जैव विविधता पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन यानी सीबीडी पर सहमति 1992 में रियो पृथ्वी सम्मेलन के दौरान बनी थी.संयुक्त राष्ट्र के तत्वावधान में चल रहे एक अध्ययन में कहा गया है कि जंगल कम होने की वजह से ही हर वर्ष विश्व अर्थव्यवस्था को 20 से 50 खरब डॉलर का नुक़सान होता है.
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