मार्कण्डेय पुराण दुर्गा चरित्र एवं दुर्गा सप्तशती के वर्णन के लिए प्रसिद्ध है। इसे शाक्त सम्प्रदाय का पुराण कहा जाता है. आयुर्वेद के सिद्धान्तों के अनुसार शरीर-विज्ञान का सुन्दर विवेचन भी इसमें है.'मार्कण्डेय पुराण' में संन्यास के बजाय गृहस्थ जीवन में निष्काम कर्म पर विशेष बल दिया गया है.
हं और हिन्दू धर्म का यही मूल भाव है ....
ReplyDelete-------ये प्रमाणी कारण हटा दो बहुत कष्ट होता है टिप्पणी में ..