हमारा सारा ज्ञान एवं सारी योग्यताएं जिज्ञासा के बिना व्यर्थ हैं--रबींद्रनाथ टैगोर
Wednesday, September 26, 2012
स्वामी दयानंद
मेरी यह स्पष्ट मान्यता है कि मैं अपने देशवासियों की निर्बाध प्रगति तथा हिन्दुस्तान को सम्माननीय स्थान प्रदान कराने के लिए परमात्मा के समक्ष प्रतिदिन यही प्रार्थना करता हूँ कि मेरे देशवासी विदेशी सत्ता के चुंगल से शीघ्र मुक्त हों।'...स्वामी दयानंद.
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