लगभग 6 लाख सहकारी समितियों और लगभग 24.92 करोड़ सदस्यों के नेटवर्क के साथ भारत का सहकारिता आंदोलन विश्व के एक सबसे बड़े आंदोलन के रूप में उभरा है। भारत में अनेक क्षेत्रों में सहकारिता आंदोलन चल रहा है लेकिन इनकी कृषि, उर्वरक और दूध उत्पादन में अधिक भागीदारी है.
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