सन 1589, गुरु अर्जुन देव के एक शिष्य शेखमियां मीर ने सरोवर के बीच में स्थित स्वर्ण-मन्दिर की नींव डाली। 1757 ई. में वीर सरदार बाबा दीपसिंह जी ने मुसलमानों के अधिकार से इस मन्दिर को छुड़ाया.स्वर्ण मंदिर का निर्माण कार्य सितंबर 1604 में पूरा हुआ. गुरु अर्जन साहिब ने गुरु ग्रंथ साहिब की स्थापना श्री हरमंदिर साहिब में की.
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