हमारा सारा ज्ञान एवं सारी योग्यताएं जिज्ञासा के बिना व्यर्थ हैं--रबींद्रनाथ टैगोर
Saturday, October 6, 2012
बाल गंगाधर तिलक और राजा राममोहन राय को अंग्रेजी शिक्षा की छूत न लगती, तो वे ज्यादा महान व्यक्ति होते..
उड़ीसा में अप्रैल 1921 में दिए गए अपने भाषण में गांधीजी ने अंग्रेजी शिक्षा को पूरी तरह से राक्षसी बताया। गांधीजी ने यह तक कहा था कि बाल गंगाधर तिलक और राजा राममोहन राय को अंग्रेजी शिक्षा की छूत न लगती, तो वे ज्यादा महान व्यक्ति होते।
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