दिवाली पर्व की शुरुआत धनतेरस के दिन से ही शुरू हो जाती है. पौराणिक कथाओं के मुताबिक त्रयोदशी के इसी दिन समुद्र मंथन के वक्त आयुर्वेद के जन्मदाता भगवान धन्वंतरि हाथ में अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे इसीलिए इसे धनतेरस कहा जाता है। दीया जलाने का आध्यात्मिक अर्थ है, हम अपने भीतर जो आत्मा का प्रकाश है, उसका अनुभव करें।इस दिन नया स्वर्ण व चांदी खरीदना या जो घर में रखा है, उसे बाहर निकालकर उसकी पूजा करना शुभ माना जाता है।
No comments:
Post a Comment