हाल के सालों में प्रदूषण के स्तर का लगातार बढ़ने का कारण स्पंज आयरन संयंत्र बहुत बड़े कारक हैं. आयरन और कोक के मेल्ट होने के बाद संयंत्रों की चिमनियों से कार्बन डाईआक्साइड व कार्बन मोनोऑक्साइड का डिपाजिट निकलना शुरू हो जाता है. साथ ही भारी मात्रा में ब्लैक कार्बन निकलने लगता है.
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