Sunday, September 30, 2012

स्मॉल इज ब्यूटिफुल

स्मॉल इज ब्यूटिफुल के लेखक ई. एफ. शूमाकर हालांकि एक अर्थशास्त्री थे, उनकी नजर में पैसे का मोल इंसान के बाद था। उन्होंने यह विचार-दृष्टि गांधी जैसे चिंतक से पाई थी, जिनकी इस किताब पर गहरी छाप है।

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