दिसंबर, 2011 में भारत और इजराइल के कृषि मंत्रालयों ने तीन साल की एक योजना को आखिरी स्वरूप दिया। इसमें कृषि विशेषज्ञों के संयुक्त दौरे, परिचर्चाएं और किसानों के लिए कोर्स जैसी चीजें शामिल हैं।इसके तहत कई उत्कृष्टता केंद्र बनेंगे जिनसे भारत के कई राज्यों के किसानों को उस शोध और तकनीक का फायदा मिल सकेगा.
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