जिज्ञासा
हमारा सारा ज्ञान एवं सारी योग्यताएं जिज्ञासा के बिना व्यर्थ हैं--रबींद्रनाथ टैगोर
Tuesday, September 11, 2012
'दिल में इक लहर सी उठी है अभी, कोई ताजा हवा चली है अभी'
'दिल में इक लहर सी उठी है अभी, कोई ताजा हवा चली है अभी'' शोर बरपा है खान-ए दिल में, कोई दीवार गिरी है अभी।''..... गुलाम अली
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment