Thursday, October 4, 2012

योजना आयोग ने 12वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान जल संसाधनों को तर्कसंगत और सतत तरीके से प्रबंध करने की चुनौतियों को गंभीर चुनौतियों में से एक माना है..

योजना आयोग ने 12वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान जल संसाधनों को तर्कसंगत और सतत तरीके से प्रबंध करने की चुनौतियों को गंभीर चुनौतियों में से एक माना है, इसके लिए कई मोर्चों पर कार्रवाई तथा हमारी आर्थिकी के विभिन्‍न क्षेत्रों में परस्पर समन्‍वय की आवश्यकता होगी। राष्‍ट्रीय जल नीति का प्रारूप जल संसाधनों की योजना और प्रबंधन के लिए इकाई के रूप में नदी घाटी/उप घाटी के सुझाव देता है तथा यह प्रस्‍ताव करता है कि केंद्र और राज्‍य स्‍तर पर विभागों/संगठनों की पुनर्संरचना के साथ-साथ इसे बहुपक्षीय बनाया जाना चाहिए। यह प्रत्‍येक राज्‍य में जल नियामक प्राधिकरणों की स्‍थापना तथा विभिन्न राज्‍यों के बीच जल से संबंधित मुद्दों पर चर्चा के जरिये सहमति, सहयोग और सामंजस्‍य बनाने के लिए एक राष्‍ट्रीय मंच की स्‍थापना का भी प्रस्‍ताव करता है।

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