हमारा सारा ज्ञान एवं सारी योग्यताएं जिज्ञासा के बिना व्यर्थ हैं--रबींद्रनाथ टैगोर
Saturday, August 18, 2012
मोहम्मद इकबाल
इकबाल एक मानवतावादी थे ,जिन्होंने मानव कर्म को प्रमुख धर्म की स्थिति में पहुँचा दिया ।
उनके विचार में स्थिति को निष्क्रिय रूप में स्वीकार करने से बड़ा कोई पाप नही है ।
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