प्रारंभ में 1000 मेगावाट के इस परमाणु संयंत्र में 70 टन समृद्ध युरेनियम भरा जाएगा. इससे उत्पादित बिजली तमिल नाडू,केरल,पुदुचेरी और कर्नाटक राज्यों की दी जायेगी. एईआरबी ने हाल ही में इस संयंत्र का निरक्षण-परिक्षण किया था और इसे परमाणु विद्युत उत्पादन के सवर्था योग्य पाया था
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