हस्तिनापुर के गंगा की बाढ से बह जाने के बाद 900 ई. पू. के लगभग पांडवों के वंशज कौशांबी चले गये. युधिष्ठिर ने राजसूय यज्ञ इन्द्रप्रस्थ में ही किया था.विष्णु पुराण में भी इन्द्रप्रस्थ का उल्लेख है। । पुराने क़िले के भीतर कई स्थानों का संबंध पांडवों से बताया जाता है।
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