जिज्ञासा
हमारा सारा ज्ञान एवं सारी योग्यताएं जिज्ञासा के बिना व्यर्थ हैं--रबींद्रनाथ टैगोर
Sunday, September 9, 2012
सतलुज
ऋग्वेद के नदीसूक्त में इसे शुतुद्रि कहा गया है.
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