भारत में लघु पनबिजली (एसएचपी) को 25 मेगावाट तक मानकीकृत किया गया है। भारत में लगभग 15 हजार मेगावाट की अनुमानित लघु पनबिजली क्षमता है जिसमें से मात्र 20 प्रतिशत का दोहन किया गया है। 12वीं पंचवर्षीय योजना में लघु पनबिजली से 2000 मेगावाट अतिरिक्त बिजली पैदा करने की क्षमता तैयार की जाएगी।
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