड नेशंस फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज बना था और तभी से जलवायु परिवर्तन से निपटने के उपायों पर चर्चा शुरू हुई।जलवायु परिवर्तन के खतरों से निपटने के मुद्दे पर कतर की राजधानी दोहा में आयोजित वार्ता सम्मेलन समाप्त हो चुका है। यह 18 वां मौका था जब दुनिया भर के देश कार्बन उत्सर्जन पर चर्चा के लिए जुटे थे. दोहा में क्योतो प्रोटोकॉल की अवधि बढ़ाने पर सहमति बन गई, जिसके माध्यम से 2020 तक कुछेक धनी देशों में ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को नियंत्रित किया जाएगा।करीब 200 देशों ने क्योतो प्रोटोकॉल को अगले आठ साल तक कायम रखने पर सहमति जताई। लेकिन यह समझौता कुछ ही देशों पर लागू होगा, जो दुनिया की कुल ग्रीनहाउस गैसों का 15 प्रतिशत उत्सर्जन करते हैं।
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जलवायु परिवर्तन
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