Monday, November 12, 2012

यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते-रमन्ते तत्र देवता

समुद्र मंथन में जिन 14 रत्नों की प्राप्ति हुई, उनमें लक्ष्मी यानी धन संपत्ति की देवी भी थीं। वह समृद्धि, ऐश्वर्य प्रदान करती हैं। इसी तरह समुद्र मंथन के दौरान ही धनवंतरि भी उद्घाटित हुए जिससे जीवन मूल्यों, जीवन जीने की संहिताएं व स्वास्थ्य सुदृढ़ बनाने के उपाय व्यवहार में लाए गए। भारतीय संस्कृति में नारी को नारायणी अर्थात गृहलक्ष्मी निरूपित करते हुए मान्यता प्रदान की है कि 'यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते-रमन्ते तत्र देवता' कहा गया है.

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