Wednesday, August 15, 2012

मूलशंकर

पिता के कहने पर मूलशंकर(स्वामी दयानन्द सरस्वती) ने एक बार शिवरात्रि का व्रत रखा. लेकिन जब उन्होंने देखा कि एक चुहिया शिवलिंग पर चढ़कर नैवेद्य खा रही है, तो उन्हें आश्चर्य हुआ और धक्का भी लगा. उसी क्षण से उनका मूर्तिपूजा पर से विश्वास उठ गया.अपनी शादी की तैयारी  बारे में जानकार उन्हें दुःख हुआ और वे घर से भाग निकले . सर मुंडा लिया एवं गेरुआ वस्त्र धारण कर लिया .

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