गोलकोंडा किला तेरहवीं शताब्दी में काकतिया राजवंश द्वारा निर्मित किया गया था। गोलकोंडा किला अपने समय की ''नवाबी'' संस्कृति का अद्भुत चित्रण करता है। ''चरवाहे की पहाड़ी'' या ''गोला कोंडा'', जिसे तेलुगु में लोकप्रिय रूप से यह नाम दिया गया है. गोलकोंडा किले को 17वीं शताब्दी तक हीरे का एक प्रसिद्ध बाजार माना जाने लगा। इससे दुनिया को कुछ सर्वोत्तम ज्ञात हीरे मिले, जिसमें ''कोहिनूर'' शामिल है।
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