हमारा सारा ज्ञान एवं सारी योग्यताएं जिज्ञासा के बिना व्यर्थ हैं--रबींद्रनाथ टैगोर
Saturday, September 29, 2012
पंचायती राज
यह ग्राम स्तर पर स्वशासन की प्रणाली की व्यवस्था करता है,1992 तक इसे कोई संबैधानिक दर्जा प्राप्त नहीं था। संविधान (73वां संशोधन) अधिनियम, 1992 के माध्यम से पंचायती राज संस्थाओं को संबैधानिक दर्जा हासिल कराया गया.
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