ह्वेन त्सांग कन्नौज की धर्मसभा का अध्यक्ष था, तथा उसने प्रयाग के छठें 'महोमोक्षपरिषद' में भाग लिया था। उसने 6 वर्षो तक नालन्दा विश्वविद्यालय में अध्ययन किया। 'हूली' ह्वेन त्सांग का मित्र था जिसने ह्वेन त्सांग की जीवनी लिखी। उसे 'यात्रियों का राजकुमार' कहा जाता हैं।
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