जिज्ञासा
हमारा सारा ज्ञान एवं सारी योग्यताएं जिज्ञासा के बिना व्यर्थ हैं--रबींद्रनाथ टैगोर
Friday, August 24, 2012
रज़िया
फ़रिश्ता लिखता है कि "वह शुद्ध उच्चारण करके क़ुरान का पाठ करती थी तथा अपने पिता के जीवन काल में शासन कार्य किया करती थी।"
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