साठ के दशक के उत्तरार्ध में पंजाब में हरित क्रांति ने चमत्कारी परिणाम दिखाए. ख़ासतौर से 1969 में जब गेहूँ का उत्पादन 1965 की तुलना में क़रीब 50 प्रतिशत बढ़ा.सन् 1965 में भारत के कृषि मंत्री थे सी सुब्रमण्यम. उन्होंने गेंहू की नई क़िस्म के 18 हज़ार टन बीज आयात किए, कृषि क्षेत्र में ज़रूरी सुधार लागू किए, कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से किसानों को जानकारी उपलब्ध कराई, सिंचाई के लिए नहरें बनवाईं और कुंए खुदवाए.
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