सीएजी की रिपोर्ट में कहा गया है कि कोयले खदानों की नीलामी में सही प्रक्रिया नहीं अपनाए जाने से सरकारी खजाने को 1.86 लाख करोड़ रुपये का घाटा हुआ है।टाटा, जिंदल, भूषण, जेपी और अदानी ग्रुप जैसी निजी कंपनियों को मनमानी पूर्ण तरीके से कोयला खदान आवंटित किए गए.
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