सुप्रीम कोर्ट ने कई दशक पूर्व बिहार के ‘केदारनाथ सिंह’ फैसले में आईपीसी की धारा 124 ए की जांच की थी। अदालत ने इसे संविधान सम्मत तो ठहराया था, लेकिन इसके दायरे को सीमित कर दिया था। इस धारा में यह एक तरह का संशोधन ही था। कोर्ट ने कहा कि इस धारा को किसी के खिलाफ तभी लागू किया जा सकेगा, जब उसके कृत्य से व्यापक हिंसा भड़क उठी हो।
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