सन् १९६४ में भारत की केन्द्रीय सरकार ने डॉ दौलतसिंह कोठारी की अध्यक्षता में स्कूली शिक्षा प्रणाली को नया आकार व नयी दिशा देने के उद्देश्य से एक आयोग का गठन किया. कोठारी उस समय विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष थे। आयोग ने भारतीय स्कूली शिक्षा की गहन समीक्षा प्रस्तुत की.आयोग ने समान स्कूल प्रणाली की वकालत की.सामान्य पाठयक्रम के जरिए बालक-बालिकाओं को विज्ञान व गणित की शिक्षा दी जाय। 25 फीसदी माध्यमिक स्कूलों को ‘व्यावसायिक स्कूल’ तब्दील कर दिया जाय।
No comments:
Post a Comment