हमारा सारा ज्ञान एवं सारी योग्यताएं जिज्ञासा के बिना व्यर्थ हैं--रबींद्रनाथ टैगोर
भगिनी निवेदिता लिखेंगे तो ज्यादा अच्छा लगेगा।
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