56 प्रतिशत किशोरियां अनीमिक (अल्परक्तता) होती हैं जबकि इसकी तुलना में 30 प्रतिशत किशोर अरक्तता के शिकार होते हैं। अअल्परक्तता की शिकार किशोरी माताओं को गर्भपात, जच्चा मृत्यु और मृत शिशु पैदा होने तथा कम वजन के बच्चे पैदा होने का उच्च जोखिम होता है.
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