1985 के अप्रैल में गंगा एक्शन प्लान की शुरुआत हुई और बीस सालों में इस पर 1200 करोड़ रुपये खर्च हुए। लोकलेखा समिति ने अपनी 2006 की रिपोर्ट में बताया था कि गंगा एक्शन प्लान (प्रथमचरण) 1990 तक समाप्त करने की योजना थी। प्रगति धीमी होने के कारण इसका समय 2001-2008 तक बढाया गया।
यही तो हमारी खासियत है की हम सब्र से काम करते हैं ,
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