केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के अध्यक्ष की अध्यक्षता में एक समिति 27 मई 2011 को गठित की गई, जिसका मकसद काले धन को जब्त करने, उसे राष्ट्रीय संपत्ति घोषित करने तथा कठोर सजा के प्रावधान सुझाना है। भ्रष्टाचार के मामलों की सुनवाई के लिए विशेष न्यायालयों की संख्या 71 करने का निर्णय हो चुका है। 26 जनवरी 2012 को भारत ने कर मामलों पर परस्पर प्रशासनिक सहायता बहुपक्षीय अंतरराष्ट्रीय समझौते (एएएमए) पर हस्ताक्षर किया।
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