हमारा सारा ज्ञान एवं सारी योग्यताएं जिज्ञासा के बिना व्यर्थ हैं--रबींद्रनाथ टैगोर
Wednesday, September 12, 2012
धर्म
आज धर्म का उपयोग हर व्यक्ति अपनी अस्मिता और निजी पहचान को बनाए रखने तथा अपने स्वार्थों की पूर्ति के लिए कर रहा है। राजनीतिक दलों के लिए तो यह एक संवेदनशील हथियार बन चुका है.
आपने सच लिखा है और वास्तविकता यही है की मौकापरस्ती और राजनेताओं के वोट बैंक का सबसे बड़े हथियार के रूप में खिलौना बन गया है धर्म और इअसके विकृत रूप ने वर्तमान पीढ़ी के मन से आस्था ही खत्म कर दी है|
आपने सच लिखा है और वास्तविकता यही है की मौकापरस्ती और राजनेताओं के वोट बैंक का सबसे बड़े हथियार के रूप में खिलौना बन गया है धर्म और इअसके विकृत रूप ने वर्तमान पीढ़ी के मन से आस्था ही खत्म कर दी है|
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